सोमवार, 14 दिसंबर 2015

जीएसटी बिल पर संशय

 हरिभूमि न्यूज. नई दिल्लीजीएसटी और रियल एस्टेट जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों को पिछले सप्ताह नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर कांग्रेस के हंगामे के कारण सरकार संसद में पेश नहीं कर सकी, जिन्हें अब सोमवार से शुरू होने वाले सप्ताह के दौरान संसद में किसी भी दिन आगे बढ़ाया जा सकता है। हालांकि संसद में विपक्ष के साथ टकराव को खत्म करने के प्रयास में सरकार जुटी हुई है।
केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी सप्ताह में वस्तु एवं सेवा कर से जुड़े जीएसटी और रीयल एस्टेट से जुड़े महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने का अब नए सिरे से प्रयास करेगी। जीएसटी मुद्दे पर कांग्रेस की तीन शतरें पर भी सरकार कुछ नरम होने के संकेत दे रही है। पिछले सप्ताह नेशनल हेराल्ड मामले पर दोनों सदनों में कांग्रेस और उसके सर्मथन तृणमूल कांग्रेस के हंगामे के कारण सरकार के एजेंडे को पूरा नहीं किया जा सका है, जिसके कारण सोमवार से शुरू होने वाले सप्ताह की कार्यवाही के लिए सरकार पर विधायी कायरें को बोझ बढ़ गया है। संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में अभी तक एक और लोकसभा में छह विधेयक पारित हो चुके हैं। इस सप्ताह के लिए सरकार के रखे गये एजेंडे में राज्यसभा में ज्यादा काम लंबित है, जिसमें लोकसभा में पारित दस विधेयक भी शामिल हैं।
संसद में आज
इस सप्ताह में सरकार ने लोकसभा में नौ विधायी और एक वित्तीय मुद्दे को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। इनमें से सात के लिए समय भी आवंटित किया है। जबकि राज्य सभा की कार्यसूची में इन लंबित कायरें के अलावा कुल 16 मुद्दे एजेंडे पर हैं।
सोमवार को लोकसभा में सरकार के एजेंडे में मात्र एटोमिक एनर्जी विधेयक पेश करना शामिल है, जबकि महंगाई पर चर्चा भी होनी है। इसके अलावा लोकसभा में सामान्य अनुदानों और अतिरिक्त अनुदानों की मांगों पर चर्चा और वोटिंग तय की गई है। वहीं लोकसभा व राज्यसभा में पाकिस्तान दौरे पर गई विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी दोनों देशों के बीच समग्र वार्ता के प्रशस्त हुए मार्ग पर बयान देंगी।



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