शनिवार, 24 दिसंबर 2016

आखिर 255 सियासी दलों पर गिरी गाज!

कांग्रेस के नाम से पंजीकृत मिले 27 कागजी दल
इन दलों को आयकर में नहीं मिल सकेगी छूट
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने आखिर ऐसी 255 राजनीतिक दलों को पंजीकरण सूची से बाहर कर दिया है, जो केवल कागजों पर ही चल रहे हैं और उनके पते भी अजीबो-गरीब पाए गये। ऐसे कागजी सियासी दलों में 27 दल कांग्रेस के नाम पर पंजीकृत हैं।
देश में चुनाव सुधार की दिशा में जुटे केंद्रीय चुनाव आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 के दौरान खुद को मिले अधिकारों के दौरान समीक्षा करने के बाद इन 255 राजनीतिक दलों को अपनी पंजीकरण सूची से बाहर किया है। आयोग के अनुसार यह तो शुरूआत की गई पहली सूची है इसके बाद समीक्षा में अन्य दलों पर भी ऐसी कार्यवाही की जाएगी। इन दलों की सूची में 27 ऐसे दल शामिल हैं जो कांग्रेस के नाम से पंजीकृत हैं। चुनाव आयोग ने समीक्षा के बाद पाया कि इन राजनीतिक दलों की ओर से 2005 से 2015 के बीच कोई भी उम्मीदवार विधानसभा या लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा है। देश में सात राष्ट्रीय दलों भाजपा, कांग्रेस, बसपा, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा, माकपा और एनसीपी समेत 21 अप्रैल 2016 तक 1931 सियासी दलों का केंद्रीय चुनाव आयोग में पंजीकरण हो चुका था। यानि सात राष्ट्रीय पार्टियोंं के अलावा 1924 पंजीकृत, लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियां थी, जिनमें से समीक्षा के बाद 255 दलों को सूची से अलग किया गया है।
सरकारी भवनों से भी संचालित दल
आयोग के अनुसार समीक्षा के बाद ऐसी हैरान करने वाली बात भी सामने आई है, जिसमें कई राजनीतिक दल सरकारी भवनों के पते से संचालित किये जा रहे हैं यानि 'आल इंडिया प्रोग्रेसिव जनता दल' का पता तो लुटियन जोन में 17 अकबर रोड, नई दिल्ली दिया गया है, जो केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का आधकिारिक सरकारी आवास है। वहीं 'पवित्र हिंदुस्तान कड़गम' पार्टी ने 11, हरीश चंद्र माथुर लेन, दिल्ली का पता दिया है, जिसमें जम्मू-कश्मीर सीआईडी का कार्यालय है। इसी प्रकार दिल्ली के द्वारका के एक पते पर ‘राष्ट्रीय मानव कल्याण संघ’ नाम से पंजीकृत दल वाले भवन में दिल्ली विकास प्राधिकरण में काम करने वाला एक व्यक्ति रहता है। उसके मुताबिक वह वहां पिछले दस सालों से रह रहा है। ऐसे ही गुड़गांव के पते से रजिस्टर्ड एक राजनीतिक दल 'राष्ट्रीय मातृभूमि पार्टी' के कर्ताधर्ता तीन मंजिला बंगले में रहने वाले एक होम्योपैथी डॉक्टर हैं।
सीबीडीटी करेगा वित्तीय जांच
चुनाव आयोग ने चंदों के गलत इस्तेमाल की आशंका के कारण केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को सूची भेजकर कहा है कि वह ऐसी 255 पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों के वित्तीय ब्योरे की जांच करें। मसलन अब पंजीकृत सूची से अलग किये गये इन 255 राजनीतिक दलों की वित्तीय जांच केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) करेगा। चुनाव आयोग ने सीबीडीटी से यह भी कहा है कि यदि इन दलों को कानून का उल्लंघन करते पाया जाए, तो जनप्रतिनिधित्व कानून-1951 की धारा 29-बी और 29-सी के प्रावधानों के मद्देनजर आवश्यक कार्रवाई की जाए। आयोग का मानना है कि ऐसे दलों को अब रजिस्टर्ड राजनीतिक दलों को मिलने वाली छूट नहीं दी जा सकती। इसलिए अब आयोग की इस कार्रवाई के बाद फर्जी राजनीतिक दलों को अब अन्य मान्यता प्राप्त की तरह टैक्स छूट नहीं मिलेगी।
दिल्ली के सर्वाधिक दल
चुनाव आयोग द्वारा पंजीकृत सूची से बाहर किये गये 255 दलों पहली सूची में सबसे ज्यादा 52 राजनीतिक दल दिल्ली के विभिन्न पतों पर पंजीकृत हैं। जबकि 41 राजनीतिक दलों में उत्तर प्रदेश दूसरे पायदान पर है। पंजीकृत सूची से अलग हुए दलों में तमिलनाडु के 39, महाराष्टÑ के 27, हरियाणा व आन्ध्र प्रदेश के 12-12, राजस्थान के 11, मध्य प्रदेश के आठ और छत्तीसगढ़ के तीन राजनीतिक दलों को पंजीकृत सूची से बाहर किया गया है। ऐसे दलों में बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, मेघालय, गोवा, मिजोरम, सिक्किम, नागालैंड व अंडमान निकोबार द्वीप समूह के दल भी शामिल हैं।
पंजीकरण रद्द करने का मामला लंबित
आयोग के सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों का पंजीकरण करने का तो अधिकार है, लेकिन चुनावी कानूनों के तहत उसके पास किसी पार्टी को अपंजीकृत करने का अधिकार नहीं है। किसी पार्टी को अपंजीकृत करने का अधिकार दिए जाने की आयोग की मांग कानून मंत्रालय में लंबित है। हालांकि आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत मिले अधिकारों का इस्तेमाल कर निष्क्रिय हो चुकी और लंबे समय से चुनाव नहीं लड़ने वाली पार्टियों को असूचीबद्ध किया है।
कालाधन सफेद करने की आशंका
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी का भी कहना है कि चुनाव आयोग में पंजीकृत डमी राजनीतिक दल कालाधन को सफेद करने का जरिया हो सकते हैं। जैदी का कहना है कि 20 हजार रूपए तक का चंदा न घोषित करने की छूट के प्रावधान के चलते इन पार्टियों के चुनावों में काले धन का वाहक होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि आयोग को ऐसी रिपोर्ट मिल रही हैं, हालांकि इस बारे में फिलहाल निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता।
कांग्रेस के नाम वाली पार्टियां-
आॅल इंडिया गरीब कांग्रेस, दिल्ली,
आॅल इंडिया होमलेस पीपुल कांग्रेस, पश्चिम बंगाल
आॅल इंडिया इंदिरा कांग्रेस (सेक्युलर), दिल्ली
अंडमान निकोबार विकास कांग्रेस, अंडमान निकोबार
भरत मक्कल कांग्रेस, कर्नाटक
भारतीय जन कांग्रेस, नई दिल्ली
भारतीय राजीव कांग्रेस, नई दिल्ली
कांग्रेस जननायक पैरावी, तमिलनाडु
कांग्रेस आॅफ पीपुल, महाराष्ट्र
गोवा राजीव कांग्रेस पार्टी, गोवा
जनता कांग्रेस पार्टी आॅफ भारत वर्ष, नई दिल्ली
महाराष्ट्र राजीव कांग्रेस, महाराष्ट्र
महाराष्ट्र विकास कांग्रेस, महाराष्ट्र
नेशनल कांग्रेस आॅफ यूथ, नई दिल्ली
नेताजी कांग्रेस सेना, महाराष्ट्र
ओडिशा कांग्रेस, भुवनेश्वर
राजीव मक्कल कांग्रेस, तमिलनाडु
राष्ट्रीय जनता कांग्रेस, नई दिल्ली
राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस, उत्तर प्रदेश
सबका दल भारतीय समाजवादी कांग्रेस, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
तमिल मनिला कामराज कांग्रेस, तमिलनाडु
तमिलनाडु देशीय ग्रामीय थोझिलालार कांग्रेस, तमिलनाडु
तमिझगा राजीव कांग्रेस, तमिलनाडु
तेलंगाना कांग्रेस पार्टी, आंध्र प्रदेश
थोंदार कांग्रेस, तमिलनाडु
त्रिलोक शक्ति कांग्रेस भारत, उत्तर प्रदेश
विदर्भ जनता कांग्रेस, महाराष्ट्
24Dec-2016

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