मंगलवार, 13 दिसंबर 2016

नोटबंदी के शोर में जीएसटी पर संकट के बादल!

संसद सत्र में तैयारी के बावजूद मुश्किल में सरकार
एक अप्रैल से कानून लागू करने के टूटे सपने
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के विरोध में संसद में विपक्षी दलों के हंगामे के कारण ठप चल रही कार्यवाही के मद्देनजर देश में एक समान कर लागू करने वाले जीएसटी कानून पर संकट के बादल छा गये हैं। मसलन संसद के शीतकालीन सत्र की बाकी बची तीन बैठकों में जीएसटी संबन्धी तीनों कानून पारित होना तो दूर पेश होने की संभावना नहीं है। वहीं जीएसटी परिषद कुछ राज्यों और केंद्र में जीएसटी व्यवस्था में करदाता इकाइयों पर नियंत्रण के अधिकार को लेकर सहमति न बनने से मोदी सरकार का आगामी एक अप्रैल से जीएसटी कानून लागू करने का सपना टूटता नजर आ रहा है।
दरअसल केंद्र सरकार के संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में जीएसटी विधेयकों को पारित कराने की प्राथमिकता में विमुद्रीकरण का मुद्दा बड़ी अड़चन बनकर सामने आया है। प्रधानमंत्री के नोटबंदी के फैसले का विरोध में कांग्रेस की अगुवाई में लगभग तमाम विपक्षी दल संसद सत्र के पहले दिन से ही दोनों सदनों में लगातार हंगामा करके संसदीय कार्यवाही को ठप करते आ रहे हैं। हालांकि सरकार को उम्मीद थी कि जीएसटी के मुद्दे पर विपक्षी दल सत्र के अंतिम दिनों में सरकार का साथ देंगे, लेकिन इस सत्र में मात्र तीन दिन की कार्यवाही होनी है, जिसमें सरकार कुछ प्रयास भी करती तो उसकी रही-सही उम्मीदें रविवार को ही जीएसटी परिषद में शामिल कुछ राज्यों के वित्त मंत्रियों के कारण टूट गई। मसलन जीएसटी परिषद की इस बैठक में जीएसटी व्यवस्था में करदाता इकाइयों पर नियंत्रण के अधिकार के मुद्दे पर केंद्र व राज्यों के बीच कोई चर्चा ही नहीं हो सकी। वहीं कुछ मुद्दो पर भी आम सहमति बनाया जाना बाकी है। इसी कारण दो दिन चलने वाली इस बैठक को पहले ही दिन बिना किसी नतीजे के ही आगामी 22-23 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया। जबकि संसद का शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों की बैठकेें 16 दिसंबर तक ही निर्धारित हैं। जाहिर सी बात है कि इस संसद सत्र में जीएसटी कानून को पारित होने की कोई गुंजाइश नहीं बची। यही कारण है कि सरकार के सामने अब लाख प्रयास के बाद भी देश में एक अप्रैल से जीएसटी कानून लागू करना मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुमकिन भी है।
सरकार के पास यह भी विकल्प
केंद्र सरकार की ओर से वित्तमंत्री अरुण जेटली का लक्ष्य अभी भी जीएसटी कानून एक अप्रैल से लागू करने का है। ऐसे में माना जा रहा है कि देश में जीएसटी कानून लागू करने के लिए सरकार के पास एक विकल्प यह भी हो सकता है कि वह इस जीएसटी संबन्धी तीनों विधेयकों की संसद की मंजूरी लेने के लिए विशेष सत्र भी बुला सकती है, लेकिन इससे पहले केंद्र सरकार को जीएसटी परिषद में विधेयकों के सभी प्रावधानों पर मंजूरी हासिल करना जरूरी है, जिसके बाद तीनों विधेयकों के मसौदों को तैयार करने के बाद भी सरकार इस कदम को आगे बढ़ा सकती है। हालांकि आर्थिक मामलों के जानकार मानते हैं कि नोटबंदी का मुद्दा चरम पर होने के कारण संसद के अलावा जीएसटी परिषद में भी राज्यों के भरोसे को तोड़ता नजर आ रहा है। ऐसा परिषद की बैठक के दौरान केरल के वित्त मंत्री वित्त मंत्री थॉमस इसाक केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली के समक्ष बयां भी कर चुके हैं। इसलिए इस विकल्प की राह भी सरकार के लिए आसान नहीं है।
सरकार का लक्ष्य पिछड़ा
जीएसटी परिषद की बैठक में कुछ राज्यों के रूख को देखते हुए ऐसी संभावनाएं प्रबल होती नजर आ रही हैं, कि सरकार द्वारा एक अप्रैल से जीएसटी कानून लागू करने का लक्ष्य छह माह आगे खिसक सकता है। कुछ राज्यों का मत है कि प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था को लागू करने की समय सीमा की बाध्यता जरूरी नहीं है। इसलिए अगले साल एक अप्रैल से लागू किए जाने की संभावना क्षीण पड़ती नजर आ रही है। दरअसल स्थगित की गई जीएसटी परिषद की की छठवीं बैठक में जीएसटी टैक्स पेयर्स पर दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर फैसला किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। बैठक के बाद केरल एवं तमिलनाडु जैसे राज्यों कुछ के प्रतिनिधियों की सामने आई प्रतिक्रियाओं को सच माने तो अब जीएसटी कानून को सितंबर 2017 से लागू किया जा सकता है।
सरकार का तर्क
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि जीएसटी का मसौदे में करीब 195 सेक्शन हैं, इसलिए यह पूरे कानून का कोर बिल है। परिषद ने 99 सेक्शन पर चर्चा की और अभी कुछ धाराओं को फिर से बदलकर लिखने की जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में इसमें संशोधन कर लेंगे। आने वाले दिनों में इसमें संशोधन कर लिये जाएंगे और अगली बैठक में विधेयक से सम्बधित प्रस्तावों को मंजूरी मिल जाएगी। जबकि विधेयक के कई अनुच्छेदों को अभी अंतिम रूप दिया जाना है और दोहरे नियंत्रण पर आम सहमति के बिना जीएसटी लागू नहीं हो सकेगा।
13Dec-2016

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