मंगलवार, 13 दिसंबर 2016

कैशलेस भुगतान से श्रमिको को राहत देगी सरकार

अब चैक या बैंक खातों के जरिए होगा वेतन
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने विमुद्रीकरण नीति के तहत कैशलेस भुगतान को बढ़ावा देने की दिशा में देश के कारखानों और उद्योगों में काम करने वाले लाखों कामगारों के वेतन भुगतान को लेकर एक ऐसी योजना तैयार की है, जिसके तहत अभी तक नकद वेतन पा रहे कामगारों को जल्द ही चेक या सीधे उनके बैंक खातों में वेतन का भुगतान पहुंचना शुरू हो जाएगा।
सूत्रों के अनुसार मोदी सरकार ने विमुद्रीकरण के फैसले के बाद जिस प्रकार से डिजीटल पेमेंट को प्रोत्साहन देने की मुहिम शुरू की गई है, उसे देखते हुए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने एक कैबिनेट नोट जारी किया गया है, जिसके अनुसार कारखानों और फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मचारियों का यह यह आकलन किया जाएगा कि श्रमिकों को न्यूनतम वेतन मिल रहा है या नहीं। केंद्र सरकार इसके लिए सरकार मजदूरी अधिनियम,1936 के सेक्शन 6 में संशोधन करने का मसौदा तैयार कर चुकी है, जिसके तहत औद्योगिक या अन्य प्रतिष्ठानों को सैलरी का भुगतान चेक या बैंक खातों के माध्यम से करना होगा। सरकार का मत है कि इस निर्णय से मानकता के आधार पर वेतन न पाने वाले लाखों कर्मचारियों को लाभ भी होगा। नोटबंदी के फैसले के बाद केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि मजदूरों को केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा तय की गयी न्यूनतम मजदूरी दिलाई जा सके। इसी लक्ष्य के तहत वित्त मंत्रालय के दिशानिर्देशों के तहत श्रम मंत्रालय ने कैबिनेट नोट तैयार किया है। मोदी सरकार का यह फैसला कैशलेस भुगतान को प्रोत्साहित करने की दिशा में सामने आया है, जिसमें यदि कामगारों का वेतन 18000 रुपये प्रति माह से कम है तो उन्हें इस नए कानून के दायरे में लाकर उन्हें भी राहत दी जा सके।
ऐसे मिलेगी श्रमिकों को राहत
केंद्र सरकार द्वारा बनाए जा रहे इस नए कानून के तहत फैक्टरियों में काम करने वाले कामगारों का वेतन या तो चैक से या फिर सीधे खातों में ट्रांसफर करना अनिवार्य करके नियोक्ताओं द्वारा मानकों के तहत ही श्रमिकों को वेतन भुगतान करने के लिए कैशलेस योजना को बढ़ाया दिया जा रहा है, ताकि श्रमिकों को कैश में वेतन दिये जाने पर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार जैसे मामलों से निपटा जा सके। मसलन केंद्र सरकार रेलवे, हवाई सेवाओं और खदानों तथा तेल कंपनियों में ठेकेदार के माध्यम से होने वाले काम पर भी लगाम कसने के लिए सरकार ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है। देश में ठेकेदार श्रमिकों के साथ धोखाधड़ी करने के मामले लगातार सुर्खियों में रहे है, लेकिन अब कैशलेस भुगतान की योजना से केंद्र सरकार का प्रयास है कि इलेक्ट्रॉनिक भुगतान को अनिवार्य करके ऐसी कुप्रथाओं और श्रमिकों को आर्थिक शोषण से मुक्त किया जाए, वहीं दूसरी ओर इस कदम से नियोक्ताओं के प्रति विश्वास बढ़ने की संभावनाएं भी प्रबल होना तय माना जा रहा है। केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए राज्य सरकारों से भी औद्योगिक प्रतिष्ठानों की पहचान पहचान करने का आग्रह कर तैयारियां करने को कहा है।
13Dec-2016

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