गुरुवार, 29 दिसंबर 2016

अगले सप्ताह होगा पांच राज्यों के चुनाव का ऐलान


चुनाव आयोग ने राज्यों से तैयार रहने का कहा
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, और मणिपुर में विधानसभा चुनावों का ऐलान अगले सप्ताह चार या पांच जनवरी को हो सकता है। ऐसे संकेत केंद्रीय चुनाव आयोग ने केंद्रीय कैबिनेट और पांचों राज्यों के मुख्य सचिवों तथा चुनाव अधिकारियों को सभी व्यवस्थाओं के साथ तैयार रहने को कहते हुए दिये हैं।
केंद्रीय चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार अगले सप्ताह चार या पांच जनवरी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, और मणिपुर में विधानसभा चुनाव कार्यक्रम का ऐलान किया जा सकता है। केंद्रीय चुनाव आयोग इन पांचों राज्यों में चुनाव की तैयारियों को लेकर बुधवार को एक बैठक में समीक्षा की और इन राज्यों के चुनाव की सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दे दिया गया है, बाकी है तो केवल चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करना। इस तैयारियों के तहत आयोग ने इन राज्यों और केंद्र सरकार को चुनाव के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। मसलन चुनाव आयोग ने चुनावों के लिए तैयार रहने के बारे में केंद्रीय कैबिनेअ सचिव, पांचों राज्यों के मुख्य सचिव और राज्यों में मुख्य चुनाव अधिकारियों को 33 पृष्ठीय पत्र भेजे हैं। इस पत्र में स्पष्ट किया गया है कि चुनाव की घोषणा के बाद राज्यों में तत्काल प्रभाव से चुनाव आचार संहिता को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए कदम उठाने को तैयार रहें।
सरकारी धन का न हो दुरुपयोग
आयोग के सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग ने राज्यों को जारी 'किए जाने वाले' और 'नहीं किए जाने वाले' कार्यों की सूची में सार्वजनिक स्थान के दुरुपयोग से बचने, प्रचार के लिए सरकारी वाहनों के इस्तेमाल से बचने, राज्य सरकार की वेबसाइटों से राजनीतिक पदाधिकारियों की तस्वीरें हटाने और सत्तारुढ़ पार्टी की मदद के लिहाज से विज्ञापनों के लिए सरकारी धन के इस्तेमाल पर रोक लगाने संबन्धी दिशा निर्देश भी दिये गये हैं। वहीं चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में जारी होने वाले प्रस्तावित राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व-प्रमाणन के लिए जिला और राज्यस्तर पर मीडिया प्रमाणन और निगरानी समितियों से संपर्क करने को भी कहा है।
यूपी को लेकर संशय
केंद्रीय चुनाव आयोग उत्तर प्रदेश में 403 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर संशय में हैं। सूत्रों के अनुसार इन पांच राज्यों में यूपी का कार्यकाल मई तक है, जबकि अन्य चार राज्यों का कार्यकाल मार्च माह में ही समाप्त हो रहा है। यूपी में कम से कम छह या सात चरणों में चुनाव कराना पड़ सकता है, जबकि अन्य चार राज्यों में एक ही चरण में चुनाव हो सकते हैं। ऐसे में संसद के बजट सत्र के दौरान एक फरवरी को आम बजट पेश होने की संभावनाओं को देखते हुए राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि चुनाव आयोग यूपी से पहले चार राज्यों के चुनाव कराने का ऐलान कर सकता है, जबकि यूपी के चुनाव मार्च-अप्रैल में कराए जा सकते हैं। ऐसा भी मानना है कि यदि ऐसा संभव न हुआ तो आम बजट को कुछ दिन के लिए टालने का विकल्प भी दिया जा सकता है। बहरहाल यह चुनाव आयोग के निर्णय पर निर्भर करेगा कि उसने किस तरह के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया है। गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा दसवीं व बारहवीं के घोषित किये गये परीक्षा कार्यक्रम को निरस्त करा दिया था, जिसे देखते हुए उम्मीद है कि फरवरी में ही चुनाव की शुरूआत कराई जाएगी।
सात चरणों में हुए थे पिछले चुनाव
वर्ष 2012 को उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव कराए गये थे, जिसका पहला चरण चार फरवरी को कराया गया था और 28 फरवरी को अंतिम व सातवें चरण का मतदान हुआ था। जबकि पंजाब के चुनाव सबसे पहले 30 जनवरी को कराए गये थे, अंत में तीन मार्च को गोवा में मतदान हुआ था। इन चुनावों का ऐलान चुनाव आयोग ने 24 दिसंबर 2011 का ही कर दिया था। इस बार चुनाव कार्यक्रम के ऐलान में हो रही देरी को लेकर माना जा रहा है कि दो जनवरी को लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली है, जिसमें पीएम मोदी नोटबंदी के बाद देश व जनता के लिए बड़े ऐलान कर सकते हैं।
29Dec-2016

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