ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
भारत
और बांग्लादेश के बीच सीमा संबन्धी समझौते के बाद बांग्लादेशियों के अवैध
प्रवास पर तो अंकुश लगा है, लेकिन केंद्र सरकार को अभी ऐसे 42 देशों के
28356 विदेशी नागरिकों की तलाश है जो वीजा की मियाद खत्म होने के बाद भी
देश में अवैध रूप से रह रहे हैं। सबसे चिंताजनक बात यह सामने आई है कि अवैध
रूप से भारत में ठहरने वाले सबसे ज्यादा 4335 नागरिक पाकिस्तान के हैं।
गृह
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार भारत में अवैध रूप से रह रहे विदेशी
नागरिकों का मौजूदा आंकड़ा हालांकि इससे भी कहीं ज्यादा हो सकता है, लेकिन
दिसंबर 2014 तक भारत में वीजा नियमों का उल्लंघन करके भारत में कहीं न कहीं
चोरी-छिपे रह रहे 42 देशों के नागरिकों की संख्या 28356 है। इसमें
सर्वाधिक 4335 पाकिस्तान के बाद 3857 श्रीलंका के नागरिकों की है। इसके
अलावा 1897 विदेशी नागरिक ऐसे हैं जिनके देशों की पुष्टि नहीं की जा सकी
है। इसके बाद कोरिया गणराज्य के 1772, इराक के 1625, अमेरिका के 1291,
नाइजीरिया के 1254, ओमान के 1072, तंजानिया के 1068 नागरिक अवैध रूप से
भारत में ठहरे हुए हैं। इसके अलावा अन्य देशों के नागरिकों की संख्या तीन
अंकों में है, जब कि सबसे कम राज्यविहीन चीन के तीन नागरिक भारत में इस
दायरे में शामिल हैं।
मध्य प्रदेश में भी विदेशियों का पड़ाव
गृह
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार जांच पड़ताल के बाद सरकार ने इस बात का भी
पता लगाया है कि देश में किन-किन राज्यों में ऐसे विदेशी नागरिकों का अवैध
पड़ाव बना हुआ है। इनमें सबसे ज्यादा 20539 विदेशी नागरिकों ने अपनी
शरणस्थली तमिलनाडु राज्य को बनाया हुआ है, जिसमें श्रीलंका के लोगों की
अधिक संभावना है। इसके बाद 3300 विदेशी नागरिकों के पड़ाव के रूप में मध्य
प्रदेश दूसरे पायदान पर है। छत्तीसगढ़ राज्य में भी 63 विदेशी नागरिकों के
अवैध रूप से रहने की पुष्टि हुई है, जबकि हरियाणा में केवल छह विदेशी
नागरिक चोरी छिपे रह रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली में में 472 विदेशियों के
अवैध रूप से रिहायशी की सूचना है। वहीं बिहार, आंध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर,
कर्नाटक, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत दो दर्जन से
ज्यादा राज्यों में विदेशी नागरिकों का अवैध प्रवास बना हुआ है।
23Dec-2015
23Dec-2015
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