मंगलवार, 27 दिसंबर 2016

केन-बेतवा लिंक परियोजना जल्द होगी शुरू

अटल की महत्वाकांक्षी योजना को धार
अंतिम अड़चन बनी वन्य जीव बोर्ड की मंजूरी मिली
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
सरकार की नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजना के तहत केन-बेतवा लिंक परियोजना जल्न्द शुरू होने वाली है। केन-बेतवा देश के इतिहास में ऐसी पहली परियोजना होगी, जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की महत्वाकांक्षी ‘नदियों को आपस में जोड़ने की योजना’ के तहत कार्यान्वयन होगा। दरअसल इस परियोजना में वन्य जीव बोर्ड की मंजूरी मिलते ही अंतिम अड़चन दूर हो चुकी है।
देश में सूखे और बाढ़ तथा जल संकट जैसी समस्या की चुनौती से निपटने के इरादे से अटल बिहारी वाजपेयी की नदियों को आपस में जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के तहत केन-बेतवा लिंक परियोजना इतिहास रचने वाली है, जिसे वन्यजीव से हरी झंडी मिलने के बाद अब पर्यावरणीय मंजूरी भी मिल गई है। दरअसल पिछले कई सालों से ऐसी मंजूरी की बाट जोह रही केन-बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना शुरू करने में लगातार विलंब हो रहा था। यूपीए सरकार भी इसे आगे नहीं बढ़ा सकी, लेकिन मोदी सरकार ने अटल बिहार के ड्रीम प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाते हुए ऐसी 31 परियोजनाओं को कार्यान्वित करने के लिए पटरी पर उतारा, जिसमें उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के सूखे से निपटने के लिए केन-बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाया। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा सरंक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने केन-बेतवा लिंक परियोजना में हो रहे विलंब को लेकर वन्य जीव एवं पर्यावरणीय समिति की मंजूरी न मिलने पर अनशन तक करने की चेतावनी दी थी।
फास्ट ट्रैक पर होगी परियोजना
इस अंतिम अड़चन दूर होने से केंद्रीय मंत्री उमा भारती इतनी उत्साहित है कि उनका मंत्रालय इस केन-बेतवा परियोजना को फास्ट्र ट्रैक पर शुरू करेगा। उमा भारती जल्द ही केन-बेतवा परियोजना लांच करने की तैयार में है, ताकि इस परियोजना के शुरू होने से मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में जल संकट से जूझ रहे बुंदेलखंड क्षेत्र के 70 लाख लोगों की खुशहाली का मार्ग प्रशस्त हो सके, जिन्हें पर्याप्त पानी, फसलों की सिंचाई और रोजगार की समस्या से भी निजात मिलेगी। उमा का कहना है कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के लिए वरदान बनने जा रही करीब 9393 करोड़ की केन-बेतवा लिंक परियोजना देश की ऐसी पहली परियोजना होगी,जिससे देश में सूखे और बाढ़ की समस्या के साथ जल संकट को दूर करने में मदद मिलेगी। केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के अनुसार केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना की दोनों राज्यों की सरकारों द्वारा सभी औपचारिकताएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं और डीपीआर के अनुसार परियोजना शुरू करने का पूरा खाका भी तैयार है।
यह है परियोजना का खाका
मंत्रालय के अनुसार मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश की इस केन-बेतवा परियोजना के तहत लिंक नहर की कुल लंबाई 221 किलोमीटर होगी, जिसमें दो किलोमीटर की सुरंग भी बनेगी। बरसात में केन नदी से आने वाले पानी को रोकने के लिए खजुराहो के निकट गंगऊ वियर से ढाई किलोमीटर दूर दौधन बांध बनेगा। 77 मीटर ऊंचे इस बांध की क्षमता 2953 मीट्रिक घन मीटर होगी। बांध पर 78 मेगावाट क्षमता की दो विद्युत उत्पादन इकाइयां भी स्थापित होंगी। इनमें एक उत्पादन इकाई बांध पर और दूसरी दो किलोमीटर दूर बनने वाली सुरंग के पास स्थापित होगी। यहां से आने वाला पानी बरुआसागर झील में मिलने के बाद बेतवा नदी में पहुंचेगा। खासबात है कि परियोजना के तहत 1700-1700 मिलियन घन मीटर पानी मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश को मिलेगा। इस परियोजना से जहां मध्यप्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़ एवं पन्ना जिले की 3,69,881 हेक्टेयर भूमि, तो वहीं उत्तर प्रदेश के महोबा, बांदा व झांसी जिले की 2,65,780 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई क्षमत में वृद्धि होगी, जिसमें झांसी जिले की 6,35,661 हेक्टेयर कृषि भूमि भी शामिल है। इसके अलावा इस परियोजना के मार्ग में पड़ने वाली 13.42 लाख जनसंख्या को 49 मिलियन क्यूबिक मीटर पेयजल की उपलब्धता से लोगों की प्यास भी बुझेगी। डीपीआर के मुताबिक उत्तरप्रदेश को केन नदी का अतिरिक्त पानी देने के बाद मध्यप्रदेश करीब इतना ही पानी बेतवा की उपरी धारा से निकाल लेगा। परियोजना के दूसरे चरण में मध्यप्रदेश चार बांध बनाकर रायसेन और विदिशा जिलों में सिंचाई का इंतजाम करेगा।

राष्ट्रीय मॉडल तैयार
हाल में राष्ट्रीय विकास अभिकरण नई दिल्ली ने परियोजना का मॉडल तैयार कर लिया है। 18/20 फीट के इस मॉडल को अक्टूबर माह में ही झांसी लाया जा चुका है। झांसी में इस मॉडल को राजघाट कालोनी स्थित नदी बेतवा परिषद कार्यालय प्रांगण में जन मानस के अवलोकनार्थ रखा जाएगा। संबंधित विभाग के अफसरों ने परियोजना का शिलान्यास नए साल की शुरूआत में करने व काम मार्च 2016 से पूर्व चालू होने की उम्मीद जताई है।
27Dec-2016

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