गुरुवार, 4 अप्रैल 2024

अरुणाचल प्रदेश: लोकसभा व विधानसभा में सियासी वर्चस्व की जंग में भाजपा व कांग्रेस

विधानसभा में फिर सरकार बनाने की रणनीति के साथ राजग 
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश की दो लोकसभा और 60 विधानसभा सीटों के लिए एक साथ 19 अप्रैल को होने वाले चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है। दोनों लोकसभा सीटों के साथ विधानसभा में पिछले एक दशक से अरुणाचल प्रदेश में बही सियासी हवा में भाजपा ने अपना वर्चस्व कायम किया है। चीन से सटे देश के सबसे छोटे अरुणाचल प्रदेश में इससे पहले कांग्रेस की राजनीति हावी रही है। इस बार के चुनाव में अरुणाचल में सियासी वर्चस्व की जंग में जहां भाजपा के लिए अपने जनाधार को कायम रखने की चुनौती है, वहीं वहीं कांग्रेस अपने पुराने सियासी किले को फतेह करने का प्रयास होगा। 
चीन की दखलंदाजी के केंद्र में शुमार अरुणाचल प्रदेश आबादी घनत्व के लिहाज से देश का सबसे छोटा राज्य है। अरुणाचल में केवल दो लोकसभा सीटें हैं, जिनमें अरुणाचल ईस्ट और दूसरा अरुणाचल वेस्ट हैं और दोनों सीटों पर जहां पहले कांग्रेस का दबदबा रहता था। लेकिन पिछले दो चुनाव में भाजपा ने जनाधार कायम करके जिस प्रकार उलट फेर किया है उससे इन दोनों लोकसभा सीटों पर भाजपा ने अपना वर्चस्व कायम कर लिया। इस बार के चुनाव में भाजपा इन दोनों सीटों पर हैट्रिक बनाने की चुनावी रणनीति के साथ चुनाव मैदान में है। कांग्रेस इस बार इंडिया गठबंधन के साथ चुनाव में नई रणनीति के साथ चुनाव मैदान में है, लेकिन चीन के हस्तक्षेप को कूटनीतिक तरीके भाजपानीत केंद्र सरकार की रणनीतियों के सामने विपक्षी गठबंधन को चुनावी वैतरणी को पार करना एक कठिन डगर नजर आ रही है। फिर भी यहां राजग व महागठबंधन में वर्चस्व की चुनावी जंग होने से इंकार नहीं किया जा सकता। 
सबसे ज्यादा महिला मतदाता 
पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश में होने वाले लोकसभा व विधानसभा चुनाव में 8,82,816 मतदाता अपने सांसदों व विधायकों को चुनेंगे। खासबात ये है कि राज्य में कुल वोटरों में 4,49,050 महिला मतदाता हैं, जबकि 4,33,760 तथा छह ट्रांसजेंटर मतदाता भी पंजीकृत हैं। राज्य में इस बार 46,144 नए मतदाता पहली बार अपना वोट डालेंगे। जबकि साल 2019 के पिछले चुनाव में 8,56,187 में 4,20,954 और 4,35,228 महिला वोटर थी। अरुणाचल पश्चिम लोकसभा में 33 तथा अरुणाचल पूर्व लोकसभा क्षेत्र में 27 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। 
देश का सबसे ऊंजा मतदान केंद्र 
अरुणाचल प्रदेश में दो लोकसभा और 60 विधानसभा सीटों के लिए 19 अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए 2,226 मतदान केंद्र बनाएं गये हैं। राज्य में मुक्तो विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मतदान केंद्र संख्या 18-लुगुथांग लगभग 13,383 फीट की ऊंचाई पर स्थित देश का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र है। 1462 मतदाताओं वाले लोंगडिंग विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मतदान केंद्र संख्या 2(पुमाओ प्राथमिक विद्यालय) में राज्य में मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। जबकि सबसे कम मतदाताओं वाला मतदान केंद्र ह्युलियांग विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के तहत मालोगम गांव में बनाए गये मतदान केंद्र पर सबसे कम एकेवल एक महिला ही मतदाता है। 
पिछले चुनाव के नतीजे 
पूर्वोत्तर राज्य की अरुणाचल प्रदेश वेस्ट लोकसभा सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी किरण रिजिजू ने सबसे ज्यादा 62 फीसदी वोट लेकर लगातार दूसरी जीत दर्ज की थी। जबकि अरुणाचल प्रदेश ईस्ट लोकसभा सीट पर सर्वाधिक 52 फीसदी मत के साथ भाजपा के ही तापिर गाओ ने भी अपनी जीत को दोहराया था। अरुणाचल में भाजपा व कांग्रेस के अलावा क्षेत्रीय दल पीपीए, एनपीपी, एनपीईपी के अलावा जदयू, एनसीपी जैसे दल भी अपनी किस्मत आजमाते रहे हैं, लेकिन चुनाव मुकाबले में ज्यादातर भाजपा व कांग्रेस ही रही है। 
देश का सबसे छोटा राज्य 
देश में अरुणाचल प्रदेश जनसंख्या घनत्व के लिहाज से सबसे छोटा राज्य है, जिसका घनत्व महज 17 है। इस राज्य की आबादी 2011 की जनसंख्या के अनुसार 13,83,727 है। यहां पर पुरुषों की संख्या 713912 है, जबकि महिलाओं की संख्या 669815 है। यहां पर लिंगानुपा के लिहाज से 1000 लड़कों में लड़कियों की आबादी 938 है। यहां की ज्यादातर आबादी शहरों में निवास करती है। जनसंख्या के लिहाज से देखें तो 11 लाख से ज्यादा लोग शहरों में निवास करते हैं, जबकि ढाई लाख के करीब जनसंख्या ग्रामीण इलाको में रहती है। अरुणाचल में साक्षरता का प्रतिशत 65.38 प्रतिशत के करीब है। 
क्या जातीय समीकरण 
अरुणाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा 30.26 फीसदी ईसाई धर्म की आबादी है। जबकि हिंदू आबादी करीब 29 प्रतिशत है, जिसमें 26 फीसदी डोनी-पोलो को मानते हैं। इस राज्य में 12 प्रतिशत के करीब बौद्ध धर्म से जुड़े लोग रहते हैं। जबकि पूर्वोत्तर के इस राज्य में मुस्लिम आबादी महज 2 फीसदी के करीब है। इसके अलावा इस राज्य में भाषाएं भी अलग अलग बोली जाती हैं, जिसमें 9 फीसदी बंगाली और करीब 8 फीसदी नेपाली और 6 फीसदी हिंदी भाषा बोली जाती है। जबकि आमतौर पर यहां 17.57 फीसदी लोग अदि भाषा बोलते हैं। 
विधानसभा चुनाव: दस विधायक निर्विरोध निर्वाचित 
अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा की दो सीटों के साथ 60 विधानसभा सीटों के लिए भी 19 अप्रैल को चुनाव होना था, लेकिन मुख्यमंत्री पेमा खांडू समेत दस विधायकों के सामने कोई प्रत्याशी न होने के कारण उन्हें निर्विरोध चुन लिया गया है। अरुणाचल प्रदेश में एकमात्र अनारक्षित विधानसभा सीट बोरदुमसा-दियुन है, जहां 19,756 मतदाता हैं। अब अरुणाचल प्रदेश की 50 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होना है। इससे पहले 2014 के चुनाव में कांग्रेस के 11 सीटों पर बिना वोट डाले और गिनती के निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये जा चुके हैं। साल 2019 में अरुणाचल प्रदेश की 60 सीटों के लिए हुए चुनाव में भाजपा को 41, जदयू को 7, एनपीपी को 5, कांग्रेस को 4, पीपीए को एक तथा दो निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी।
04Apr-2024

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