शुक्रवार, 25 दिसंबर 2015

गन्ना किसानों की राह में भी रोड़ा बना विपक्ष!

संसद में पास नहीं होने दिया पुराने कानून में संशोधन

ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश में गन्ना किसानों के बकाया भुगतान की समस्या से निपटने की दिशा में सरकार द्वारा एक पुराने कानून में लाए गये संशोधन को भी विपक्ष ने संसद में अटका दिया है। इस नए कानून के जरिए सरकार की योजना गन्ना किसानों के बकाया भुगतान की राह आसान बनाने की थी।
केंद्र सरकार ने चीनी उपकर अधिनियम-982 में संशोधन का प्रस्ताव रखते हुए चीनी उपकर(संशोधन) विधेयक को लोकसभा में 15 दिसंबर को पारित करा लिया था, लेकिन संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन गन्ना किसानों के हितों को देखते हुए सरकार ने राज्यसभा में भी इसे पारित कराने का प्रयास किया, लेकिन कांग्रेस, बसपा, जदयू और अन्नाद्रमुक ने धन विधेयक होने के कारण इसका विरोध किया और उच्च सदन में यह लटका रह गया। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार 1982 के इस अधिनियम की धारा 3(1) के तहत संशोधित विधेयक में सीलिंग को 25 रुपये प्रति कुंतल से बढ़ाकर 200 रुपये करने का प्रावधान किया, जिसमें फिलहाल 25 रुपये के सापेक्ष 24 रुपये प्रति कुंतल उपकर है, जिसे 24 से बढ़ाकर 124 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया। इससे उपकर से 500 करोड़ रुपये के बजाए 25 करोड़ का उपकर सरकार को मिलेगा। इस राजस्व से सरकार ने उन चीनी मिलों को एक साल के लिए बिना ब्याज के 4100 करोड़ रुपये का ऋण देने का प्रस्ताव किया है, जो किसानों को 50 फीसदी बकाया गन्ना भुगतान कर चुकी है। इस विधेयक के संशोधन लागू होने से सरकार की योजना गन्ना किसानों को लाभ देने की थी, ताकि ऋण लेकर चीनी मिलें बकाया भुगतान को चूकता कर सकें, लेकिन विपक्ष के विरोध से यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई है।
बकाया भुगतान बड़ी समस्या
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान का कहना है कि चीनी उपकर कानून में संशोधन गन्ना किसानों के बकाया भुगतान की दिशा में सरकार को बड़ा कदम है, जिसके प्रावधान के तहत किसानों के गन्ने की बकाया राशि चुकता करने और विभिन्न हस्तक्षेप हेतु अतिरिक्त धन जुटाने के लिए सुलभ ऋणों के आधार पर ब्याज पर वित्तीय सहायता, निर्यात प्रोत्साहन और उत्पादन सहायता मिलने वाली थी। लेकिन इस संशोधन को उच्च सदन की मंजूरी नहीं मिल सकी।
सरकार ने ये भी उठाए कदम
मंत्रालय के अनुसार सरकार ने इस साल गन्ना किसानों की बकाया राशि के भुगतान को आसान बनाने की दिशा में चीनी उद्योग को 6000 करोड़ रुपये तक के सुलभ ऋण प्रदान करने की योजना लागू की। सरकार का दावा है कि इस योजना के तहत 4047 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान हो चुका है। सरकार ने इसी महीने वर्ष 2015-16 सीजन में गन्ने के मूल्य को समायोजित करने तथा इस चीनी सीजन के लिए किसानों के बकाये का समय पर भुगतान की व्यवस्था की। वहीं चीनी मिलों में चीनी उत्पादन से 4.50 रुपये प्रति क्विंटल सब्सिडी का भुगतान सीधे किसानों के खातों में डालने की योजना लागू की है।
25Dec-2015

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