शुक्रवार, 12 अप्रैल 2024

मेघालय: सियासी वर्चस्व की चुनावी जंग में एनपीपी और कांग्रेस

पिछले अरसे स शिलांग में कांग्रेस, तो तुरा सीट पर संगमा परिवार का है कब्जा 
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में पूर्वोत्तर के मेघालय की दो लोकसभा सीटों पर पहले चरण में ही 19 अप्रैल को मतदान कराया जा रहा है। राज्य की शिलांग लोकसभा सीट पर कांग्रेस का वर्चस्व रहा है, जबकि दूसरी तुरा लोकसभा सीट लंबे समय से संगमा परिवार का गढ़ रहा है। इस बार दोनों सीटों पर राज्य के सत्तारूढ़ दल भाजपा के समर्थन से शिलांग सीट पर लगातार तीन बार के सांसद एवं कांग्रेस प्रत्याशी विसेंट पाला के खिलाफ महिला उम्मीदवार को उतारा है, लेकिन तुरा सीट पर मौजूदा सांसद अगाथा संगमा के सामने भी इस बार तृणमूल कांग्रेस का प्रत्याशी आने से कड़ी चुनौती होगी। मसलन मेघालय में लोकसभा चुनाव के मुकाबले दिलचस्प होने की संभावना है। 
पूर्वोत्तर के राज्य मेघालय की दोनों सीटों पर इस बार बदले सियासी समीकरण की वजह से बहुकोणीय चुनाव की संभावना है। दरअसल राज्य की शिलांग लोकसभा सीट पर पिछले तीन दशक से कांग्रेस के कब्जे में है। भाजपा ने मेघालय की किसी भी सीट पर अपना उम्ममीदवार नहीं उतारा है। इसलिए कांग्रेस के खिलाफ चुनावी रणनीति के तहत दोनो सीटों पर सत्तारूढ नेशनल पीपुल्स पार्टी यानी एनपीपी को समर्थन देने का ऐलान किया है। उसी रणनीति कके तहत शिलांग सीट पर एनपीपी प्रत्याशी के रुप में कॉनराड संगमा सरकार में मंत्री 58 वर्षीय माजेल अम्पारीन लिंगदोह को चुनाव मैदान में उतारा है। एनपीपी को चुनाव में मिल रहे भाजपा के समर्थन से उम्मीद है कि इस बार शिलांग सीट पर भी वह अपना परचम लहराएगी? उधर 1970 के दशक के मध्य से ही संगमा परिवार के पास रही तुरा लोकसभा सीट पर तीन बार से सांसद रही पूर्व केंद्र्रीय मंत्री तथा सीएम की बहन अगाथा संगमा चुनाव मैदान में हैं। लेकिन इस बार कांग्रेस ने भी संगमा परिवार के वर्चस्व को तोड़ने की रणनीति के तहत अपना प्रत्याशी सालेंग ए संगमा को बनाया तो वहीं इस बार तृणमूल कांग्रेस ने भी इस सीट पर जेनिथ संगमा को अपना प्रत्याशी बना चुनावी मुकाबले को तीन संगमा की जंग बना दी है। मसलन इस बार मेघालय लोकसभा की दोनों सीटों पर सत्तारूढ़ और विपक्ष की रणनीति एक दूसरे के परंपरागत वर्चस्व को तोड़ने की है। राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो इस बार मेघालय की शिलांग और तुरा दोनों लोकसभा सीटों पर कई मायनों में चुनावी जंग बेहद दिलचस्प होने की संभावना है। इन दोनों सीटों पर एनपीपी की दोनों महिला उम्मीदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कॉनराड संगमा की डबल इंजन सरकार के नाम पर मतदाताओं के बीच में हैं। एनपीपी के सामने इन चुनाव में लोकसभा अध्यक्ष रहे पीए संगमा की सियासी विरासत बरकरार रखने की चुनौती है, तो कांग्रेस की भी अपने परंपरागत गढ़ को बचाने के लिए अग्नि परीक्षा होगी। 
दो सांसदों को चुनेंगे 22,26,567 मतदाता 
मेघालय में की दो लोकसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में इस बार 22,26,567 मतदाता अपने सांसदों का चुनाव करेंगे, जिसमें 10,99,517 पुरुष, 11,27,047 महिला, 03 थर्डजेंडर मतदाता शामिल हैं। जबकि 3,884 सर्विस, 11,720 दिव्यांग, 10,180 बुजुर्ग मतदाता चुनाव में मतदान करेंगे। राज्य की दोनों सीटों पर 84,412 ऐसे युवा मतदाता हैं, जो पहली बार मतदान करने जा रहे हैं। राज्य की 36 विधानसभाओं से बनी शिलांग लोकसभा सीट पर 14,00,411 मतदाताओं के चक्रव्यूह में 6,83,766 पुरुषों से कहीं ज्यादा 7,16,643 महिला मतदाताओं की अहम भूमिका होगी। जबकि 57,673 युवा मतदाता और 8,173 बुजुर्ग और 8,515 दिव्यांग मतदाता भी वोटिंग करेंगे। इसके अलावा राज्य की तुरा लोकसभा सीट पर 8,26,156 मतदाताओं का चक्रव्यूह बना हुआ है, जिसमें 4,15,751 पुरुष, 4,10,404महिला, 3,205 दिव्यांग, 26,739 युवा और 2,007 बुजुर्ग मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। 
मतदान केंद्रों पर पर सुरक्षा 
राज्य की दोनों लोकसभा पर बनाए गये 60 आदर्श केंद्र समेत 3512 मतदान केंद्रों में शिलांग लोकसभा सीट के चुनाव के लिए 2288 तथा तुरा लोकसभा सीट के लिए 1224 केंद्र बनाए गये हैं। दोनो सीटों के लिए महिलाओं के 88 व दिव्यांगों के लिए 10 मतदान केंद्रों को चिन्हित किया गया है। चुनाव आयोग ने निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये हैं। 
चुनाव मैदान में दस प्रत्याशी 
मेघालय की दो लोकसभा सीटों पर दस उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जिनमें प्रमुख रुप से शिलांग लोकसभा सीट से कांग्रेस के मौजूदा सांसद विसेंट एच पाला, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) से रॉबर्टजुन खारजाह्रिन और वॉय पार्टी ऑफ इंडिया से रिकी एजे सिंगकोन चुनाव मैदान में हैं। जबकि तुरा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के सालेंग ए. संगमा, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की अगाथा संगमा और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के जेनिथ संगमा चुनाव लड़ रहे हैं। 
क्या है सीटों का इतिहास 
असम से अलग होने के बाद मेघालय की शिलांग लोकसभा सीट पर पहली बार साल 1977 में चुनाव हुए थे। अब तक इस सीट पर 12 लोकसभा चुनाव हुए हैं, जिनमें आठ बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की। जबकि साल 1984 और 1996 में निर्दलयी उम्मीीदवारों ने जीत हासिल की थी। इस सीट पर साल 1998 से अब तक लगातार कांग्रेस ही जीतती आ रही है। जबकि तुरा सीट पर लगातार संगमा परिवार का कब्जा रहा है, भले ही वह कसी भी दल से चुनाव लड़ा हो। 
--------------------------------------------------------- 
नागालैंड: तीन प्रत्याशियों में होगी लोकसभा चुनाव की जंग 
 लोकसभा चुनाव में 60 सदस्यीय विधानसभा वाले ईसाई बहुल नगालैंड राज्य की एक मात्र लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को होने वाले चुनाव में केवल तीन प्रत्याशियों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। वैसे भी यहां यहां राष्ट्रीय दलों की तुलना में स्थानीय दलों का ही दबदबा रहता है। पिछला चुनाव भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन से एनडीपीपी के प्रत्याशी तोखेहो येपथोमी ने जीतकर लोकसभा में प्रवेश किया था। इस बार इस सीट पर एनडीपीपी प्रत्याशी के रुप में डॉ चुम्बेन मुरी को चुनाव मैदान में उतारा है, जिसे भाजपा का समर्थन मिल रहा है। जबकि कांग्रेस नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन से कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष और पूर्व विधायक एस सुपोंगमेरेन जमीर पहली बार संसदीय चुनाव की जंग में हैं। इस सीट पर तीसरे उम्मीदवार के रुप में राज्य के एक सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिज्ञ और उद्यमी हेइथुंग तुंगो लोथा निर्दलीय रुप से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिन्होंने पिछला चुनाव एनपीपी के टिकट पर लड़ा था। 
चुनाव में वोट डालेंगे 13,08,848 मतदाता 
नागालैंड लोकसभा सीट पर कुल 13,08,848 वोटिंग करेंगे। इनमें 6,56,043 पुरुष, 6,52,802 महिला और तीन थर्ड जेंडर शामिल हैं। कुल मतदाताओं में 109 महिलाओं समेत 7,756 सर्विस मतदाता हैं। पिछले सल नागालैंड में हुए विधानसभा चुनाव में कुल 13,01,092 ,मतदाताओं में 6,48,396 पुरुष मतदाताओं की तुलना में 6,52,693 महिला मतदाता थी। इस बार पुरुष मतदाताओं की संख्या में इजाफा हुआ है। जबकि साल 2019 के चुनाव में प्रदेश के मतदाताओं की संख्या 12,13,777 थी। 
11Apr-2024

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें