शनिवार, 31 अक्तूबर 2015

जल्द ही पड़ोसी देशों में दौड़ेंगे वाहन!


बीबीआईएन ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर पर दिसंबर में होगा ट्रायल
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
यूरोपीय संघ की तर्ज पर भारत ने दक्षिण एशियाई देशों में सीमा से लगे बांग्लादेश, भूटान और नेपाल के बीच सड़क यातायात के आवागमन को निर्बाध बनाने की कवायद तेज कर दी है। मसलन इन चारो देशों के बीच जल्द ही बीबीईएन मोटर वाहन करार के तहत ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर पूरा हो जाएगा, जिस पर दिसंबर में रन ट्रायल शुरू करने की तैयारी हो चुकी है।
मोदी सरकार ने अपनी विदेश नीति में दक्षिण एशियाई देशों के संबन्धों को ज्यादा मजबूत बनाने की कवायद में पडोसी देशों के साथ परिवहन को सुगम बनाने की पहल की है। इसके तहत बीबीआईएन यानि भारत, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान को आपस में सड़क मार्गो से जोड़ने की परियोजना अंतिम चरणों में है और बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल यानि बीबीआईएन का काम अक्टूबर-नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इन देशों के बीच आपस में सड़क के सफर को अंजाम देने के लिए बीबीआईएन परिवहन कॉरिडोर ट्रायल रन इस साल के अंत में होगा, लेकिन इससे पहले 15 दिसंबर को भारत, म्यांमार और थाइलैंड के बीच ट्रायल रन करने का निर्णय लिया गया है। इसका मकसद है कि इस ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर रूट को नियमित यात्री और कार्गो वाहनों के लिए म्यांमार होते हुए थाईलैंड तक पहुंचाना है। इस परियोजना के तहत इन चारों दशों के मालवाहक वाहनों के अलावा एक ड्राμट प्रोटोकोल के तहत यात्री वाहनों को भी इन देशों के विशेष मार्ग पर जाने की इजाजत दी जा रही है। इसके लिए इस कॉरिडोर पर सफर करने वाले वाहनों में जीपीएस सिस्टम को अनिवार्य बनाया गया है, ताकि किसी भी वाहन की दिशा और दशा जैसी मौजूदगी का पता लगाया जा सके। इनके अलावा भारत की योजना बीबीआईएन मोटर व्हीकल एग्रीमेंट को श्रीलंका तक फैलाने की है। पिछले दिनों ही सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने श्रीलंका का दौरा करके श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल श्रीयन विक्रम सिंघे के साथ दोनों देशों को जोड़ने वाली एक सड़क के बारे में चर्चा की थी। यह परिवहन कॉरिडोर ब्रिज-कम-सब मर्सिबल टनल के रूप में हो सकता है, जो तमिलनाडु के धनुषकोडी से होकर श्रीलंका की सरजमीं तक पहुंच सकता है।
तेरह कॉरिडोर रूट चिन्हित
सूत्रों के अनुसार जहां तक बीबीआईएन ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर का सवाल है उसके लिए चारो देशों ने 13 रूटों को चिन्हित कर लिया है, जिनमें ज्यादातर भारत व नेपाल में शामिल हैं। मसलन अधिकतर पांच रूट भारत और नेपाल के बीच हैं, जिनमें दो कॉरिडोर ट्रांसपोर्ट के लिए मंजूर किए गए हैं, जो बांग्लादेश और नेपाल के बीच हैं और ये भारत से होते हुए जाएंगे। ऐसे ही दो और रूटों को वाहनों की आवाजाही के लिए बांग्लादेश से भूटान वाया भारत के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है। बीबीआईएन देश पहले ही एक समझौते पर हस्ताक्षर कर चुके हैं, जिसमें फास्ट टैÑक सीमलेस मूवमेंट की बात पर भी करार हुआ है। सूत्रों के अनुसार भारत, म्यांमार और थाइलैंड के बीच ट्रांसपोर्ट का प्रोटोकोल आगामी जनवरी में फाइनल किया जाएगा। पिछले सप्ताह हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया। इसी रास्ते पर नवंबर में एक क्रॉस कंट्री कार रैली का भी आयोजन किया जाएगा। इसी के साथ सभी देशों के बीच स्मूथ ट्रांसपोर्ट मूवमेंट की शुरूआत भी हो जाएगी।
31Oct-2015


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