मंगलवार, 14 मई 2019

…तो लोकसभा में होगा दागियों व करोड़पतियों को वर्चस्व!

लोकतंत्र के महायज्ञ में दांव पर लगी 1500 दागियों व 2297 कुबेरों की प्रतिष्ठा
चुनाव मैदान में हैं 8049 प्रत्याशी, 717 महिलाओं ने दिखाया जोश
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देश की राजनीति को आपराधीकरण और धनबल से अलग करने की दुहाई तो बड़े से छोटे तक सियासत करने वाले दल देते आ रहे हैं, लेकिन लोकतंत्र के महासंग्राम में ये ही दल धन और बल के सहारे सियासी जंग जीतने के लिए दांव खेलते आ रहे हैं। सत्रहवीं लोकसभा के लिए 543 सीटों के लिए यदि सियासी दलों को आपराधिक पृष्ठभूमि और करोड़पति प्रत्याशियों पर खेला गया यह सियासी दांव सफल होता है तो कल्पना की जा सकती है कि देश की संसद में लोकसभा की तस्वीर कैसी होगी। यानि लोकसभा में अपराधियों और करोड़पतियों का ही वर्चस्व नजर आएगा। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में नौ हत्यारोपी समेत 186 आपराधिक पृष्ठभूमि के साथ 442 करोड़पति माननीय सांसद का दर्जा हासिल कर संसद में दाखिल हुए थे। इस अनुमान के साथ सत्रहवीं लोकसभा में दागियों व कुबेरों का यह एक नया रिकार्ड बनने से इंकार नहीं किया जा सकता। मसलन सत्रहवीं लोकसभा की 543 सीटों के लिए हो रहे सियासी महासंग्राम में हिस्सा ले रहे 8049 प्रत्याशियों में 1500 आपराधिक पृष्ठभूमि और 2297 करोड़पति प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। सियासी दलों में देखने में आया है कि भाजपा और कांग्रेस जैसे बड़े दलों से लेकर किसी भी दल ने दागियों और करोड़पतियों को चुनावी मैदान में उतारने में कोई परहेज नहीं किया है। हालांकि दागियों और कुबेरों में सबसे ज्यादा निर्दलीय प्रत्याशियों का सियासी भविष्य दांव पर लगा हुआ है। सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव में आए 8049 प्रत्याशियों में 1447 राष्ट्रीय दलों, 524 क्षेत्रीय दलों, 2643 गैरमान्यता प्राप्त पंजीकृत दलों के अलावा 3435 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।
दागियों में भाजपा ने कांग्रेस को पछाड़ा
लोकसभा चुनाव-2019 में आपराधिक पृष्ठभूमि के 1500 प्रत्याशियों में 1070 के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, बलात्कार, अपहरण जैसे संगीन मामले लंबित हैं। दागी प्रत्याशियों में संगीन मामलों के तहत 55 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके खिलाफ हत्या के मामले लंबित हैं, जबकि 56 प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ दोषसिद्ध मामले भी घोषित किये हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले 126 प्रत्याशियों में नौ के खिलाफ बलात्कार के मामले भी लंबित हैं। जबकि 47 के खिलाफ अपहरण, 184 के खिलाफ हत्या के प्रयास तथा 95 के खिलाफ भडकाऊ भाषण देने के आरोप वाले मामले विचाराधीन हैं। दागी प्रत्याशियों की इस फेहरिस्त में हालांकि सर्वाधिक 400 निर्दलीय प्रत्याशी हैं, बाकी 1100 राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और गैरमान्यता प्राप्त दलों के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। सियासी दलों में भाजपा ने 175, कांग्रेस ने 164, बसपा ने 85, सीपीआईएम ने 40, शिवसेना ने 34, सपा ने 26, तृणमूल कांग्रेस ने 20, राजद ने 18, एनसीपी ने 17, सीपीआई ने 15, राजद ने 15, जद-यू ने 14, वाईएसआर कांग्रेस ने 13, द्रमुक ने 11, आप ने 9, अकाली दल ने 7, लोजपा ने 6, टीआरएस ने 5, तेदेपा व जेएमएम ने 4-4, इनेलो व जद-एस ने 3-3 दागियों को चुनाव मैदान में उतारा है। ऐसे प्रत्याशियों को चुनावी जंग में उतारने में इन दलों समेत 247 छोटे-बड़े दल सामने आए हैं। 
दांव पर भाजपा व कांग्रेस के धनकुबेर
सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव में पिछले चुनाव के मुकाबले करोड़पति प्रत्याशियों की संख्या भी बढ़ी है। मसलन इस बार 2297 करोड़पति प्रत्याशियों में हालांकिस सर्वाधिक 506 निर्दलीयों की संख्या है, लेकिन प्रमुख सियासी दलों ने भी धनकुबेरों पर दांव खेला है। इनमें भाजपा ने 361, कांग्रेस ने 348, बसपा ने 127, शिवसेना ने 39, तृणमूल कांग्रेस ने 38, सपा ने 37, पीएसपी ने 31 करोड़पति प्रत्याशियों पर दांव लगाया है। इसके अलावा तेदेपा व सीपीआईएम के 25-25, द्रमुक के 23, अन्नाद्रमुक व वाईएसआर के 22-22, आप के 21, राकांपा के 20, जदयू व राजद के 19-19, बीजद व टीआरएस के 17-17, अकाली दल  के 10, इनेलो व जेएमएम के 7-7, लोजपा के 6, रालोद के तीन प्रत्याशि करोड़पतियों की फेहरिस्त में शामिल हैं।
सबसे अमीर प्रत्याशी
बिहार की पाटलीपुत्र से निर्दलीय रमेश कुमार शर्मा की संपत्ति 1107.58 करोड़, तेलंगाना की चेवेल्ला सीट से कांग्रेस के                                     कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी की संपत्ति 895.02 करोड़ तथा मध्य प्रदेश की छिंदवाडा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ की संपत्ति 660.20 करोड़ है।
सबसे गरीब प्रत्याशी
तीन निर्दलीयों में तमिलनाडु के राजेश व राज एन के पास मात्र 100-100 रुपये और केरला की वायनाड से अधिवक्ता श्रीजीथ के पास 120 रुपये हैं। जबकि 60 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके पास फूटी कोडी भी नहीं है यानि उन्होंने अपनी संपत्ति शून्य घोषित की है।
देनदारी में तीन टॉप
इस चुनाव में घोषित संपत्तियों के साथ तीन सर्वाधिक देनदारी वाले उम्मीदवारों में तमिलनाडु की कन्याकुमारी सीट से कांग्रेस के एच. वसंथकुमार की 417.49 करोड़ की संपत्ति के साथ उन पर 154.75 करोड़, उत्तराखंड की टिहरी गढवाल सीट से भाजपा के प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह की  184.66 करोड़ की संपत्ति के बावजूत उन पर 135 करोड़ तथा ओडिशा की बालसोड सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नवज्योति पटनायक की 104.20 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन उन पर 107.96 करोड़ की देनदारी है।
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बॉक्स
लोकसभा चुनाव-           2019                  2014
कुल प्रत्याशी-                 8049                  8251
महिला प्रत्याशी-                717                    668
प्रत्याशी राष्ट्रीय दल-          1447                  1591
प्रत्याशी क्षेत्रीय दल-             524                    529
प्रत्याशी गैरमान्यता प्राप्त दल-2643                   2896
प्रत्याशी निर्दलीय-              3435                  3235
प्रत्याशी आपराधिक पृष्ठभूमि—1500                1404
प्रत्याशी संगीन अपराध मामले-1070                  908
प्रत्याशी करोड़पति-             2297                 2217
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335 सांसदों की 41 फीसदी बढ़ी संपत्ति!               
लोकसभा के चुनावी महासंग्राम में फिर से अपनी किस्मत आजमा रहे 335 सांसदों की संपत्ति में पिछले पांच साल में                                 41 फीसदी यानि औसतन 6.86 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है, जिनमें भाजपा के 170 सांसदों के मुकाबले कांग्रेस के 38 सांसदों की संपत्ति में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। हालांकि एआईएमआईएम के असदुद्दीन औवेसी ने सर्वाधिक 341 फीसदी बढ़ोतरी करके सबको चौंकाया है।
सत्रहवीं लोकसभा की 543 सीटों के लिए चुनाव के लिए मौजूदा 338 सांसद भी एक बार फिर से अपनी किस्मत आजमाने के लिए सियासी महासंग्राम में हिस्सा ले रहे हैं। इनमें जिन 335 सांसदों की संपत्ति में औसत 41 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, उनमें भाजपा ने सबसे ज्यादा 170 सांसदों पर फिर से भरोसा जताया है, जबकि कांग्रेस ने 38, तृणमूल कांग्रेस ने 25, शिवसेना ने 17, तेदेपा ने दस, सीआईएम ने नौ, टीआरएस और सपा ने सात-सात सांसदो को फिर से चुनावी जंग में उतारा है। जबकि अन्नाद्रमुक के 6, बीजद व राकांपा के 4-4, लोजपा व राजद के 3-3, अकाली दल, जदयू, आप के दो-दो सांसद फिर से चुनावी मैदान में हैं। दरअसल 2014 लोकसभा चुनाव में निर्वाचित सांसदों में 338 सांसद लोकसभा चुनाव-2019 में भी चुनावी जंग लड़ रहे हैं, जिन्होंने अपने अपने शपथपत्रों में अपनी आय-संपत्ति की घोषणा की है। इस चुनाव से पहले वर्ष 2014 में इन सांसदों द्वारा घोषित की गई संपत्ति की तुलना के साथ गैर सरकारी संस्था एडीआर ने विश्लेषण किया है। इस विश्लेषण रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा 341 फीसदी एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन औवेसी की संपत्ति बढ़ी है। यदि प्रमुख राजनीतिक दलों के सांसदों पर गौर की जाए तो भाजपा के 170 सांसदों के मौजूदा शपथ पत्रों में की गई घोषणा के अनुसार उनकी संपत्ति में पिछले पांच साल के दौरान 34.97 फीसदी वृद्धि हुई है। जबकि कांग्रेस के 38 सांसदों की संपत्ति में 102.62 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसी प्रकार तृणमूल कांग्रेस के 25 सांसदों की संपत्ति में 77.38, शिवसेना के 17 सांसदों की संपत्ति में 51.43, टीआरएस के सात सांसदों की संपत्ति में 49.98, सपा के सात सांसदो की संपत्ति में 61.75 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
टॉप पर कांग्रेस के तीन सांसद
चुनाव मैदान में पुन: आए सांसदों में तेलंगाना की चेवेल्ला सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी ने 366.39 करोड़, मध्य प्रदेश के गुना से कांग्रेस के ज्योतिरदित्या सिंधिया ने 341.47 करोड़ तथा कर्नाटक की बंगलूरू ग्रामीण सीट से कांग्रेस के ही डीके सुरेश ने 253.03 करोड़ रुपये की संपत्ति में बढ़ोतरी की घोषणा की है।
इनकी सपंत्ति घटी
पिछले पांच साल में जहां सांसदों की संपत्ति में बढ़ोतरी हुई तो वहीं तेदेपा के दस सांसदों की संपत्ति में गिरावट दर्ज की गई है। तेदेपा के सांसदों की मौजूदा चुनाव में घोषित आय के अनुसार उनकी संपत्ति में 45 फीसदी की गिरावट आई है। आप के दो सांसदो ने 35 फीसदी, आईयूएमएल के दो सांसदों ने 8 फीसदी, जेकेएनसी ने 14 फीसदी और आरएलएसपी के सांसद ने दो फीसदी संपत्ति में कमी आना बताया है।        

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