सोमवार, 29 अप्रैल 2024

गोवा: भाजपा व कांग्रेस के बीच सियासी वर्चस्व की जंग

बसपा व स्थानीय दलों के प्रत्याशियों का त्रिकोणीय मुकाबला बनाने का प्रयास
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में गोवा की मात्र दो सीटो पर तीसरे चरण में सात सात मई को मतदान होगा। इन दोनों सीटों पर मुख्य मुकाबला भाजपा व कांग्रेस के बीच होने के आसार है, लेकिन बसपा व स्थानीय दलों के प्रत्याशियों ने भी चुनावी ताल ठोक कर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की रणनीति बनाई है। 
भारत के भारत के प्रसिद्ध हॉलीडे डेस्टीनेशन के रुप में पहचाने जाने वाला गोवा राज्य क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के आधार पर चौथा सबसे छोटे राज्य है, जहां दो लोकसभा सीट और गोवा में 40 विधासभा सीटे हैं। दोनो लोकसभा सीटों के अंतर्गत 20-20 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। दोनों ही सीटों का सियासी समीकरण अलग अलग है। मसलन उत्तरी गोवा सीट भाजपा का गढ़ बनी हुई है, तो दक्षिणी गोवा सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट बनी हुई है। दक्षिणी गोवा सीट पर 1999 और 2014 के अलावा भाजपा कभी चुनाव नहीं नहीं जीत सकी है। जबकि उत्तरी गोवा लोकसभा सीट पर पिछले ढ़ाई दशक से भाजपा काबिज है। गोवा में सत्तारुढ भाजपा ने इस बार दोनों लोकसभा सीटों पर भगवा लहराकर साल 2014 की तर्ज क्लीन स्वीप करने के लक्ष्य से चुनावी रणनीति के साथ चुनाव अभियान चला रही है। वहीं भाजपा की इस रणनीति के खिलाफ कांग्रेस को अपनी रणनीति बदलनी पड़ी और दक्षिणी लोकसभा सीट को बचाए रखने के मकसद से मौजूदा सांसद का टिकट काटकर नए चेहरे के रुप में एक पूर्व नौसेना अधिकारी को चुनावी जंग में उतारा है। फिलहाल गोवा में प्रमोद सावंत नेतृत्व में भाजपा का शासन है। 
महिला मतदाताओं की अहम भूमिका 
लोकसभा के चुनाव में गोवा की दोनों सीटो पर आठ-आठ यानी कुल 16 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जिनके सामने सात मई को होने वाले मतदान के दौरान 11,66,939 मतदाताओं के चक्रव्यूह को भेदने की दरकार होगी। इनमें गोवा में एक हजार पुरुषो पर 163 महिलाओं के अनुपात की वजह से मतदाताओं की संख्या में भी वे पुरुषों से ज्यादा हैं। मसलन गोवा राज्य में कुल मतदाताओं में 5,65,628 पुरुष, 6,01,300 महिला और 11 थर्डजेंडर मतदाता हैं। इनमें उत्तरी गोवा लोकसभा सीट पर कुल 5,75,776 मतदातओं में 2,79,230 पुरुष, 2,96,543 महिला और 3 थर्डजेंडर मतदाता हैं, तो दक्षिण गोवा लोकसभा सीट पर बने 5,91,163 मतदाताओं के चक्रव्यूह में 2,86,398 पुरष, 3,04,757 महिला और 8 थर्डजेंडर मतदाता पंजीकृत हैं। दोना सीटो पर मतदान के लिए कुल 1725 मतदान केंद्र बनाए गये हैं, जिनमें उत्तरी गोवा सीट पर 863 तथा दक्षिण गोवा सीट पर 862 मतदान केंद्रों पर मतदान कराया जाएगा।2019 में हुए पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान, गोवा में मतदाताओं की संख्या 11,17,209 थी। 
चुनावी जंग में ये दिग्गज 
गोवा की दोनों सीटों पर 16 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। इसमें उत्तरी गोवा सीट पर आठ प्रत्याशियों में यहां से लगातार चार बार के सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीद यसो नाइक पांचवी बार भाजपा प्रत्याशी हैं। जबकि कांग्रेस ने रमाकांत खलप को प्रत्याशी बनाया है। इसके अलावा बसपा ने पत्रकार मिलन वैगनकर, रिवोल्यूशनरी गोअन्स पार्टी ने मनोज परब तथा अखिल भारतीय परिवार पार्टी ने सखाराम नाइक को चुनाव मैदान में उतरा है। बाकी तीन प्रत्याशी निर्दलीय रुप से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसी प्रकार दक्षिण गोवा सीट पर कांग्रेस ने मौजूदा सांसद फ्रांसिस्को सरहिंद का टिकट काटकर पूर्व नौसेना अधिकारी कैप्टन विरयाटो फर्नांडीस को प्रत्याशी बनाया है। जबकि भाजपा ने उद्यमी श्रीनिवास डेम्पो की पत्नी पल्लवी डेम्पो पर भरोसा जताया है। यहां बसपा ने डा. श्वेता गांवकर, आरजीपी ने रुबर्ट परेरा तथा भ्रष्टाचार उन्मूलन पार्टी ने हरिशचन्द्र को चुनावी मैदान में उतरा है। इस सीट पर भी तीन निर्दलीय प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 
चुनावी इतिहास 
गोवा की दोनों सीटों का इतिहास अलग अलग है, जिसमें उत्तरी गोवा लोकसभा सीट पर अभी तक 13 बार चुनाव हुए है, जिसमें कांग्रेस पांच, भाजपा और गोमांतक पार्टी ने 4-4 बार जीत हासिल कर अपने सांसद बनाए हैं। जबकि दक्षिण गोवा लोकसभा सीट पर अभी तक एक उप चुनाव समेत 16 चुनावों में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 10 बार जीत दर्ज की है, जबकि इस सीट पर भाजपा ने दो बार तथा महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, यूनाइटेड गोन्स पार्टी तथा यूनाइटेड गोअन्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने एक-एक बार जीत का स्वाद चखा है। उत्तरी गोवा सीट से भाजपा लगातार चार बार से जीत दर्ज करती आ रही है। 
गोवा का इतिहास 
गोवा भारत के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां भारतीय और पुर्तगाली संस्कृति का अद्भुत मिश्रण दिखाई देता है। यह राज्य अपने खूबसूरत समुंदर के किनारों और मशहूर स्थापत्य के लिए जाना जाता है। 30 मई 1987 को केन्द्र शासित प्रदेश को विभाजित कर गोवा को भारत का 25वां राज्य बनाया गया। गोवा करीब 500 साल तक पुर्तगाली शासन के आधीन रहा, जो एक हजार साल पहले कोंकण काशी के नाम से जाना जाता था। गोवा में करीब 60 प्रतिशत जनसंख्या हिन्दू और करीब 28 प्रतिशत जनसंख्या ईसाई है। हालांकि यहां के ईसाई समाज में भी हिन्दुओं जैसी जाति व्यवस्था पायी जाती है। 
  29Apr-2024

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