दोनों सदनों में हंगामा, पटरी पर नहीं आई कार्यवाही
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद
के शीतकालीन सत्र में नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा थमने का नाम
नहीं ले रहा है। संसद के दोनों सदनों में गुरुवार को भी हंगामे के कारण
कार्यवाही पटरी पर नहीं चढ़ पायी और कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित
करना पड़ा। वहीं विपक्षी दलों ने नोटबंदी को एक माह पूरा होने पर काला दिवस
मनाकर सरकार को घेरने का प्रयास किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र
मोदी द्वारा नोटबंदी के फैसले के खिलाफ संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस
समेत विपक्षी दल पहले दिन से ही सरकार को घेरकर दोनों सदनों में हंगामा
करते आ रहे हैं, जिसके कारण पिछले 15 दिनों से दोनों सदनों में विपक्षी दल
हंगाम करते आ रहे हैं। गुरुवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही
विपक्षी दलों ने नोटबंदी के मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया, जिसके कारण
भोजनावकाश से पहले दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। प्रश्नकाल के
दौरान भी विपक्षी दलों के शांत न होने पर सभापति हामिद अंसारी ने दो बजे तक
के लिए कार्यवाही को स्थगित कर दिया। इस हंगामे के कारण दो बजे बाद भी
राज्यसभा की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी।
प्रदर्शन के साथ मनाया काला दिवस
संसद
की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी दलों ने
नोटबंदी के विरोध में काला दिवस मनाने के लिए संसद परिसर में महात्मा गांधी
की प्रतिमा के समक्ष एकत्र हुए ओर बाहोंं पर काली पट्टी बांधकर मोदी सरकार
के इस फैसले के खिलाफ काला दिवस मनाते हुए विरोध जताया और नारेबाजी कर
प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि नोटबंदी के मुद्दे पर सरकार को संसद के भीतर
और बाहर लगातार घेरने में लगे विपक्षी दलों ने नोटबंदी की घोषणा का एक
महीना पूरा होने पर एक दिन पहले ही ‘काला दिवस’ मनाने का ऐलान किया था। इस
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन
समाजवादी पार्टी, वाम दलों, जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल,
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, द्रमुक तथा कुछ अन्य दलों के सांसदों ने
हिस्सा लिया। प्रदर्शन में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी तथा पार्टी के
वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खडगे, गुलाम नबी आजाद तथा आनंद शर्मा, तृणमूल के
सुदीप बंधोपाध्याय, सपा के रामगोपाल यादव, माकपा के सीताराम येचुरी, जदयू
के शरद यादव, राजद के जयप्रकाश यादव आदि सांसद शामिल थे।
कालाधन समर्थन दिवस: वेंकैया
नोटबंदी
के फैसले की घोषणा को एक महीना होने पर ‘काला दिवस’ मनाने को लेकर विपक्ष
पर तीखा प्रहार करते हुए केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने
कहा कि वास्तव में विपक्षी दल ‘कालाधन समर्थन दिवस’ मना रहे हैं। वेंकैया
ने कहा कि विपक्ष खासतौर पर कांग्रेस काला दिवस मना रही है, लेकिन उन्होंने
इसे ‘कालाधन समर्थन दिवस’ करार देते हुए कहा कि संसद भवन परिसर में
महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष विपक्षी दलों का धरना प्रदर्शन एक बड़ा
‘तमाशा’ है और यह राष्ट्रपिता का अपमान है। वैंकया का कहना है कि नोटबंदी
के फैसले को देश और विदेशों से सराहना मिली है फिर भी विपक्षी दल संसद में
कामकाज ठप करके लोकतंत्र की अवमानना करने पर आमादा है।
अपनी मांग पर अडिग विपक्ष
विपक्ष
नोटबंदी के फैसले को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं, वहीं मोदी सरकार
इसे सकारात्मक कदम बता रही है। नोटबंदी को लेकर संसद में सत्ता पक्ष तथा
विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है। सरकार लगातार कह रही है कि विपक्ष चर्चा
से भाग रहा है जबकि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए निरंतर तैयार है।
आगे आए आडवाणी
संसद
में जारी हंगामे को खत्म कराने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता लालृष्ण
आडवाणी ने पहल की है। गुरुवार को आडवाणी ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन
से मुलाकात करके इस गतिरोध खत्म करने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की।
इससे पहले बुधवार को आडवाणी ने संसद में हो रहे हंगामे पर नाराजगी जताई थी।
पीएम का मूर्खतापूर्ण निर्णय: राहुल गांधी
कांग्रेस
उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह पीएम मोदी का बोल्ड नहीं, बल्कि
मूर्खतापूर्ण निर्णय था, जिसके कारण देशभर में लोग परेशान हो रहे हैं, इसके
पीछे राहुल ने मोदी जी का अहंकार बताया। राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर
निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी इस फैसले से सबसे ज्यादा नुकसान गरीब,
किसानों को हुआ। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एक के बाद एक बहाने से भाग
रहे हैं। हम उन्हें भागने नहीं देंगे, उन्हें समझाएंगें।
-----
-----
राष्टÑपति ने दी हंगामा करने वाले सांसदों को नसीहत
विपक्षी दलों से किया संसद की कार्यवाही चलाने का अनुरोध
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद
के शीतकालीन सत्र में नोटबंदी के विरोध में हंगामा कर रहे सांसदों से
नाराजगी जताते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नसीहत दी और कहा कि संसद
में उन्हें चर्चा और कामकाज करने पर जोर देना चाहिए, क्योंकि संसद की
कार्यवाही को बाधित करना कतई
स्वीकार नहीं किया जा सकता।
राष्ट्रपति
प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को रक्षा संपदा दिवस व्याख्यान के अवसर पर यहां
‘मजबूत लोकतंत्र के लिए चुनाव सुधार’ विषय पर अपने संबोधन के दौरान नोटबंदी
के विरोध में संसद में हंगामा करने वाले सांसदों को आड़े हाथो लिया और कहा
कि सदन धरना-प्रदर्शन और ऐसी बाधा पैदा करने की जगह नहीं है, जिसमें अल्पमत
द्वारा बहुमत की आवाज दबा दी जाए। कहा कि संसदीय प्रणाली में कामकाज में
बाधा डालना पूरी तरह अस्वीकार्य है। लोग अपने प्रतिनिधियों को बोलने के लिए
भेजते हैं, धरना पर बैठने के लिए नहीं, और न ही सदन में दिक्कतें पैदा
करने के लिए। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के विरोध के लिए सांसद कोई और जगह
चुन सकते हैं, लेकिन भगवान के लिए, अपना काम करें। प्रणब ने सांसदों को
आगाह किया कि विपक्ष का काम सदन को बाधित करना नहीं, बल्कि चर्चा और कामकाज
करना है। उन्होंने कहा कि सदन के अध्यक्ष के पास सदन की कार्यवाही स्थगित
करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होता। यह पूरी तरह अस्वीकार्य है। प्रणब
ने ऐसे समय में यह तीखी टिप्पणियां की हैं जब पिछले 15 दिनों से नोटबंदी के
मुद्दे पर संसद में गतिरोध जारी है। राष्ट्रपति ने कहा कि पूरे साल में
महज चंद हμते ही संसद का सत्र आयोजित होता है। सांसदों को अपने अधिकारों का
इस्तेमाल करने, खासकर लोकसभा सदस्यों को धन और वित्त के मुद्दे पर कामकाज
में अपना वक्त देना होता है।
सुमित्रा महाजन भी खफा
लोकसभा
स्पीकर सुमित्रा महाजन ने संसद की कार्रवाई को बाधित किए जाने को लेकर
विपक्ष को आड़े हाथों लिया है। स्पीकर ने भी विपक्षी दलों की तरफ से किए जा
रहे शोर शराबों के बीच उन पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। स्पीकर ने कहा,
ह्लयह ठीक नहीं है कि किसी सदस्य के सामने आकर कोई हंगामा करे। ऐसे में मैं
सदस्यों से यह कहना चाहती हूं कि वह इन बातों का ध्यान रखें ताकि हमें कोई
कड़ा कदम ना उठाना पड़े। कोई भी सदस्य जो बोल रहा होता है वह निर्वाचित
सदस्य है और उसे बोलने का पूरा अधिकार है।
09Dec-2016
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें