मंगलवार, 27 दिसंबर 2016

नोटबंदी के मुद्दे फिर बिखरा विपक्ष!

सपा, बसपा व वामदल के साथ जदयू का भी यूटर्न
हरिभूमि ब्यूरो
. नई दिल्ली।
संसद में हंगामा करने के बाद अब प्रधानमंत्री मोदी के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ नई रणनीति के साथ राजग सरकार को घेरने की तैयारी में लामबंद विपक्षी दल ठीक उसी तरह बिखरता नजर आ रहा है, जिस प्रकार गत 28 नवंबर को आक्रोश दिवस पर जनता का समर्थन न मिलने के कारण दरार पड़ गई थी। कांग्रेस द्वारा मंगलवार को संयुक्त बैठक में सपा, बसपा, वामदल के बाद जदयू व अन्नाद्रमुक ने भी हिस्सा न लेने का फैसला किया है। ऐसे में कांग्रेस फिर से बैकपुट पर आती दिखने लगी है।
दरअसल कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने मंगलवार को नोटबंदी के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार की घेराबंदी करने के मकसद से 16 विपक्षी दलों की संयुक्त बैठक बुलाई है, जिसके बाद संयुक्त प्रेस कांफ्रेस होगी। लेकिन दिल्ली में नोटबंदी को लेकर विपक्ष की इस बैठक से एक दिन पहले ही विपक्ष की फूट उजागर होना शुरू हो गई है। सूत्रों की माने तो सोनिया गांधी की अगुवाई में होने वाली इस बैठक में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और वामदलों ने पहले ही हिस्सा न लेने का ऐलान कर दिया है। वहीं जनता दल-यू भी अपने पैर वापस खींचती दिख रही है। हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस बैठक में हिस्सा लेने आ रही हैं। सपा, बसपा, वामदल और जदयू का मानना है कि अगर ये विपक्ष का सांझा कार्यक्रम है तो पहले इसे तय किया जाना चाहिए था।
किसने क्या कहा
सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने सोमवार को कहा कि वे प्रेस कांफ्रेंस में सभी 16 दल में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि अगर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री इस प्रेस कांफ्रेंस में हो सकती हैं तो असम, त्रिपुरा और अन्य राज्यों के नेता क्यों नहीं? येचुरी ने कहा कि चीजों को सही तरीके से प्लान नहीं किया गया है। उधर जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि एक आम एजेंडा होना चाहिए, जिसके लिए अभी तक हम निर्णय नहीं ले पाए हैं, कि हम संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में जाएंगे या नहीं। तमिलनाडु से एआईएडीएमके ने भी बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला करते हुए माना है कि नोटबंदी को लेकर वह अपने हिसाब से प्रदर्शन करेगी। उधर बिहार के हिसाब से देखें तो जदयू ने भले अभी बैठक से बाहर रहने का मन बनाया है, लेकिन बिहार में उसकी सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) इस बैठक में शामिल हो रही है। राजद नेता अशोक सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी को लेकर होने वाली बैठक में राजद शामिल होगी। हालांकि सूत्रों के अनुसार राजद और एनसीपी को भी इसी तरह की कुछ आपत्तियां हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जब कुछ नई घोषणा करेंगे तो वाम दल उसके अनुसार ही विरोध करेंगे। इसके लिए हम अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ भी सलाह-मशविरा करेंगे। उधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस ने एक मीटिंग की बात कही है। अगर वह मीटिंग में शामिल हुई तो आपको बता देंगी।
मोर्चे पर डटी ममता
ममता बनर्जी विपक्ष की बैठक के लिए दिल्ली आ रही हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का मकसद नोटबंदी के खिलाफ अपने प्रदर्शन को और धार देना भी है। वह राज्य के मुद्दों को लेकर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मुलाकात भी करेंगी। ममता पहले ही मोदी हटाओ-देश बचाओ नाम से राज्यव्यापी कैंपेन की शुरूआत कर चुकी हैं। ममता का यह 8 दिन का अभियान एक जनवरी से शुरू होगा। यह दिन ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का स्थापना दिवस भी है।
अधर में संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस
नोटबंदी सहित कई मुद्दों पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने मंगलवार को एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस का आव्हान किया है। इस संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के लिए कांग्रेस ने सरकार के विपक्ष में खड़ी सभी 16 पार्टियों को न्यौता दिया है, लेकिन विपक्ष की एकता में एक बार फिर से सेंध लगने से ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि कांग्रेस की बुलाई संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस का अब क्या होगा?
27Dec-2016

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