सोमवार, 12 दिसंबर 2016

सिंधु समझौते को लेकर गंभीर मोदी सरकार

बूंद-बूंद पानी हासिल करने की तैयारी में भारत
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
सीमापार से आतंकवादी गतिविधियों को लेकर भारत-पाक के बीच तल्खी में मोदी सरकार के कड़े रूख में सिंधु जल समझौते के तहत अब भारत जल्द ही पश्चिमी नदियों के पानी में अपने पूरे हिस्से का इस्तेमाल करने की तैयारी में है। वहीं इन नदियों पर लंबित परियोजनाओं को भी पूरा करने की योजना बनाई जा रही है।
सीमापार से प्रायोजित आतंकी संगठन के आतंकियों के पठानकोट के बाद उरी आतंकी हमले पर भारत ने सख्त रूख अपनाते हुए पाकिस्तान को चेताया और उरी हमले के बाद तो मोदी सरकार ने सिंधु जल समझौते पर पुनर्विचार करने के बीच ही सर्जिकल स्ट्राइक करके पाक के सामने अपने इरादे साफ कर दिये। दोनों देशों के बीच बढ़ी इस तल्खी के बाद आतंकवाद के मुद्दे पर भारत को वैश्विक समर्थन मिला। आतंकवाद के मुद्दे पर सुधरने का नाम नहीं ले रहे पाकिस्तान पर किसी प्रकार की नरमी न बरतते हुए भारत ने अब सिंधु जल समझौते के तहत पश्चिमी नदियों के पानी में अपने पूरे हिस्से का इस्तेमाल करने की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार के इस कड़े फैसले के तहत भारत अगले साल चिनाब नदी पर जल ऊर्जा परियोजना शुरू करने की तैयारी कर चुका है। सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के बठिंडा में एक जनसभा के दौरान ऐसे संकेत देते हुए साफ कर दिया था कि पाकिस्तान जाने वाली नदियों के पानी की एक-एक बूंद रोककर भारत के किसानों तक पहुंचायी जाएगी। गौरतलब है कि वर्ष 1960 के सिंधु जल समझौते के तहत भारत पश्चिमी नदियों के पानी में अपने हिस्से के पानी को इस्तेमाल के लिए रोक सकता है, जिसकी सीमा 36 लाख एकड़ फीट रखी गई है।
चिनाब नदी पर बनेगा सबसे ऊंचा बांध
सूत्रों के अनुसार स्वालकोट परियोजना के तहत चिनाब नदी पर 193 मीटर देश को सबसे ऊंचा बांध बनाया जाएगा, जिससे 1,856 मेगावॉट बिजली उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है। इस परियोजना को दो चरणों में पूरा करने का खाका तैयार किया गया है। जल संसाधन मंत्रालय के सूत्रोे का कहना है कि भारत ने अब सिंधु के ज्यादा से ज्यादा पानी का इस्तेमाल करने का फैसला कर लिया है। इसीलिए अब तक सिंधु नदी से जुड़ी सभी लंबित परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करने की तैयारियों की जा रही हैं। हालांकि इस चिनाब बांध परियोजना से पहले केंद्र सरकार स्वालकोट (1,856 मेगावॉट), पाकुल दुल (1,000 मेगावॉट) और बुरसर (800 मेगावॉट) परियोजनाओं को को शुरू करेगी। चेनाब, झेलम नदियों पर बांध बनाना बहुत बड़ा और मुश्किल काम माना जाता है, लेकिन ये परियोजनाएं पाकिस्तान को भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिहाज से शुरू किए जा रहे हैं। एक अधिकारी के मुताबिक केंद्र सरकार सभी जमीनी स्तर के काम के लिए लगातार जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ संपर्क में है।
12Dec-2016

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