सोमवार, 21 दिसंबर 2015

संसद में अग्नि परीक्षा के मोड़ पर सरकार!

अंतिम दिनों में महत्वपूर्ण बिल पास कराने की चुनौती
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिनों कार्यवाही के दौरान खासकर राज्यसभा में विपक्ष के नरम पड़े तेवरों के कारण महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करना सरकार की अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा। इस सत्र के तीन दिनों में विधायी कार्यो के बढ़े बोझ के साथ संसद में आ रही सरकार के सामने विपक्ष के लिए भी कसौटी पर उतने की चुनौती होगी।
संसद के शीतकालीन सत्र के सोमवार से शुरू होने वाले अंतिम सप्ताह की कार्यवाही में सरकार ज्यादा से ज्यादा कामकाज निपटाने के प्रयास में है, जिसकी पुष्टि सोमवार को लोकसभा में सरकार की 40 पृष्ठीय कार्यसूची भी करती है। सरकार के सामने राज्यसभा में पिछले तीन सप्ताह की कार्यवाही विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस के हंगामे की भेंट चढ़ने से लोकसभा में पारित हुए विधेयक भी उच्च सदन के पाले में आ चुके हैं। सत्र के अंतिम दौर की कार्यवाही में लंबित महत्वपूर्ण विधेयकों और अन्य कार्य को निपटाने की दृष्टि से राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी की गत शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में जीएसटी को छोड़कर अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने के लिए सहमति बनी है। इसीलिए सरकार ने राज्यसभा में महत्वपूर्ण बिलों को पहले दो दिन की कार्यसूची में शामिल किया है। यदि सरकार के साथ खत्म हुए इस तकरार पर विपक्ष अपनी कसौटी पर खरा उतरा तो सोमवार व मंगलवार को देर रात तक कार्यवाही चलाकर उच्च सदन में महत्वपूर्ण विधेयकों पर मुहर लग सकती है। संसद के बाहर जिस तरह सरकार और कांग्रेस का वाकयुद्ध चलने के कारण संसद में मौजूदा सत्र के अंतिम तीन दिनों में केंद्र सरकार को भी अग्नि परीक्षा के दौर से गुजरना पड़ सकता है। हालांकि सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस समेत अन्य सभी विपक्षी दलों के राज्यसभा की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए नरमी के संकेत दे दिये हैं। संसदीय कार्यमंत्री एम. वेंकैया नायडू ने भी विपक्ष की ओर से मिल रहे सकारात्मक संकेत पर उम्मीद जताई है कि उच्च सदन में सरकार महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करा लेगी, जिसके लिए देर रात तक भी सदन की कार्यवाही चलाई जा सकती है।
इन विधेयकों पर लग सकती है मुहर 
केंद्र सरकार ने उच्च सदन में सोमवार के लिए अधूरी चर्चा को पूरा करके एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) संशोधन विधेयक के अलावा आर्थिक सुधार से संबन्धित लोकसभा में पारित हुए दो विधेयक विनियोग (संख्यांक चार व पांच) को प्राथमिकता पर रखा है। इसके अलावा इस दिन सरकार न्यायिक सुधार से जुड़े वाणिज्यक न्यायालय, उच्च न्यायालय वाणिज्यक प्रभाग और वाणिज्यक अपील प्रभाग विधेयक के साथ माध्यस्थम और सुलह (संशोधन)विधेयक को भी सोमवार में ही पारित कराने का प्रयास करेगी। सरकार ने पहले से राज्यसभा की सूची में चले आ रहे विधेयकों व्हिसल ब्लोअर, याण-हरण निवारण, परमाणु ऊर्जा और किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) विधेयक को मंगलवार की कार्यसूची में धकेल दिया है। जबकि लोकसभा में सोमवार के लिए केवल दीवाला और दिवालिया कोड को पारित कराने का प्रयास होगा, ताकि अगले दिन मंगलवार को इस विधेयक पर उच्च सदन की मुहर लगवाई जा सके। इसके अलावा दोनों सदनों में कई महत्वपूर्ण कार्य करने का ऐजेंडा रखा गया है।
सरकार झुकी तो हो सकता है जीएसटी बिल भी पास
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने मौजूदा सत्र में कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों से जीएसटी और रियल एस्टेट विधेयकों को को भी पास कराने की अपील की है। जबकि कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि यदि सरकार तीन शर्तो को पूरा करने को तैयार हो तो जीएसटी विधेयक को भी इसी सत्र में पास करा दिया जाएगा।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को राज्यसभा में कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने पर विपक्ष की ओर से मिले सकारात्मक संकेत पर उम्मीद जताई है कि सोमवार को संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही सुचारू रूप से चलेगी। उन्होंने कांग्रेस से फिर अपील की है कि वह जीएसटी और रियल एस्टेट जैसे महत्वूपर्ण विधेयकों का समर्थन करके उन्हें पास कराए। राज्यसभा में सरकार के सामने फिलहाल डेढ़ दर्जन विधेयकों को पारित कराने की चुनौती है। सरकार की कांग्रेस व अन्य दलों से जीएसटी व रियल एस्टेट बिलों के समर्थन करने की इस उम्मीद के बीच कांग्रेस ने फिर स्पष्ट किया है कि यदि सरकार राज्यसभा में जीएसटी विधेयक को इसी मौजूदा सत्र में पारित कराना चाहती है तो उसे पार्टी द्वारा रखी गई तीनों शर्तो को स्वीकार करना होगा। कांग्रेस नेता एवं पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने जीएसटी दर पर सीमा लगाने की मांग को भी विधेयक में शामिल करने की मांग की है, जिससे वित्तमंत्री जेटली पहले ही नकार चुके हैं। इसके अलावा कांग्रेस की शर्तो में एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वाली वस्तुओं पर एक प्रतिशत अतिरिक्त के प्रस्ताव को हटाने की मांग को सरकाकर मानने को तैयार है। कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस की तीन आपत्तियों को सरकार मानती है तो जीएसटी विधेयक इसी सत्र में पारित कराया जा सकता है।
21Dec-2015



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