तीसरे सप्ताह की कार्यवही भी हंगामे की भेंट
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद
के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही नोटबंदी के मुद्दे पर हंगामे के कारण पटरी
पर नहीं चढ़ पाई और तीसरे सप्ताह की कार्यवाही भी हंगामें की भेंट चढ़ गई है।
संसद के दोनों सदनों में नोटबंदी के साथ शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में टोल
प्लाजा पर सेना की तैनाती को लेकर भी जबरदस्त हंगामा हुआ। इन मुद्दों पर
दोनों सदनों की कार्यवाही को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

सेना पर पार्रिकर की सफाई
लोकसभा
में तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के सेना को लेकर किये गये हंगामे के बाद
रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने एक बयान देते हुए कहा कि सेना को राजनीति
में घसीटना गलत है, यह एक रुटीन अभ्यास है इसको मुद्दा बनाना गलत है।
पार्रिकर ने कहा कि यह अभ्यास पुलिस के साथ मिलकर किया गया है, ऐसा ही
अभ्यास 19, 21 नवंबर 2015 को भी हुआ था। उन्होंने कहा कि वहां 15-20 सालों
से अभ्यास हो रहा है।
भगवंत मान पर नौ दिसंबर तक बैन
लोकसभा
अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शुक्रवार को सदन को बताया कि आम आदमी पार्टी
(आप) के सदस्य भगवंत मान सदन की कार्यवाही में नौ दिसंबर तक भाग नहीं
लेंगे। महाजन ने मान की सजा बढ़ा दी है।लोकसभा की नौ सदस्यीय समिति संसद
परिसर का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसकी सुरक्षा को खतरे में डालने
को लेकर जांच कर रही है। महाजन ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता द्वारा संसद
की सुरक्षा के कथित उल्लंघन को लेकर 25 जुलाई को समिति गठित की थी। आप
नेता ने 21 जुलाई को अपने आवास से संसद भवन जाने के दौरान वीडियो बनाई थी
और इसे अपने फेसबुक खाते पर पोस्ट किया था।
राज्यसभा में पीएम की माफी का शोर
राज्यसभा
में भी शुक्रवार को बैठक शुरू होते ही नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्षी दलों
के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी की मांग पर अड़े विपक्षी
सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। शून्यकाल के दौरान नोटबंदी पर पीएम मोदी से
माफी मांगने पर अडिग विपक्ष ने पश्चिम बंगाल में सेना की तैनाती पर तृणमूल
कांग्रेस के आरोपों का समर्थन किया और हंगामे में साथ दिया। सेना को लेकर
बसपा प्रमुख मायावती ने बंगाल की सीएम के साथ ज्यादती का आरोप लगाया और इसे
संविधान पर बहुत बड़ा हमला बताकर सेना का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।
वहीं इसके जवाब में सदन में मौजूद केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि
यह एक संवेदनशील मामला है, क्योंकि यह सेना से संबंधित है, हमें
महत्वपूर्ण मुद्दों को पटरी से नहीं उतारना चाहिए। जबकि कांग्रेस के गुलाम
नबी आजाद ने कहा कि यह अलग तरह का मामला दिखता है। सेना टोल एकत्र नहीं
करती है? पश्चिम बंगाल में सेना को तैनात करने को लेकर कोई कानून-व्यवस्था
नहीं है। इसके बाद सभापति हामिद अंसारी ने 12 बजे जैसे ही प्रश्नकाल शुरू
करने की घोषणा कि वैसे ही कांग्रेस और कुछ अन्य दलों के सदस्य खड़े होकर जोर
जोर से बोलने तथा कई सदस्य नारेबाजी करने लगे, जिसके मुकाबले भाजपा सदस्य
भी नारे लगाते नजर आए। हंगामा थमता न देख सदन की कार्यवाही को ढाई बजे तक
स्थगित कर दिया गया।
उच्च
सदन में भोजनावकाश के बाद उप सभापति पी.जे. कुरियन ने गैर सरकारी सदस्यों
के विधान कार्य निपटाने के लिए संबंधित सदस्यों का पुकारा, तो अन्नाद्रमुक
और कांग्रेस के सदस्य प्रधानमंत्री के खिलाफ नारे लगाते हुए सभापति के आसन
के सामने आ गए। इस पर भ्भाजपा के सदस्यों ने भी नारेबाजी करते हुए
प्रधानमंत्री का समर्थन किया। सदन में भारी हंगामा होने लगा और शोर गुल
मचने लगा। कुरियन ने गैर सरकारी विधेयक पेश करने के लिए संबंधित सदस्यों का
नाम पुकारा। हंगामे के बीच ही भाजपा के भूपेंद्र यादव, अन्नाद्रमुक की
शशिकला पुष्पा, विजय साई रेड्डी और तृणमूल कांग्रेस के विवेक गुप्ता ने
अपने अपने निजी विधेयक पेश किए। हालांकि कांग्रेस के मोहम्मद अली नारे
लगाने की हड़बड़ी में अपना विधेयक पेश नहीं कर पाए। इस हंगामे के कारण गैर
सरकारी सदस्यों का विधायी कार्य बाधित हुआ और सदन की कार्यवाही सोमवार तक
स्थगित कर दी गई।
ममता बनर्जी पर सेना का पलटवार
मेजर
जनरल सुनील यादव ने भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोपो
को खारिज करते हुए कहा कि पिछले साल भी यहां पर अभ्यास किया गया था, जिसकी
स्थानीय प्रशासन को जानकारी थी। कोलकाता पुलिस के साथ ये अभ्यास किया जा
चुका है। सेना की ओर से कहा गया है नॉर्थ ईस्ट में कई जगहों पर एक्सरसाइज
चल रही है। इनमें असम के 18, अरुणाचल प्रदेश के 13,पश्चिम बंगाल के 19,
मणिपुर के छह, नागालैंड और मेघालय के पांच-पांच, त्रिपुरा और मिजोरम के एक
एक जिले शामिल हैं। मेजर जनरल सुनील यादव ने कहा कि यह बातें कि सेना टोल
नाकों पर लोगों से पैसे इकट्ठा कर रही है पूरी तरह से निराधार हैं।
03Dec-2016
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