शनिवार, 13 अप्रैल 2024

लक्षद्वीप: लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के दलों में होगी जंग

कांग्रेस व रांकापा के बीच अजित गुट की राकांपा से रोचक हुआ चुनाव 
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप की एक मात्र लक्षद्वीप लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को मतदान कराया जाएगा। यह सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट के रुप में पहचानी जाती है, जहां अब तक हुए 16 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 12 चुनावों में जीत दर्ज की है। खास बात ये है कि इस सीट पर लक्षद्वीप की राजनीति में बड़ा नाम माने जाने वाले पीएम सईद लोकसभा चुनाव जीते हैं। भाजपा को इस सीट पर अभी तक कभी जीत नसीब नहीं हुई। मोदी की लहर में कांग्रेस का विजय रथ तो थमा, लेकिन इसका श्रेय राकांपा के मोहम्मद फैसल पदीपुरा को रहा, जिन्होंने पिछले दोनों लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को धूल चटाई है। इसी वजह से इस सीट पर कांग्रेसनीत गठबंधन का हिस्सा होते हुए भी रांकापा(शरद पवार) कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव मैदान में है। जबकि राजग गठबंधन का हिस्सा बनी राकांपा (अजित) ने भी इस मुकाबले में प्रत्याशी उतारकर त्रिकोणीय मुकाबला बनाने का प्रयास किया है।, लेकिन मुख्य मुकाबला इंडिया गठबंधन के दोनों दलों के बीच ही चुनावी जंग होने की उम्मीद जताई जा रही है। 
देश के सदूर द्वीपों के समूहों वाले मुस्लिम बाहुल्य लक्षद्वीप की एक लोकसभा सीट पर इस बार चुनाव की सियासत एक उल्लेखनीय घटना के बाद चर्चाओं में हैं। दरअसल पिछले दिनों हां हाल के दिनों में जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर मालदीव को तीखी मिर्चे लगी थी, जिसमें मालद्वीप की नेताओं ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के दौरे की पोस्ट की गई तस्वीरों पर पीएम मोदी को 'जोकर' और 'इजरायल की कठपुतली' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणियां की थी। हालांकि मालद्वीप को भारती झंडे और पीएम मोदी के अपमान का खामियाजा भी भुगतना पड़ा है। ऐसी टिप्पणी पर मौजूदा सांसद मो. फैसल ने भी मालद्वीप की टिप्पणियों पर ऐतराज जताया। ऐसे समय हो रहे लोकसभा चुनाव को लेकर गरमाई सियासत में भी दिलचस्प मुकाबले की संभावना है। इस सीट पर कुल चार प्रत्याशियों के लिए 55 मतदान केंद्रों पर 19 अप्रैल को होने वाले मतदात में 57729 मतदाता वोटिंग करेंगे, जिनमें 29232 पुरुष और 28497 महिला मतदाता है। इस सीट पर बनाए गये 55 मतदान केंद्रों पर वहीं इस सीट पर 169 सर्विस मतदाता भी अपना वोट करेंगे। 
क्या है चुनावी इतिहास 
दरअसल लक्षद्वीप लोकसभा सीट पर साल 2019 और साल 2014 के लोकसभा चुनाव में राकांपा (शरद पवार) इस बार भी चुनाव मैदान में हैं, जिन्हें कांग्रेस का गढ़ तोड़कर इसे अपना सियासी गढ़ बनाया है। इंडिया गठबंधन के बावजूद इस सीट पर कांग्रेस ने भी पूर्व सांसद मोहम्मद हमदुल्ला सईद को अपने प्रत्याशी बनाकर विरासत बचाने की रणनीति अपनाई है। लेकिन इन दोनों प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के बीच भाजपा समर्थित राकांपा (अजित) ने भी टीपी युसूफ को सियासी जंग में उतारकर चुनाव को रोचक बना दिया है। इस बार इस सीट पर केवल चार प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जिनमें चौथे प्रत्याशी कोया निर्दलीय रुप अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इससे पहले राजनीतिक इतिहास पर गौर की जाए तो यहां पहले चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज कर विजय रथ शुरु किया था, लेकिन 1967 के चुनाव में यहां पीएम सईद ने निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में शानदार जीत दर्ज कर कांग्रेस को जवाब दिया। लेकिन इसके बाद कांग्रेस ने लगातार पीएम सईद को चुनाव लड़ाया, जो निरंतर दस दस बाद लोकसभा सांसद रहे। हालांकि 2004 के चुनाव में इस सीट पर जदयू ने विजय पताका लहराया, लेकिन इसके बाद फिर 2009 तक कांग्रेस इस सीट पर कब्जा करती रही, जिस पर राकांपा के मो. फैसल ने पलटवार करके अपना विजय रथ अभियान शुरु किया। इस बार उन्हें अपनी जीत की हैट्रिक की उम्मीद है। 
क्या है लक्षद्वीप का रहस्य 
भारत के केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे छोटे यूटी लक्षद्वीप 36 द्वीपों के समूह से बना हुआ है, जहां केवल सात द्वीपों पर ही आबादी है। बाकी द्वीप पर्यटन केंद्र के रुप में विकसित हैं, लेकिन पर्यटकों को केवल छह द्वीपों पर ही जाने की अनुमति है। भौगोलिक और प्राकृतिक सुंदरता के केंद्र में शुमार लक्षद्वीप केवल 32 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। 
------------------- 
अंडमान निकोबार: भाजपा को जीत की उम्मीद 
देश के सदूर आईलैंड के रुप में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की एक मात्र लोकसभा सीट के चुनावी इतिहास को देखते हुए यहां राजनीतिक समीकरणों में उलटफेर देखे गये हैं। इस सीट पर जहां 2014 के चुनाव में मोदी लहर में इस सीट पर भाजपा के विष्णु पद रे ने चुनाव जीता था, लेकिन पिछले 20219 के चुनाव में कांग्रेस के कुलदीप राय ने पलटवार करके इस सीट पर जीत दर्ज की थी। इस सीट पर भाजपा ने साल 1999 में भजापा जीती, तो 2004 में यह बाजी कांग्रेस ने पलटी। फिर अगले लोकसभा चुनाव में यहां लगातार यहां लगातार दो बार भाजपा काबिज रही। लेकिन इस बार भाजपा के प्रत्याशी विष्णु पर रे को अपनी जीत की उम्मीद है। इस सीट पर कांग्रेस के कुलदीप राय से ही उनका मुकाबला होना है। इसके अलावा इस सीट पर सीपीआई, बसपा, एडीएमके जैसे क्षेत्रीय दलों समेत कुल 14 प्रत्याशी चुनावी जंग में हैं, जिन्हें 19 अप्रैल को 412 मतदान केंद्रों पर होने वाले चुनाव में 317876 मतदाताओं के चक्रव्यूह को भेदने की चुनौती रहेगी। 
ये हैं संक्षिप्त इतिहास अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भी लक्षद्वीप की तरह ही 572 छोटे बड़े द्वीपों का गढ़ है। अंडमान और निकोबार ही वही प्रदेश हैं, आजादी की जंग में सबसे पहले अंग्रेजो से आजाद कराकर यहां पहली बार तिरंगा फहराया गया था। यहां की राजधानी पोर्ट ब्लेयर की सेल्यूलर जेल में काली पानी की सज़ा दी जाती थी। भारत के दक्षिण-पूर्वी किनारे पर स्थित अंडमान निकोबार द्वीप समूह में विभिन्न राजनीतिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक घटनाओं का संगम देखते ही मनता है। 
13Apr-2024

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें