गुरुवार, 18 अप्रैल 2024

हॉट सीट: छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर दावं पर लगी भाजपा की प्रतिष्ठा

कांग्रेस के सामने होगी अपने परंपारिक गढ़ को बचाने की चुनौती 
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट ऐसी है, जिसे भाजपा एक उपचुनाव को छोड़कर आज तक नहीं जीत सकी है। इसलिए भाजपा ने इस बार प्रतिष्ठा को दांव पर लगाते हुए छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर पूरी ताकत झोंक दी है। दरअसल पिछले चुनाव में भाजपा ने मध्य प्रदेश की 29 में से 28 सीटों पर भगवा लहराया था, लेकिन छिंदवाड़ा सीट पर कांग्रेस के चक्रव्यूह को नहीं भेद सकी थी। इसलिए इस बार भाजपा की नई रणनीति के साथ छिंदवाड़ा सीट पर सियासी घेराबंदी की वजह से लोकसभा चुनाव दिलचस्प मोड़ पर है। फिर भी कांग्रेस का गढ़ के रुप में चर्चित इस सीट पर कांग्रेस दिग्गज कमलनाथ के परिवार से छीनना भाजपा के लिए इतना आसान नहीं है, जहां पांच दशक से ज्यादा समय तक इसी परिवार का दबदबा रहा है। हालांकि इस बार कांग्रेस को भी इस सीट पर अपने वर्चस्व को कायम रखने के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। 
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को जिन छह संसदीय पर मतदान होना है। उनमें सबसे महत्वपूर्ण सीट छिंदवाड़ा है, जिस पर सब की नजर है। इसी सीट को लेकर लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस अलग अलग दावे सामने आ रहे हैं। खासतौर से छिंदवाड़ा लोकसभा सीट भाजपा के दिग्गजों और स्टार प्रचारकों के कई कई बार दौरे करने के अलावा उनके इसी सीट पर पड़ाव को देखते हुए कांग्रेस भी इस कड़े मुकाबले में अपना अस्तित्व बचाती नजर आ रही है। राज्य की यह लोकसभा सीट ऐसी है, जहां आजादी के बाद से 1997 के उपचुनाव को छोड़कर अभी तक कांग्रेस अपराजित रही है। केवल 1997 के उपचुनाव में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने भाजपा को जीत का स्वाद चखाया था। खास बात ये है कि छिंदवाड़ा लोकसभा पर पांच दशक से ज्यादा समय तक कांग्रेस दिग्गज नेता कमलनाथ के परिवार का ही राज रहा है। इसमें कमलनाथ नौ बार, उनकी पत्नी अलका नाथ और पुत्र नकुलनाथ एक-एक बार कांग्रेस के टिकट पर सांसद रहे हैं। पहले चरण में चुनाव लड़ रहे करोड़पतियों की सूची में सबसे अमीर प्रत्याशियों में शामिल एवं मौजूदा सांसद नकुलनाथ एक बार फिर इस सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी है, जिसे टक्कर देने के लिए भाजपा ने तेजतर्रार विवेक बंटी साहू को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर सभी राजनैतिज्ञों की नजरें इसलिए भी टिंकी है, कि दोनों प्रत्याशियों के बीच आरोप प्रत्यारोप के दौर ने ज्यादा जोर पकड़ा हुआ है। अब देखना यह है कि भाजपा छिंदवाड़ा में कमलनाथ परिवार का तिलिस्म तोड़ने में सफल रहती है या फिर कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ परिवार की सियासी साख को बचा लेते हैं। इसका फैसला तो चुनाव के नतीजों के बाद ही सामने आएगा। 
मतदाताओं का चक्रव्यूह 
छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर पहले चरण के 19 अप्रैल को होने वाले चुनाव में 16,32,190 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इनमें 8,24,449 पुरूष, 8,07,726 महिला और 15 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं। इस सीट पर 85 साल से अधिक आयु के 7630 बुजुर्ग और 24246 दिव्यांग मतदाताओं के अलावा 2531 सर्विस मतदाता भी पंजीकृत हैं। इस सीट के अंतर्गत सात विधानसभा क्षेत्रों में से जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में 225356, अमरवाड़ा में 257580, चौरई में 219728, सौंसर में 211081, छिंदवाड़ा में 284043, परासिया में 218999, तथा पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र में 215403 मतदाता वोटिंग करेंगे। छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत 85 वर्ष से अधिक आयु के और दिव्यांग मतदाताओं में से 1293 ने घर से मतदान करने का आवेदन किया था, जिनमें से 5 से 7 अप्रैल तक शुरु की गई प्रक्रिया में 1265 मतदाताओं ने वोटिंग की है। बाकी बचे मतदाताओं के लिए 14 अप्रैल को होम वोटिंग के लिए मतदान दल उनके घर पहुंचेंगे। 
मतदान केंद्रों पर सुरक्षा 
इस लोकसभा सीट पर मतदान के लिए छिंदवाड़ा और पांढुर्णा जिलों में सात विधानसभा क्षेत्रों में कुल 1939 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। इनमें से जुन्नारदेव में 272, अमरवाड़ा में 332, चौरई में 272, सौंसर में 253, छिंदवाड़ा में 311, परासिया में 245 तथा पांढुर्णा में 254 मतदान केंद्र स्थापित किये गये हैं। चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के दौरान निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए मतदान केंद्रों पर कड़े सुरक्षा प्रबंधों की व्यवस्था की है। 
भाजपा को अबकी बार जीत की आस 
भाजपा का दावा है कि मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा प्रधानमंत्री की गारंटीयों का सबसे बड़ा गढ़ बन चुका है। इसके पीछे एक कारण यह भी है कि राज्य के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बहुमत की सरकार बनाई है। वहीं छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर पिछले 2019 के चुनाव में कांग्रेस के नकुलनाथ केवल 37 हजार वोटों से जीते थे। जबकि कांग्रेस इस सीट पर लाखों मतों के अंतर से जीतती आई है। इसलिए भाजपा का दावा है कि भाजपा के कामकाज की वजह से कांग्रेस का जनाधार कम होता जा रहा है। वहीं प्रदेश में विधायकों समेत कमलनाथ के कई करीबी नेताओं को कांग्रेस से मोह भंग होना भी भाजपा की जीत का कारण बनेगा। इसलिए इस बार मध्य प्रदेश में भाजपा सभी सीटे जीतकर आएगी। 
सामाजिक तानाबाना 
छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र मध्य प्रदेश के दक्षिणी क्षेत्र में है, जहां करीब 76 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। इसलिए इस क्षेत्र में सर्वाधिक 37.82 फीसदी अनुसूचित जनजाति के मतदाता हैं। जबकि 12.11 फीसदी अनुसूचित जाति और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या बहुत कम है। 
17Apr-2024

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