गुरुवार, 22 दिसंबर 2016

ऐसे लगेगी कॉमर्शियल वाहनों की रफ़्तार पर लगाम!

एक फरवरी से अनिवार्य होगा टैंपर प्रूफ स्पीड गवर्नर
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
देश में सड़क हादसों पर अंकुश लगाने की दिशा में केंद्र सरकार ने कॉमर्शियल वाहनों की गति पर ब्रेक लगाने के लिए 31 जनवरी के बाद ऐसे वाहनों में केंद्र सरकार द्वारा प्रमाणित मानदंडों के अनुरूप गतिरोधक मीटर (टैंपर प्रूफ स्पीड गवर्नर) लगाना अनिवार्य कर दिया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार एक फरवरी से स्कूल बस, यात्री बस या फिर भारी माल वाहक जैसे कॉमर्शियल वाहनों गति नियंत्रित करने के लिए उनमें गतिरोधक मीटर (टैंपर प्रूफ स्पीड गवर्नर) लगाए जाएंगे। ये मीटर केंद्र सरकार द्वारा प्रमाणित मापदंडों के अनुरूप होंगे। सरकार के हाल ही मेें जारी दिशानिर्देशों के तहत यदि 31 जनवरी 2016 के बाद किसी कॉमर्शियल वाहन में टैंपर प्रूफ स्पीड गवर्नर लगा नहीं मिला, तो उस वाहन के मालिक के खिलाफ मोटर वाहन कानून की धाराओं के तहत सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इससे पहले एक अगस्त को जारी आदेश में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 31 सितंबर तक स्पीड गवर्नर की छूट प्रदान की थी, जिसके बाद मंत्रालय ने तेज गति से चलने वाले बड़े वाहनों से बढ़ रही दुर्घटनाओं को देखते हुए एक नवंबर से कॉमर्शियल वाहनों में स्पीड गवर्नर होना अनिवार्य कर दिया था। अभी तक ज्यादातर वाहनों में स्पीड गवर्नर न लगने की शिकायत पर मंत्रालय ने एक और मौका देते हुए अब स्पीड गवर्नर लगवाने के लिए 31 जनवरी तक की छूट दे प्रदान की है। सूत्रों के अनुसार कॉमर्शियल वाहनों में बिना सर्टिफाइड स्पीड गवर्नर के उपयोग की शिकायत के बाद मंत्रालय ने सड़क परिवहन आयुक्तों के जरिए देशभर के एआरटीओ को इस संबंध के आदेश जारी कर दिये हैं।
क्या है टैंपर प्रूफ स्पीड गवर्नर
टैंपर प्रूफ स्पीड गवर्नर गतिरोधक उपकरण या मीटर होता है। यंत्र वाहन के अंदर बिजली मीटर की तरह काम करेगा। मीटर को तय मानक गति से सील होगा, जिसके कारण उससे ज्यादा गति से संबन्धित वाहन को नहीं चलाया जा सकेगा। इस मीटर में कोई भी वाहन चालक गति को घटाने या बढ़ाने के लिए छेड़छाड़ नहीं कर सकेंगे। यदि ऐसा होता है तो मीटर से छेड़छाड़ करने पर कानूनी कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। यह गति नियंत्रक उपकरण 8 सवारी से अधिक व 3500 किग्रा से अधिक वजन वाले वाहनों मेंलगाए जाएंगे। मानक के अनुसार कॉमर्शियल वाहन जैसे हैवी लोडिंग वाहन, टैंकर, डंपर की स्पीड 60 किमी प्रति घंटा व बस व सवारी वाहनों की स्पीड 80 किमी प्रति घंटा रहेगी।
ऐसे रहेगी तय गति सीमा
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार इन दिशानिर्देशों के तहत भारी वाहनों की सीमा 60 किमी प्रतिघंटा और बस व सवारी वाहनों की गति सीमा 80 किमी प्रति घंटा तय की जा रही है। ऐसे वाहनों में स्टेज कैरिज वाहन, कॉन्ट्रेक्ट कैरिज वाहन, मैक्सी कैब (यात्री संख्या 8 से अधिक), ओमनी, बस, डंपर, टैंकर, स्कूल बस शामिल हैं। मसलन स्पीड गवर्नर लगने के बाद डंपर, टैंकर,स्कूल बस की स्पीड 60 किमी प्रति घंटा और अन्य माल वाहन व यात्री वाहनों को अधिकतम गति 80 किमी प्रति घंटा रहेगी। मंत्रालय के अनुसार फिलहाल स्पीड गवर्नर लगवाने पर जुर्माने से बचा जा सकेगा। एआरटीओ में रजिस्टर्ड हजारों वाहन ऐसे हैं, जिनमें स्पीड गवर्नर की आवश्यकता है।
इन वाहनों को मिलेगी छूट
मंत्रालय के दिशानिर्देशों के मुताबिक दो पहिया, तिपहिया, चौपहिया वाहन, ऐसे चार पहिया वाहन जिनका उपयोग यात्री व सामान के लिए किया जा रहा है, जिसमें चालक और यात्री की संख्या 8 है और वजन 3500 किलो से अधिक नहीं है। इसके अलावा कुछ और भी वाहन शामिल हैं, जिन्हें स्पीड गवर्नर मीटर से छूट दी जा सकती है।
22Dec-2016

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