ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश
में अपिष्ट कचरे के निपटान के लिए जूझ रही केंद्र सरकार ने अब प्लास्टिक
कचरे का इस्तेमाल देश में चल रही सड़क निर्माण परियोजनाओं में करने का
निर्णय लिया है। केंद्र सरकार ने इस तकनीक को अपनाने के लिए सभी सड़क
निर्माण एजेंसियों को निर्देश भी जारी कर दिये हैं, ताकि लंबे समय तक सड़कों
की मजबूती को कायम रखा जा सके।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग
मंत्रालय ने सड़क निर्माण में अपिष्ट प्लास्टिक के इस्तेमाल पर हुए अनुसंधान
के बाद यह निर्णय लिया है। अनुसंधान के अनुसार सड़क निर्माण में तारकोल के
साथ प्लास्टिक कचरे को इस्तेमाल करने से एक नहीं कई फायदे सामने आने का
दावा किया जा रहा है। मसलन तारकोल के साथ प्लास्टिक कचरे के इस्तेमाल करने
से सड़क को मजबूती मिलेगी और वे लंबे समय तक चलती रहेंगी। वहीं प्लास्टिक
कचरे का निपटान होने से पर्यावरण की समस्या से भी निजात मिलेगी। मंत्रालय
के अनुसार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने प्रोजेक्ट इंजीनियर्स, प्रोजेक्ट
डिजाइनर्स और कंसलटेंट्स को प्लास्टिक के कचरे का उपयोग सड़क निर्माण में
करने के दिशानिर्देश भी जारी कर दिये हैं। हालांकि देश के प्रमुख संगठन
भारतीय सड़क कांग्रेस इस संबन्ध में पहले ही दिशानिर्देश जारी कर चुका था,
लेकिन सड़क निर्माण एजेंसियों ने इस प्रक्रिया में ज्यादा दिलचस्पी नहीं
दिखाई। अब केंद्र सरकार की ओर से जारी किये गये निर्देश का कारण यह भी है
कि देश में शहरीकरण में इजाफा होने के कारण प्लास्टिक कचरे में बेतहाशा
वृद्धि हो रही है,जिसके निपटान के लिए हालांकि तकनीकी रूप से प्लास्टिक और
अन्य कचरे के पुनर्चक्रण की प्रकिया को अपनाया जा रहा है। इसलिए अपिष्ट
कचरे का देश के विकास में उपयोग को भी निपटान का बेहतर उपाय माना जा रहा
है। इसका कारण है कि पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा बनते जा रहे कचरे का
निपटान देश के लिए ही नहीं दुनियाभर में एक बड़ी चुनौती माना जा रहा है। इस
प्रयोग को देश के कुछ हिस्सों में किया भी गया है। मंत्रालय का दावा है कि
प्लास्टिक के उपयोग से प्रयोग के तौर पर सड़क बनी है वह अपेक्षाकृत मजबूत और
पानी को सहने की ज्यादा क्षमता वाली है। मंत्रालय ने इस तकनीक को सफल
प्रयोग मानते हुए भविष्य में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण परियोजनाओं
में करने को भी हरी झंडी दी है।
क्या है सरकार के निर्देश

02Dec-2015
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