गुरुवार, 31 दिसंबर 2015

मोदी ने एनसीआर को दी नए साल की सौगात


‘दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस हाईवे' की रखी आधारशिला
हरिभूमि ब्यूरो. नोएडा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 लेन के दिल्ली-मेरठ एक्सपे्रसवे की आधारशिला रखते हुए एनसीआर और यूपी को नए साल का तोहफा दिया है। केंद्र सरकार की 75.66 अरब की इस सड़क परियोजना के पूरा होते ही दिल्ली से मेरठ तक का सफर करीब ढ़ाई घंटे से घटकर मात्र 40-45 मिनट का हो जाएगा।
केंद्र सरकार की दिल्ली से मेरठ तक के करीब ढाई घंटे के सफर को आसान बनाने के लिए 7566 करोड़ की सड़क परियोजना के तहत करीब 75 किमी लंबे दिल्ली-डासना-मेरठ एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य नए साल में एक जनवरी से शुरू हो रहा है। यहां नोएडा के सेक्टर-62 में शिलान्यास समारोह में इस सुपर एक्सप्रेसवे की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रखी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने देश में सड़कों का जाल बिछाने का जो सपना देखा था उसे मौजूदा सरकार आगे बढ़ाने का काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में सड़क परियोजनाओं में बार-बार अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि अटल जी ने गांवों में बड़े स्तर के बदलाव लाने के प्रयास किए और गांवों को सड़कों से जोड़ने की दिशा में काम किया। पीएम ने इतिहास के पन्नों का जिक्र करते हुए कहा कि आजादी के लिए 1857 की लड़ाई में मेरठ का योगदान अहम है, इसे भुलाया नहीं जा सकता। वाजपेयी जी ने देश में स्वर्णिम चतुर्भुज और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की शुरूआत की थी, जिससे देश में आर्थिक विकास को गति मिली। इसी काम को अब उनकी सरकार तेजी के साथ आगे बढ़ाने का एक बड़ा अभियान चला रही है। इससे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नए साल से शुरू हो रही इस एम्सप्रेसवे परियोजना की विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर उनके साथ केंद्रीय नितिन गडकरी और महेश शर्मा भी मौजूद थे।
विकास का मार्ग है हाइवे
प्रधानमंत्री ने कहा कि सड़कों का विकास समय पर पूरा होने की जरूरत है। मोदी ने कहा कि राष्टÑीय राजमार्गो के निर्माण से रास्ता नहीं बन रहा है, बल्कि यह विकास का राजमार्ग है, जिससे जुड़कर गांव का विकास होता है। अब गांव के लोग भी एक लेन की सड़क से संतुष्ट नहीं हैं। वे भी अब दो या चार लेन की सड़क की मांग करने लगे हैं। गांव के लोग समझ गए हैं कि यदि उन्हें विकास करना है तो इसके लिए सबसे पहले गांव को सड़क से जोडना पड़ेगा। अब वे सिंगल नहीं बल्कि चार-चार लेन की सड़क की मांग कर रहे हैं। यूपी की इस परियोजना से उत्तराखंड का भी विकास होगा। उन्होंने कहा कि टूरिज्म में भी इस हाइवे के बनने के बाद बढ़ोतरी होगी। हमारी योजना गरीबों को रोजगार देने की है। यही नहीं हमारी योजना नदियों को जोड़ने की भी है।
अखिलेश यादव ने बनाई दूरी 
यूपी को मिली इस सुपर एक्सप्रेस की सौगात वाले समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दूरी बनाए रखी और अपने प्रतिनिधि के रूप में लोकनिर्माण मंत्री शाहिद मंजूर को समारोह में भेजा। समारोह में अखिलेश की अनुपस्थिति पर चर्चाओं आश्चर्यजन पहलू यह रहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव किसी मौजूदा मुख्यमंत्री के लिए नोएडा को 'अशुभ' माने जाने को लेकर कार्यक्रम में शरीक नहीं हुए। राजनीतिक गलियारों के मुताबिक नोएडा का दौरा करने वाले कई पूर्व मुख्यमंत्रियों को यात्रा के बाद जल्द ही अपनी कुर्सी गंवानी पड़ गई, जिनमें वीर बहादुर सिंह, नारायण दत्त तिवारी, कल्याण सिंह और मायावती शामिल हैं। इसी अंधविश्वास के चलते नेता नोएडा आने से बचते रहे हैं।
01Jan-2016

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