सियासी
पिच पर आखिरी मैच में दांव पर भाजपा की साख
पूर्व
लोकसभा स्पीकर व सात पूर्व केंद्रीय मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
लोकसभा
चुनाव के सातवें एवं अंतिम चरण में 19 मई रविवार को आठ राज्यों की 59 सीटों पर
मतदान होगा, जहां पश्चिमी बंगाल की नौ सीटों पर 20 घंटे पहले रोके गये चुनाव
प्रचार के बाद शुक्रवार शुक्रवार शाम को बाकी सात राज्यों में भी चुनावी शोर थम
गया है। इस चुनाव पर पूरे देश की नजरे लगी हैं, जिसमें खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र
मोदी और उनके मंत्रिमंडल में शामिल आठ सदस्यों की अग्नि परीक्षा होगी। वहीं पूर्व
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और सात पूर्व केंद्रीय मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी इस
अंतिम दौर के चुनाव में दांव पर होगी। सही मायने में इस दौर का चुनाव भाजपा के लिए
साख का सवाल बना है, जिसके सामने अपने कब्जे वाली 31 सीटों को बचाने के साथ खासकर
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के तिस्लिम को तोड़ने की चुनौती होगी।
सत्रहवीं
लोकसभा के लिए 543 सीटों में से 483 सीटों पर चुनाव होने के बाद अब सात राज्यों व
एक केंद्र शासित प्रदेश की 59 सीटों पर सातवें यानि अंतिम चरण में 19 मई को मतदान
होगा। इस दौर के चुनाव को भाजपा और उसके सहयोगी दलों के लिए अत्यंत अहम माना जा
रहा है, जहां 59 में से पिछले चुनाव में राजग के कब्जे में आई 39 सीटें का संघर्ष
किसी परीक्षा से कम नहीं है, हालांकि दो सीटों पर आरएलएसपी अब राजग से अलग हो चुकी
है। पश्चिम बंगाल में राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस की आक्रमकता के तिस्मिल
को तोड़ने के इरादे से भाजपा अपनी व्यापक सियासी रणनीति के साथ चुनाव मैदान में
है। जिन 59 सीटों पर इस दौर में मतदान होना है, उनमें सर्वाधिक 31 सीटों पर भाजपा
काबिज है, जबकि उसके सहयोगी दलों में चार शिरोमणी अकाली दल, एक जदयू और एक अपना दल
के पास है। पश्चिम बंगाल की सभी नौ सीटों पर तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है। इसके
अलावा कांग्रेस और आप के 4-4, आरएलएसपी व झामुको के 2-2 तथा सपा के एक सीट कब्जे
में है। हालांकि बिहार में आरएलएसपी पिछला चुनाव राजग के साथ मिलकर लड़ी थी, जिसके
कारण राजग के सामने उन सीटों को भी देखें तो 39 सीटों को बचाने की चुनौती
होगी।
पीएम मोदी समेत इन दिग्गजों की दांव पर
प्रतिष्ठा
लोकसभा के
लिए इस अंतिम दौर के चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश भाजपा के लिए अत्यंत अहम होगा,
जहां वाराणसी लोकसभा सीट पर खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सियासी साख कसौटी
पर है। वहीं प्रदेश में गाजीपुर से केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा के अलावा
मिर्जापुर सीट नी भाजपा के सहयोगी अपना दल प्रत्याशी एवं केंद्रीय मंत्री
अनुप्रिया पटेल के अलावा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय, रमापति राम त्रिपाठी,
अभिनेता रवि किशन, कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह जैसे कई सियासी
योद्धाओं की प्रतिष्ठा दांव पर है। इस राज्य की 13 सीटों में 12 राजग के कब्जे में
है। इसी प्रकार बिहार की आठ में से सात सीटों को बचाने के लिए भाजपा राजग के
दिग्गजों जिनमें चार सीटों पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, आरके सिंह, अश्विनी
चौबे व रामकृपाल यादव अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। वहीं लालू यादव की बेटी मीसा
भारती, भाजपा के बागी कांग्रेस प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा, पूर्व केंद्रीय मंत्री
एवं लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार भी सियासी वजूद के लिए चुनावी जंग में हैं। पंजाब
में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, हरसिमरत कौर बादल, पंजाब के पूर्व उप
मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं मुख्यमंत्री
अमरिन्दर सिंह की धर्मपत्नी परणीत कौर, गुरदासपुर से अभिनेता सन्नी दयोल, लोकसभा
के पूर्व उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल की सियासी प्रतिष्ठा भी दांव पर है। इसी
प्रकार चंड़ीगढ़ से पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल और अभिनेत्री किरण खेर के
अलावा मध्य प्रदेश में पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया व झारखंड में शिबू
सोरेन, हिमाचल में अनुराग ठाकुर जैसे कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला होना
है।पश्चिम बंगाल में सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के अलावा टीएमसी के
ही सौगात राय, सुदीप बंदोपाध्याय के अलावा अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती की किस्मत भी
दावं पर है।
किस दल के कितने प्रत्याशी
लोकसभा
चुनाव के अंतिम चरण के चुनाव में 59 सीटों पर 918 प्रत्याशियों में राष्ट्रीय दलों
के 162, क्षेत्रीय दलों के 69 तथा गैर मान्यताप्राप्त पंजीकृत दलों के 372 के
अलावा 315 निर्दलीय प्रत्याशियों का सियासी इम्तिहान होगा। प्रमुख दलों के
प्रत्याशियों में भाजपा के 46, कांग्रेस के 44, बसपा के 40, तृणमूल कांग्रेस के
11, सीपीआईएम व सपा के 9-9, शिवसेना के 15, जदयू के 6, आप के 14, राजद व एनसीपी के
3-3 प्रत्याशी इस अंतिम दौर के मुकाबले में सियासी जंग लड़ रहे हैं।
दागी व कुबरों पर दांव
लोकसभा की
इन 59 सीटों पर सियासी दलों ने 127 संगीन मामलों समेत 170 प्रत्याशी आपराधिक
पृष्ठभूमि वालों को प्रत्याशी बनाया है, जबकि इस चरण में 278 करोड़पति प्रत्याशी
भी विभिन्न दलों से चुनावी जंग में है। दागियों में सबसे ज्यादा 29 निर्दलीय
प्रत्याशी शामिल हैं, जबकि भाजपा के 18, कांग्रेस के 14, अकाली दल के सात, बसपा के
6, सपा के पांच, तृणमूल कांग्रेस के चार, शिवसेना, आप और सीपीआईएम के 3-3
प्रत्याशी दागियों की सूची में शामिल हैं। करोड़पति 278 प्रत्याशियों में हालांकि
सर्वाधिक 59 निर्दलीय प्रत्याशी शामिल हैं, लेकिन प्रमुख दलों में कांग्रेस ने
सबसे ज्यादा 40 करोड़पतियों को प्रत्याशी बनाकर चुनावी जंग में उतारा है। इसके
अलावा भाजपा के 36, बसपा के 11, शिरोमणि अकाली दल के 10, तृणमूल कांग्रेस और आम
आदमी पार्टी के 9-9, सपा के सात, सुहेलदेव भरतीय समाजपार्टी के छह, जदयू के चार,
सीपीआईएम, राजद व सीपीआई के 3-3 तथा शिवसेना व झारखंड मुक्ति मोर्चा के दो-दो
प्रत्याशी धनकुबेरों की फेहरिस्त में शामिल हैं।
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अंतिम दौर के चुनाव में दस करोड़ से ज्यादा वोटर करेंगे मतदान
राज्य लोस सीट प्रत्याशी
कुल मतदाता पुरुष महिला
थर्ड जेंडर मतदान केन्द्र
बिहार 8 157 15252608 8095447
7156660 501 15811
हिमाचल प्रदेश 4 45 5330154 2724111
2605996 47 7723
झारखंड
3 42
4564681 2364541 2200119
21 4315
मध्य प्रदेश
8 82 14913890 7626516
7286890 484 18411
पंजाब 13 278 20892674 11059828
9832286 560 23213
उत्तर प्रदेश
13 167 23638797 12818440 10818931 1426
25874
पश्चिम बंगाल 9 111 14963064 7698023
7264664 377 17042
चंडीगढ़ 1 36 619285 327984 291282
19 597
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कुल 59 918 100175153- 52714890-47456828 3435 112986
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08May-2019
08May-2019
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