सोमवार, 15 अप्रैल 2024

नागपुर आरएसएस का मुख्यालय होने के कारण भाजपा के लिए अहम चुनाव 

ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। महाराष्ट्र की महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों में शामिल नागपुर लोकसभा सीट भाजपा के लिए इसलिए भी खास है कि यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्यालय है। इस सीट से केंद्रीय मंत्री नितिन जयराम गड़करी लगतार तीसरी बार भाजपा के टिकट से चुनावी जंग में हैं। नागपुर की इस शहरी लोकसभा सीट पर गड़करी को चुनौती देने के लि कांग्रेस ने नागपुर के कांग्रेस जिलाध्यक्ष विकास ठाकरे को चुनाव मैदान में उतारा है। आरएसएस मुख्यालय होने के बावजूद यह ऐसी सीटों में शामिल है, जहां 18 बार हुए लोकसभा चुनाव में 13 बार कांग्रेस ने अपना परचम लहराया है और भाजपा के नितिन गड़करी ने ही साल 2014 के चुनाव में जीत हासिल करके कांग्रेस के विजय रथ रोका था और पिछले लगातार दो बार से भाजपा के लिए जीत हासिल करते रहे है। इसलिए नितिन गड़करी के सामने जहां जीत की हैट्रिक बनाने की चुनौती होगी। वहीं कांग्रेस की सियासी पटरी पर वापसी लाने के लिए अग्नि परीक्षा होगी।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को महाराष्ट्र की जिन पांच लोकसभा सीटों पर मतदान होगा, उनमें महाराष्ट्र की विदर्भ क्षेत्र में दूसरी सबसे बड़ी नागपुर लोकसभा सीट पर भी मतदान होगा। महायुति गठबंधन में भाजपा ने इस सीट पर मौजूदा सांसद एवं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को फिर से अपना प्रत्याशी बनाया है। केंद्र की सरकार में पिछले एक दशक से केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री का पद संभालते आ रहे नितिन गड़करी ऐसे राजनीतिज्ञ है कि सत्तापक्ष के साथ कांग्रेस समेत तमाम दल उनके कामकाज के तरीके मुरीद है। राजनीतिक विशेषज्ञों भी मानकर चल रहे हैं कि इसी वजह से इस हाई प्रोफाइल नागपुर संसदीय सीट से महायुति के उम्मीदवार नितिन गडकरी के हैट्रिक लगाने के पूरे आसार हैं। भाजपा प्रत्याशी गडकरी को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने नागपुर पश्चिम से मौजूदा सांसद एवं कांग्रेस के नागपुर जिलाध्यक्ष विकास ठाकरे पर दांव खेला है। वैसे तो इस सीट भाजपा व कांग्रेस समेत 26 प्रत्याशी हैं, जिनमें बसपा के योगेश पतिराम लांजेवार, एपीआई के विजय मानकर, एआईएफबी के संतोष रामकृष्ण लांजेवार, एसयूसीआई(सी) के नारायण तुकाराम चौधरी और बीएचएस के श्रीधर नारायण साल्वे के उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन मुख्य चुनावी जंग भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के बीच होना तय माना जा रहा है। 
क्या है चुनावी समीकरण 
नागपुर लोकसभा सीट पर भले ही महायुति गठबंधन में भाजपा उम्मीदवार नितिन गडकरी के हैट्रिक बनाने की उम्मीद की जा रही है, लेकिन वंचित बहुजन अघाडी के अध्यक्ष प्रकाश अम्बेडकर के कांग्रेस प्रत्याशी विकास ठाकरे को समर्थन देने से उनके सामने कुछ चुनौती है, क्योंकि नागपुर में वंचित अघाड़ी के मतदाताओं की कहीं ज्यादा है। इसके बावजूद भाजपा और महायुति गठबंधन को भरोसा है कि गड़करी तिसरी बार रिकार्ड मतों से चुनाव जीतेंगे।
क्या मतदाताओं का आंकड़ा 
नागपुर लोकसभा क्षेत्र में इस बार मतदान करने के लिए 21,60,232 मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें 10,96,329 पुरुष, 10,63,828 महिला एवं 75 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं। इस सीट के लिए 1341 ऐसे मतदाता हैं, जिनमें 85 साल से अधिक आयु के 1204 बुजुर्गो और 37 दिव्यांगों ने घर से मतदान करने के लिए अपना पंजीकरण कराया है। पिछले चुनाव की तुलना में इस बार इस सीट पर मतदाताओं की संख्या में कमी दर्ज की गई। पिछले 2019 में इस सीट पर 864 मतदाता ज्यादा यानी कुल 21,61,096 मतदाता थे। 
यह है जातीगत समीकरण 
महाराष्ट्र की इस सीट पर सर्वाधिक अनुसूचिति जाति और अनुसूचित जनजाति के मतदाता है, जिन्हें किसी भी चुनाव में निर्णाय माना जाता है। एक आंकड़े के मुताबिक इस सीट पर 4.50 अनुसूचिति जाति दो लाख अनुसूचित जाति के अलावा 3.50 लाख मराठा, दो लाख मु्स्लिम तथा एक लाख ब्राह्मण मतदाता हैं। आबादी के लिहजा से नागपुर संसदीय क्षेत्र में 14.37 प्रतिशत बौद्ध, 0.74 प्रतिशत ईसाई, 0.53 प्रतिशत जैन, 8.8 प्रतिशत मुस्लिम, 18.6 प्रतिशत अनुसूचित जाति, 9.4 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति, 0.44 प्रतिशत सिक्ख भी निवास करते हैं। 
ऐसे टूटा कांग्रेस का वर्चस्व 
नागपुर लोकसभा सीट पर आजादी के बाद पहले चुनाव से ही कांग्रेस का वर्चस्व रहा है। मसलन वह पहले पांच चुनाव में अवजित रही, लेकिन 1971 के चुनाव में यहां आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक ने जीत हासिल की, जिसके बाद 1996 में भाजपा के बनवारीलाल पुरोहित ने पहली जीत दर्ज की, लेकिन इसके बाद कांग्रेस ने फिर पलटवार करते हुए लगातार अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा, जिसे 2014 के चुनाव में भाजपा के नितिन गडकरी ने रोका और लगातार जीत हासिल करते आ रहे हैं। साल 2019 लोकसभा चुनाव में नागपुर सीट से भाजपा के नितिन गडकरी ने कांग्रेस के नाना फाल्गुनराव पटोले को 2.16 लाख के बड़े अंतर से हराकर दूसरी बार जीत दर्ज की थी। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार नागपुर लोकसभा सीट चुनाव लड़ते हुए कई बार के कांग्रेस सांसद विलास मुत्तेमवार को 2.50 लाख मतों के अंतर हराया ही नहीं था, बल्कि कांग्रेस का गढ़ फतेह किया था। 
15Apr-2024

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