सोमवार, 7 दिसंबर 2015

संसद में पक्ष-विपक्ष की रणनीति का खुला पिटारा!

सोमवार को लोस में आठ व रास में तीन विधेयक
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार की विपक्षी दलों के साथ समन्वय बनाकर कामकाज को आगे बढ़ाने की रणनीति कसौटी पर खरी उतरेगी या नहीं, इसका पिटारा सोमवार को संसद में पेश किये जाने वाले विधायी कार्यो के दौरान खुलेगा। कल लोकसभा में कुछ नए विधेयकों समेत आठ लंबित विधेयक तथा राज्यसभा में तीन विधेयक पेश किये जाने हेतु सूचीबद्ध किये गये हैं। सोमवार को संसद के दोनों सदनों में मोदी सरकार और विपक्षी दलों की एक-दूसरे के बीच बदली रणनीति का अंदाजा संसद की कार्यवाही शुरू होने पर ही लगेगा। हालांकि सरकार मान रही है कि देश के विकास और आर्थिक सुधारों के साथ लोक कल्याण से जुड़े महत्वपूर्ण विधेयकों को सरकार को विपक्षी दलों का साथ मिलने की उम्मीद है। उधर विपक्षी दल भी सरकार की समन्वय की दिशा में सामने आई रणनीति पर अपने तेवर नरम करके छिटपुट हंगामे को छोड़कर सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करते नजर आ रहे हैं। हालांकि जीएसटी व रियल एस्टेट राज्यसभा में सोमवार की कार्यसूची में शामिल नहीं है, जिस पर सरकार को अभी विपक्ष के साथ एक-एक कदम सकारात्मक दृष्टि से आगे बढ़ाने की दरकार है। जहां तक असहिष्णुता जैसा मुद्दा है उस पर संसद के दोनों सदनों में सरकार चर्चा कराकर विपक्षी दलों के प्रति कुछ हमदर्दी बटोर चुकी है, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि विपक्षी अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने से पिछे नहीं रहेगा। मसलन सोमवार से शीतकालीन सत्र के तीसरे सप्ताह की शुरू होने वाली बैठकों में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों की रणनीतियों पर नजरे टिकी हुई हैं।
संसद में आज
सोमवार को शुरू होने वाली संसद सत्र की कार्यवाही के दौरान लोकसभा की कार्यसूची में आर्थिक सुधारों से जुड़े कुछ नए विधेयकों को भी शामिल किया है। जबकि सबसे महत्वपूर्ण विधेयक के रूप में लोकसभा में सोमवार को उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय न्यायाधीश वेतन एवं सेवा शर्तें संशोधन विधेयक-2015, मध्यस्थता और सुलह संशोधन विधेयक-2015, बोनस भुगतान संशोधन विधेयक और इंडियन ट्रस्ट संशोधन विधेयक-2015 पर विचार और उसे पारित किया जाना शामिल है। जबकि राज्यसभा में लोकसभा से पारित हो चुके भ्रष्टाचार निरोधक संशोधन विधेयक-2013, लिखित परक्राम्य संशोधन विधेयक-2015 और व्स्लिब्लोअर्स संरक्षण संशोधन विधेयक-2015 को पेश करने की योजना है। इसके अलावा दोनों ही सदनों में अन्य महत्वपूर्ण कार्य भी कार्यसूची में शामिल किया गया है।
07Dec-2015


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें