सोमवार, 20 मई 2019

लोकसभा चुनाव में हर दिन 63 करोड़ का गैरकानूनी खर्च!

चुनावी इतिहास में नकदी समेत रिकार्ड 3450 करोड़ की संपत्ति जब्त
नकदी व जेवरात में तमिलनाडु अव्वल, ड्रग्स में गुजरात व दिल्ली सबसे आगे
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।  
सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव प्रचार के बदले रूप के अलावा सियासी दलों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए धन और बल के इस्तेमाल शायद पिछले चुनावों की तुलना में कहीं ज्यादा करने का प्रयास किया है। लेकिन चुनाव सुधार की दिशा में निष्पक्ष और चुनावी खर्च पर शिकंजा कसने के लिए चुनाव आयोग के 55 दिन के सघन अभियान के दौरान जिस प्रकार रिकार्ड 839 करोड़ की नकदी समेत करीब 3450 करोड़ रुपये की गैरकानूनी संपत्ति जब्त की गई है। जब्त की गई यह गैरकानूनी संपत्ति लोकसभा की 543 सीटों के लिए प्रत्याशियों के निर्धारित 377.64 करोड़ खर्च के मुकाबले नौ गुणा से भी कहीं ज्यादा और पहली 16वीं लोकसभा चुनाव को छोड़ चुनावी इतिहास में सरकारी खर्च से भी कई गुणा ज्यादा है।
लोकसभा चुनाव-2019 के लिए दस मार्च को जारी आदर्श आचार संहिता के बाद राजनीतिक दलों और उनके प्रत्याशियों के चुनावी खर्च पर शिंकजा कसने और गैरकानूनी गतिविधियों के लिए अपना जाल बिछाया। अब जब लोकसभा की 543 में से 542 सीटों के लिए सात चरणों में चुनाव पूरा हो चुका है तो आयोग की विभिन्न टीमों द्वारा चुनावी खर्च की निगरानी करते हुए अपने 26 मार्च से 19 मई तक यानि 55 दिन के सघन अभियान में रिकार्ड 839.03 करोड़ रुपये की नकदी, 1270.37 करोड़ की कीमत की ड्रग्स, 986.76 करोड़ कीमत के सोने-चांदी जैसी कीमती धातुएं, 294.41 करोड़ की शराब और 58.56 करोड़ के कीमती अन्य उपहारों समेत कुल 3449.12 करोड़ रुपये की गैरकानूनी संपत्ति जब्त की है। इतनी बड़ी गैरकानूनी संपत्ति जब्त होने से साबित हुआ है कि देश में पिछले लोकसभा चुनावों की तुलना में राजनीतिक दल सत्रहवीं लोकसभा चुनाव में तय चुनाव खर्च से कहीं ज्यादा खर्च किया है। जबकि हर दिन चुनावों में इस्तेमाल होने से पहले ही करीब 63 हजार रुपये के गैरकानूनी खर्च पकड़ा गया है। 
एक प्रत्याशी के हिसाब से तय खर्च 377.64 करोड़                  
सत्रहवीं लोकसभा चुनाव के लिए 543 में से 532 सीटों पर एक प्रत्याशी के 70 लाख रुपये के हिसाब से 372.40 करोड़ व 11 सीटों पर 5.24 करोड़ यानि 377.64 करोड़ रुपये तय है। जबकि चुनावों में इस्तेमाल से पहले जब्त हुई 3449.12 करोड़ रुपये की गैरकानूनी खर्च तय खर्च के मुकाबले नौ गुणा से भी ज्यादा है। चुनाव आयोग के मुताबिक 16वीं लोकसभा चुनाव में 299.94 करोड़ रुपये की नकदी, 17,070 किग्रा मादक पदार्थ, 1.62 करोड़ लीटर शराब जैसी सामग्री जब्त की गई थी।
तमिलनाडु में जब्त हुई सर्वाधिक संपत्ति
हालांकि तमिलनाडु की 39 में से 38 सीटों पर चुनाव संपन्न हो चुका है, लेकिन इस राज्य में सबसे ज्यादा 950.12 रुपये की गैरकानूनी संपत्ति जब्त की गई, जिसमें देशभर के अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक 227.95 करोड़ की नकदी और 709.67 करोड़ कीमत के 3113 किग्रा सोना-चांदी और अन्य धातु जब्त हुई है।
गुजरात के साथ दिल्ली में ड्रग्स का खेल
लोकसभा चुनाव के सात चरणों के दौरान अभी तक गुजरात में जब्त कुल 552.78 करोड़ रुपये की संपत्ति में 524.34 करोड़ रुपये की कीमत का उच्चकोटी का 130.73 किग्रा मादक पदार्थ बरामद किया गया है। इसके नई दिल्ली में जब्त कुल 426.10 करोड़ की संपत्ति में अकेले 374.67 करोड़ के मादक पदार्थ ही जब्त हुए हैं, जबकि नकदी के रूप में मात्र 34.69 करोड़ रुपये पकड़ में आए। हालांकि पंजाब में 284.90 करोड़ की जब्त कुल संपत्ति में 218.49 करोड़ रुपये के 8072 किग्रा ड्रग्स की जब्ती हुई है हालांकि सबसे ज्यादा 24940 किग्रा ड्रग्स उत्तर प्रदेश में जब्त की गई है, लेकिन गुजरात, दिल्ली व पंजाब के मुकाबले यह इतनी निम्न गुणवत्ता की है कि उसकी कीमत केवल 28.27 करोड़ रुपये ही आंकी गई है।
गैरकानूनी है प्रलोभन: आयोग
चुनाव आयोग के अनुसार धन-बल के इस्तेमाल को रोकने के लिए आयोग देशभर में निगरानी कर रहा है, लेकिन इस लोकसभा चुनाव में सियासी नेता व दल कहीं ज्यादा ही मतदाताओं को लुभाने के लिए गैरकानूनी तरीके से नकदी, ड्रग्स, शराब व अन्य हथकंडों का इस्तेमाल करते नजर आ रहे है, जिसके लिए मतदाताओं को सोना, चांदी और अन्य तरह के प्रलोभन भी दिया जा रहा है, जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 के तहत पूरी तरह से गैरकानूनी हैं।

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