गुरुवार, 2 मई 2019

लोकसभा चुनाव:दिल्ली में यातायात, जल व वायु प्रदूषण बड़ा मुद्दा!


दिल्ली की सात सीटों पर 12 मई को होगा चुनाव
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दिल्ली में यातायात, जल व वायु प्रदूषण बड़ा मुद्दा!
राष्ट्रीय राजधानी के बावजूद महिला सुरक्षा व ध्वनि प्रदूषण में खराब प्रदर्शन  
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
लोकसभा चुनाव में जहां देश के सभी राज्यों में मतदाताओं के सामने रोजगार का चुनावी मुद्दा पहली प्राथमिकता माना जा रहा है, वहीं इसके विपरीत देश की राजधानी दिल्ली के मतदाताओं के लिए इस मुद्दे से पहले यातायात संकुलन, जल एवं वायु प्रदूषण का मुद्दा पहली प्राथमिकता है। जबकि दिल्ली में कानून व्यवस्था खासकर महिला सुरक्षा और प्रदूषण जैसी कुछ समस्याओं के लिए सरकार से खराब प्रदर्शन को सुधारने के लिए मतदाताओं ने अपेक्षा की है।
सत्रहवीं लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देशभर में एक मतदाता सर्वेक्षण में बेहतर रोजगार के अवसर पहली प्राथमिकता के रूप में सामने आया, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मतदाताओं के लिए रोजगार से पहले यहां की यातायात व्यवस्था और जल एवं वायु प्रदूषण की समस्या बड़े मुद्दा हो सकता है। दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के लिए छठे चरण में 12 मई को चुनाव होना है। दरअसल लोकसभा चुनाव का ऐलान होने से पहले चुनाव सुधार के लिए कार्य कर रही गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने 543 में से 534 लोकसभा सीटों पर मतदाताओं की प्राथमिकता के 31 मुद्दों को लेकर एक सर्वेक्षण कराया है। इनमें मतदाताओं की पहली दस प्राथमिकताओं में बेहतर स्वास्थ्य, पेयजल, सड़के, सार्वजनिक परिवहन, कानून व्यवस्था, कृषि ऋण और फसलों के उचित मूल्य जैसे महत्वपूर्ण मुद्दा भी शामिल रहे।
दिल्ली की पहली तीन प्राथमिताएं
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मतदाता सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार सर्वाधिक 49.67 फीसदी मतदाओं ने यातायात सुधार यानि याताया संकुलन को बड़ा चुनावी मुद्दा बताया। इसके बाद जल एवं वायु प्रदूषण 44.52 फीसदी और रोजगार के बेहतर अवसर 43.07 फीसदी मतदाताओं की प्राथमिकता रही। यदि शहरी मतदाताओं की प्राथमिकता की बात करें तो उनमें 50 फीसदी यातायात संकुलन, 45 फीसदी जल एवं वायु प्रदूषण तथा 43 फीसदी मतदाताओं की प्राथमिकता रोजगार के बेहतर अवसर का मुद्दा है। जहां तक इन तीनों मुद्दो पर सरकार के पिछले पांच साल में प्रदर्शन के लिए हालांकि मतदाताओं ने पांच में से सर्वाधिक 2.29 अंक जल एवं वायु प्रदूषण और रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए दिये, जबकि 2.27 अंक यातायात संकुलन के लिए दिये। मतदाताओं की यह रेटिंग सरकार के प्रदर्शन के हिसाब से औसत से कम आंकी गई है।
महिला सुरक्षा और प्रदूषण में खराब प्रदर्शन
दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी होने के बावजूद यहां मतदाताओं ने कानून व्यवस्था के तहत महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा के मुद्दे पर खराब प्रदर्शन के लिए सरकार पर सवाल खड़े किये हैं। वहीं ध्वनि प्रदूषण के सुधार में सरकार का प्रदर्शन खराब करार दिया है। मसलन इन मुद्दो पर मतदाताओं ने सरकार के प्रदर्शन को महिला सुरक्षा के लिए पांच में से 1.85 तथा प्रदूषण सुधार की दिशा में किये गये काम को 2.27 अंक दिये हैं।
ग्रामीण मतदाताओं की अपेक्षाएं
सर्वे रिपोर्ट की माने तो वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली की आबादी मुख्यत: शहरी है, जिसके कारण 99 फीसदी शहरी मतदाताओं की प्राथमिकता पर फोकस किया गया है। फिर दिल्ली के एक फीसदी ग्रामीणों की प्राथमिकता शीर्ष तीन प्राथमिकताओं में 56 फीसदी के लिए कृषि उत्पादों के अधिक मूल्य दिलाने, 52 फीसदी के लिए रोजगार के बेहतर मौके तथा 44 फीसदी के लिए कृषि के लिए बिजली मुहैया करना बड़ा मुद्दा सामने आया है। इन तीनों मुद्दों पर सरकार के प्रदर्शन में पांच में से सबसे ज्यादा 2.25 अंक कृषि के लिए बिजली दिलाने, 2.17 अंक बेहतर रोजगार के अवसर तथा 2.12 अंक कृषि मूल्यों के लिए दिये हैं, जिन्हें औसत से कम रेटिंग के दायरे में माना गया है।
सार्वजनिक परिवहन में सुधार
दिल्ली के दस प्राथमिकता वाले मुद्दों में सरकार ने पिछले पांच साल में सार्वजनिक परिवहन, पेयजल और बेहतर सड़कों के लिए कुछ बेहतर सुधारात्मक प्रदर्शन किया है। इसी कारण मतदाताओं ने सार्वजनिक परिवहन के लिए सरकार के प्रदर्शन को सर्वाधिक 3.50 अंक दिये हैं, जबकि बेहतर सड़कों के लिए 3.16 तथा पेयजल सुधार के लिए 3.06 अंक देकर औसत प्रदर्शन के संकेत दिये हैं।
05May-2019

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