रविवार, 20 दिसंबर 2015

रेलवे को लगी पौने दो लाख करोड़ की चपत!

यूपीए कार्यकाल में विलंब बना नुकसान का कारण
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार जहां रेलवे को विश्वस्तरीय बनाने की योजनाओं को अंजाम देने में लगी हैं, वहीं उसके सामने यूपीए शासनकाल के दौरान रेलवे को हुए करोड़ो रुपये के नुकसान को पाटने की भी चुनौती होगी। मसलन यूपीए-2 राज में परियोजनाओं में विलंब के कारण रेलवे को करीब 1.86 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है।
हाल में संसद में पेश हुई कैग यानि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यूपीए सरकार की वर्ष 2009 से 2014 तक रेलवे की 442 परियोजनाओं के क्रियान्वयन में विलंब होने से रेलवे पर 1.07 लाख करोड़ रुपए ज्यादा की लागत का बोझ बढ़ा है। इन परियोजनाओं में पांच साल की अवधि में नई लाइनों का निर्माण, मौजूदा लाइनों का दोहरीकरण, आमान परिवर्तन जैसी अनेक परियोजनाएं शामिल हैं। कैग के अनुसार हालांकि रेलवे के रिकॉर्ड में परियोजनाओं को पूरा होने की निर्धारित तिथि या तो तय ही नहीं है या उसका जिक्र नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार अनुमान को तय करने, मंजूरी में देरी और जमीन अधिग्रहण में विलंब से परियोजनाओं में ज्यादा देरी हुई। यही कारण था कि इन परियोजनाओं के पूरा होने में हुए विलंब के कारण इसकी लागत 1.07 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई। कैग ने निष्कर्ष में कहा है कि इस तरह मौजूदा 442 परियोजनाओं पर कुल 1.86 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च का अनुमान है। कैग के अनुसार लेखा परीक्षण के दौरान रेलवे कोष का पूरी तरह उपयोग न होने के मामले में सामने आए हैं, जिससे परियोजनाओं पर विपरीत प्रभाव पड़ना तय था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कोष का आवंटन जरूरत के अनुपात में नहीं है। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि 2009-14 के दौरान कोष की दिक्कतों को नजरअंदाज करते हुए पहले से स्वीकृत परियोजनाओं में 202 परियोजनाएं जोड़ दी गईं और इस कारण इस अवधि में केवल 67 परियोजनाएं पूरी हो पाईं।
इससे पहले भी मिली अनियमिताएं
कैग ने इससे पहले भी रेलवे में लौह अयस्क के परिवहन नीतियों के कारण निर्यातकों की धोखाधड़ी का खुलासा किया। यूपीए शासन काल में बनी रेलवे की ट्रांसपोर्टेशन नीतियों में अनियमिताओं के कारण सरकार को 17 हजार करोड के राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है। रिपोर्ट के मुताबिक इस रेलवे घोटाले की शुरूआत वर्ष 2008 में उस समय नजर आई, जब लौह अयस्कों के निर्यात के लिए रेलवे ने दोहरे मू्ल्य की स्कीम के तहत घरेलू उपयोग के लिए लौह अयस्कों के लिए ट्रांसपोर्टरों को इसका निर्यात करने वालों की अपेक्षा सस्ती दरों पर ट्रांसपोर्ट करने की सुविधा दी गई। करीब 17 हजार करोड़ रुपये के इस घपले का आंकडा 75 लोडिंग पॉइंट्स में से सिर्फ 26 और 41 अनलोडिंग पॉइंट्स में से 10 की आॅडिट पर आधारित है। कैग को जांच पड़ताल में ऐसे कई तथ्य मिले हैं, जिससे निर्यातकों की इस धोखाधडी को अंजाम देने का पता चलता है।
लुधियाना-अंबाला स्टेशनों का आधुनिकीकरण
फ्रांस की मदद से चलेगी सेमी हाईस्पीड ट्रेन
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे को मिल रहे फ्रांस के सहयोग में अब जहां दिल्ली-चंडीगढ़-अमृतसर सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाई जा सकेगी। वहीं फ्रांस लुधियाना व अंबाला स्टेशनों का नए सिरे से विकास व आधुनिकीकरण भी वित्तीय मदद करेगा।
देश में रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में जापान के साथ त्रिस्तरीय ऐतिहासिक समझौते के बावजूद सरकार केवल उसी पर निर्भर नहीं रहना चाहती। वह कई अन्य देशों के साथ भी सहयोग की इबारत लिख रही है। इनमें अमेरिका व चीन के अलावा फ्रांस का नाम प्रमुख है। रेलवे सूत्रों के अनुसार फ्रांसीसी कंपनी एल्स्टॉम को मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोको का कांट्रैक्ट के अलावा दिल्ली-चंडीगढ़ अमृतसर के बीच सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाने और लुधियाना, अंबाला स्टेशनों के पुनर्विकास का जिम्मा सौंपने की तैयारी की जा रही है। हालांकि दिल्ली-चंडीगढ़-अमृतसर के बीच सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाने के लिए जापान पूरा जोर लगाए हुए है। जबकि फ्रांसीसी कंपनी सिस्त्रा पहले ही अपनी अंतरिम रिपोर्टें सौंप चुकी है। जबकि प्री-फीजिबिलिटी अध्ययन के बाद जारी एक्जीक्यूशन स्टडी का काम जल्द पूरा हो जाएगा। सूत्रों के अनुसार एक साल के भीतर इस परियोजना से संबंधित निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। गौरतलब है कि दिल्ली-चंडीगढ़-अमृतसर सेमी हाईस्पीड परियोजना के तहत इस रूट पर 200 किलोमीटर तक की रफ़्तार वाली ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव है। इसके लिए ट्रैक व सिगनल प्रणाली के अलावा रोलिंग स्टॉक में भी सुधार किया जाएगा। फ्रांस की भारतीय स्टेशनों के विकास में भी सहयोग की इच्छा को देखते हुए रेलवे ने लुधियाना व अंबाला स्टेशनों से शुरूआत करने का प्रस्ताव किया है, ताकि इन रेलवे स्टेशनों को वैश्विक स्टेशनों की तर्ज पर विकसित किया जा सके। 
20Dec-2015


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