रविवार, 25 दिसंबर 2016

राग दरबार: भाजयुमो को धार देने की चुनौती

ठाकुर की जगह पूनम
पूनम महाजन को जब युवा मोर्चा की कमान सौंपने का ऐलान हुआ तो बीजेपी के भीतर कई लोगों को आश्चर्य हुआ। खुद अनुराग ठाकुर को भी। हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे पिछले कई साल से युवा मोर्चा के अध्यक्ष पद पर काबिज थे। सांसद ठाकुर की विदाई का तात्कालीन कारण उनकी बीसीसीआई अध्यक्ष की कुर्सी बनी। चर्चा है कि सुप्रीम कोर्ट में लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लेकर ठाकुर की किरकिरी के बाद बीजेपी हाईकमान को लगा कि युवा मोर्चा की बागडोर किसी दूसरे नेता को देने में थोड़ी सी भी देरी गले की फांस बन सकती है। अपने देश में क्रिकेट बोर्ड वैसे भी कोयले की खदान हो गया है। जब ठाकुर की हटाने का फैसला हुआ तो उनकी जगह कौन का सवाल आया। विचार हुआ कि यूपी से या पंजाब से किसी को बनाया जाए। दोनों राज्यों में अगले साल चुनाव है। फिर सुझाव आया कि किसी युवा महिला को अध्यक्ष बनाया जाय। आखिरकार तलाश सांसद पूनम महाजन पर जाकर पूरी हुई। पूनम महाराष्ट्र से हैं। युवाओं में लोकप्रिय हैं। उनको युवा मोर्चा का अनुभव भी है। बीजेपी के कई बड़े नेता रहे स्व. प्रमोद महाजन की बेटी पूनम को पार्टी के बड़े नेताओं का आशीर्वाद भी मिलता रहा है। ऐसे वक्त में जब युवा कांग्रेस मोदी सरकार के खिलाफ काफी सक्रिय है,यह देखना रोचक होगा कि पूनम बीजेपी युवा मोर्चा को कैसे आगे बढाती है।   
यूं मोदी के पास पहुंचे राहुल
किसानों की समस्याओं को लेकर जब राहुल गांधी प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी से मिलने के नफा-नुकसान पर मंथन कर रहे थे, तब कांग्रेस के कई नेताओं का मत था कि ऐसा नहीं करना चाहिए। राहुल ने ताजा ताजा आरोप भी पीएम पर जड़ा था, व्यक्तिगत भ्रष्टाचार को लेकर। आखिरकार प्रधानमन्त्री से मुलाकात करने का निर्णय लिया गया। दरअसल कांग्रेस को ये आशंका सता रही थी कि मोदी सरकार जल्द ही किसानों की ऋण माफी को लेकर घोषणा कर सकती है,ऐसा हुआ तो अगले साल जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं वहाँ बीजेपी के पक्ष में हवा बनेगी। राहुल ने कुछ समय पहले यूपी में किसान यात्रा की थी। विचार हुआ कि अगर राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिलने जायेगा तो इसके दो फायदे होंगे। एक, अगर मोदी सरकार किसानों के हक में कुछ फैसले लेती तो कहने को हो जायेगा कि कांग्रेस के दबाव में सरकार मजबूर हुई। दो, अगर सरकार किसानों की अनदेखी करती है तो यूपी समेत बाकी राज्यों में कांग्रेस चुनावी प्रचार में कह सकती है कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री तक गुहार लगाई पर किसानों की चिंता सरकार को नहीं हुई। इसके बाद राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यालय पहुंचे और किसानों की समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन सौंप दिया।
केजरीवाल से बेहतर सिसोदिया
दिल्ली सरकार के नौकरशाहों से लेकर उपराज्यपाल नजीब जंग तक सबका मानना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से बेहतर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया हैं। केजरीवाल के अक्खड और अंहकारी स्वभाव के चलते ज्यादातर अधिकारी उनसे बचने की कोशिश करते हैं। उपराज्यपाल को भी कुछ ऐसा ही लगता है। चर्चा है कि प्रसाशनिक मामलों में जंग कोई भी बैठक सिसोदिया के साथ करने के इच्छुक रहते हैं बजाय केजरीवाल के। दरअसल मुख्यमंत्री केजरीवाल बहुत ही आक्रामक तरीके से अधिकारियों और उपराज्यपाल से पेश आते हैं। अब दिल्ली सरकार के गलियारों में मजाक चल रहा है कि अगर पंजाब में आप ने जीत हासिल की तो अरविंद केजरीवाल वहां के मुख्यमंत्री हो जायेंगे और दिल्ली को थोड़ी राहत मिलेगी।
अजब-गजब के हैं सरकारी आदेश...
सरकार और उसके काम करने का तरीका एक अलग ढंग का होता है। यहां छोटे से छोटे और बड़े से बड़े काम को करने की एक प्रक्रिया होती है, जिसे चरण दर चरण पूरा करने के बाद ही समाप्त हुआ माना जा सकता है। लेकिन कई बार ऐसी परिस्थितियां भी बन जाती हैं कि एक मुख्य विभाग अपने दूसरे छोटे विभाग को किसी काम को करने का निर्देंश देता है। फिर इसके लिए मना करता है और अंत में काम को करने के लिए अचानक निर्देंशित कर देता है। भला ऐसे में विभाग क्या करें, उसके सामने तो केवल आदेशों की प्रतियां ही घूमती रहती हैं, जिन्हें वो एक-एक करके देखता रहता है और अंत में पहले हां, फिर न की प्रतियां अपने मूल विभाग को भेज देता है। यहां बात केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और राष्टÑीय बाल आयोग के बीच एक आदेश को लेकर चल रही कशमकश की स्थिति की हो रही है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि सरकारी आदेश अजब-गजब के होते हैं।
यात्रा के बहाने 100 विधानसभा पर नजर
मध्यप्रदेश के चुनाव में भले ही अभी डेढ वर्ष से ज्यादा का समय है,लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अभी से अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इस बार उन्होंने मां नमामि देवि नर्मदे यात्रा शुरू की है। यहां यात्रा प्रदेश की 100 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरेगी। इस यात्रा में उन विधानसभा को खासकर टारगेट किया गया है,जहां पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पार्टी को अच्छा रिस्पांस नहीं मिला था। नमामि देवी में सप्ताह में सीएम खुद शामिल होंगे। जानकारों की माने तो पार्टी महाकौशल क्षेत्र
में अपनी मजबूती और जनाधार बढाना चाहती है।
-हरिभूमि ब्यूरो
25Dec-2016

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