गुरुवार, 10 दिसंबर 2015

लोकसभा में भारतीय ट्रस्ट संशोधन विधेयक पारित

हेराल्ड पर संसद में हंगामा जारी
 नई दिल्ली
बहुचर्चित नेशनल हेराल्ड के मुद्दे पर कांगे्रस के शीर्ष नेताओं के खिलाफ अदालती आदेशों पर बिफरी कांग्रेस ने लोकसभा में बुधवारको भी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हंगामा जारी रखा, लेकिन इस हंगामे के बावजूद सदन में प्रश्नकाल, शून्यकाल औरविधायी कार्य जारी रहा। यहां तक की कांग्रेस के विरोध और हंगामे के दौरान ही सरकार ने सदन में भारतीय न्यास (संशोधन) विधेयक को भी पारित करा लिया।
लोकसभा में दोपहर बाद वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने सात दिसंबर को यह विधेयक पेश किया था, जिस पर अधूरी चर्चा को आगे बढ़ाते हुए अकांग्रेस सदस्यों के जारी हंगामे के बीच 133 साल पहले एक अधिनियम को संशोधित करने वाले भारतीय न्यास
(संशोधन) विधेयक-2015 पेश किया, जिसे हंगामे और मतविभाजन की मांग के बावजूद सदन ने बहुमत के साथ पारित कर दिया गया। इस विधेयक में संशोधन करके सरकार ने कुछ पुराने पड़ चुके और अप्रचलित प्रावधानों को समाप्त किया है। गौरतलब है कि भारतीय न्यास अधिनियम-1882 में संशोधन करते हुए सरकार ने यह विधेयक यह विधेयक लाया गया है। सदन में चर्चा का जवाब देते हुए जयंत सिन्हा ने कहा कि यह विधेयक 1882 के औपनिवेशिक काल के भारतीय न्यास अधिनियम के पुराने पड़ चुके कानूनी प्रावधानों को हटाने और उन्हें 21वीं सदी की जरूरतों के अनुसार लाया गया है। मौजूदा कानून की धारा 20 पर विशेष ध्यान देते हुए इसमें ब्रिटेन और आयरलैंड के प्रोमिशरी नोट, डिबेंचर, स्टाक और अन्य प्रतिभूतियों से संबंधित कुछ अनुपयोगी और पुराने पड़ चुके प्रावधानों को संशोधित किया गया है, जिसमें ब्रिटिश संसद द्वारा लागू बांड, डिबेंचर आदि भी शामिल हैं। नये संशोधन में ट्रस्टी के अधिकारों की विस्तृत व्याख्या की गई है। उन्होंने कहा कि जहां तक धार्मिक और धर्मार्थ ट्रस्टों का सवाल है, यह विषय अभी विधि आयोग के विचाराधीन है।
कांग्रेस को मिला टीएमसी का साथ
नेशनल हेराल्ड मामले पर तृणमूल कांग्रेस का साथ मिलते ही लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों का हंगामे को उग्र कर दिया। कांग्रेस ने सरकार पर विपक्ष के खिलाफ दमन की नीति अपनाने का आरोप लगाया। हालांकि सरकार ने भी पलटवार करते हुए कांग्रेस पर अदालत के मामले पर संसद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। सदन में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि देश में दो तरह का कानून हैं। एक कानून विपक्ष के लिए है और एक कानून इस देश की सरकार के लिए है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह विपक्ष पर दमन की नीति और बदले की भावना अपना रही है और विपक्ष के नेताओं को सताया जा रहा है तथा उन्हें डराने की कोशिश की जा रही है।
राज्यसभा:व्हिसिल ब्लोअर की चर्चा फिर अटकी
राज्यसभा में नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस सांसदों के जारी विरोध और हंगामे के कारण कोई कार्यवाही नहीं हो सकी और बार-बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया। हंगामे के कारण उच्च सदन में प्रश्नकाल तक नहीं हो सका।
बुधवार को उच्च सदन की कार्यवाही कई बार के स्थगन के बाद जब तीन बजे शुरू हुई तो प्रतिपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी के बीच तर्को के साथ वाकयुद्ध के रूप में जोरदार बहस छिड़ गई। आजाद ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया तो संसदीय कार्यमंत्री मुख्तार अब्बास ने संसदीय नियमों का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी अदालती मामले को संसद का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता, जो कांग्रेस नेताओं का व्यक्तिगत मामला है,उसकी लड़ाई संसद के बजाए अदालत में लड़ी जाए। इसी बहस के बीच कांग्रेसी सांसद आसन के करीब आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर हंगाम करने लगे, जिसके कारण उपसभापति पीजे कुरियन ने सदन की कार्यवाही को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले सदन की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस सदस्य आसन के समक्ष आ गये और सरकार पर तानाशाही चलाने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी करके हंगामा करने लगे। इनके साथ बीजद के सदस्य भी पोलावरम परियोजना का विरोध करते हुए पोस्टरों के साथ आसन के समक्ष आ गए। हालांकि हंगामे के बीच ही उपसभापति पीजे कुरियन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। राज्यसभा में दो दिन पहले पेश किये गये व्हिसिल ब्लोअर (संशोधन) विधेयक की अधूरी चर्चा भी आगे नहीं बढ़ सकी है,जबकि बुधवार को इसी प्रकार महत्वपूर्ण अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन विधेयक पर चर्चा निर्धारित थी, जिसे हंगामे के कारण सरकार आगे नहीं बढ़ा सकी। कांग्रेस सांसदों ने पेश नहीं की रिपोर्ट उच्च सदन में शोरशराबे के बीच उप सभापति पीजे कुरियन ने विधायी कामकाज के तहत सभापटल पर रखे जाने वाले पत्रों के लिए सांसदों का नाम पुकारा। इसके बावजूद कांग्रेस के वानसुक सीम ने गुवाहाटी के बारे में एक रिपोर्ट पेश नहीं की। इसी तरह कांग्रेस के विप्लव ठाकुर ने ऊर्जा पर संसद की स्थाई समिति की रिपोर्ट को भी पेश नहीं किया। इस पर कुरियन ने कहा कि सदन में रिपोर्ट पेश करना आपका कर्तव्य है।
10Dec-2015

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