गुरुवार, 29 दिसंबर 2016

एक अप्रैल से पुराने नोट रखने वालों की खैर नहीं!

आरबीाई कानून संशोधन पर अध्यादेश को मिली मंजूरी
अध्यादेश के तहत जुर्माना और सजा का प्रावधान
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में नोटबंदी के तहत अमान्य हुए 500 व 1000 रुपये के पुराने नोटों को आगामी 31 मार्च के बाद यदि किसी व्यक्ति ने 10 से ज्यादा रखने का प्रयास किया तो उसे जुर्माना भरने के साथ सजा भी भुगतनी पड़ सकती है। मसलन केंद्र सरकार ने नोटबंदी के फैसले से अमान्य किये गये पुराने नोटों को अवैध घोषित करने की दिशा में आरबीआई कानून संशोधन वाले अध्यादेश को मंजूरी दी है,जिसमें ऐसे प्रावधान किये गये हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक कानून में संशोधन वाले ‘द स्पेसिफाइड बैंक नोट्स केसेशन आॅफ लायबिलटिीज आॅर्डिनेंस’ नाम से एक अध्यादेश को मंजूरी दी गई। इस अध्यादेश में निर्धारित तिथि 31 मार्च के बाद 500 और 1000 रुपये के अमान्य किये गये नोट रखने वालों पर 50 हजार तक का जुमार्ना लगाने के साथ साथ् चार से 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक कानून में संशोधन वाले एक अन्य अध्यादेश को भी मंजूरी दी है, जिसमें अमान्य किये गये इन नोटों के दायित्व से सरकार और केन्द्रीय बैंक को मुक्त किया गया है, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार के विवाद से बचा जा सके। बुधवार को पुराने नोटों को रखने के मामले पर मंजूरी वाले अध्यादेश के प्रावधानों के अनुसार दस से अधिक पुराने नोट रखने पर जुमार्ना लग सकता है और कुछ मामलों में चार साल तक जेल की सजा भी हो सकती है। इससे पहले ऐसी प्रक्रिया वर्ष 1978 में अपनाने के लिए पहले कानून में संशोधन किया गया था।
इसलिए जरूरी है कानून में संशोधन
केंद्रीय कैबिनेट के इस निर्णय के बाद अधिकारिक सूत्रों ने ऐसे अध्यादेश को मंजूरी मिलने की जानकारी देते हुए कहा गया है कि विमुद्रीकरण के निर्णय के बाद अमान्य 500 व 1000 रुपये के पुराने नोटों को अवैध करार देने के लिए आरबीआई कानून में संशोधन करने की जरूरत होती है, जिसके लिए संशोधन विधेयक संसद में पारित कराना होता है, चूंकि संसद सत्र नहीं चल रहा है, इसलिए आरबीआई कानून में संशोधन के मसौदे को अध्यादेश के रूप में मंजूरी दी गई है। इस अध्यादेश को मंजूरी देने के लिए हालांकि सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी नहीं दी है कि पुराने नोटों को रखने वालों पर यह कानून किस तिथि के बाद लागू होगा। जबकि विमुद्रीकरण के ऐलान के दौरान 500 व 1000 रुपये के पुराने नोट बैंकों में जमा कराने के लिए 30 दिसंबर की तिथि तय की गई थी। इस ऐलान में यह भी घोषणा की गई थी कि यदि इस तिथि तक कोई अपने पुराने नोट बैंक खातों में जमा नहीं करा पाता तो वह 31 मार्च तक एक घोषणा पत्र के साथ इन नोटों को भारतीय रिजर्व बैंक के विशिष्ट कार्यालयों में जमा कराया जा सकेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि यह कानून एक अप्रैल से लागू होगा।

अधिसूचना जारी करने का अधिकार
सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार को रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की सिफारिश पर रिजर्व बैंक कानून की धारा 26 (2) के तहत भारत के राजपत्र में अधिसूचना के जरिये अधिसूचित में वर्णित तारीख से किसी भी श्रृंखला और मूल्य के बैंक नोटों को कानूनी तौर पर बंद करने का अधिकार है, जिसका मोदी सरकार ने विमुद्रीकरण के फैसले में किया। बुधवार को पुराने नोटों को रखने के मामले पर मंजूरी वाले अध्यादेश के प्रावधानों के अनुसार दस से अधिक पुराने नोट रखने पर जुमार्ना लग सकता है और कुछ मामलों में चार साल तक जेल की सजा भी हो सकती है। सूत्रों के अनुसार सरकार को मौजूदा वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले ही आरबीआई कानून में संशोधन वाले इस अध्यादेश को बजट सत्र के दौरान विधेयक में बदलवाकर विमुद्रीकरण की प्रक्रिया के तहत 500 और 1000 के नोट को अवैध करार करेगी। इस योजना में कानून संशोधन करके इसका उल्लेख करेगी।
29Dec-2016

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