केंद्रीय मंत्री ही करेंगे हाइवे का शिलान्यास व उद्घाटन
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
देश
में केंद्रीय परियोजनाओं का श्रेय शायद अब राज्य या राज्य स्तर के नेता
नहीं ले पाएंगे। मसलन देश के विकास पर सियासत करने की इस परंपरा पर अंकुश
लााने के प्रयास में ही केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ऐसा
निर्देश जारी किया है, जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के भूमि पूजन,
शिलान्यास या फिर उद्घाटन करने की इजाजत केंद्रीय मंत्री के अलावा किसी
अन्य को नहीं होगी।
दरअसल केंद्र सरकार की सड़क परियोजना में यूपी
में बरेली-बहेडी तक 540 करोड़ रुपए की लागत से पीपीपी मॉडल पर 54 किमी लंबे
हाइवे बनकर तैयार हुआ, तो इसका लोकार्पण राज्य के मुख्यमत्री अखिलेश यादव
ने करते हुए अपनी सरकार को पूरा श्रेय देने का प्रयास किया। शायद विकास पर
होने वाली ऐसी सियासत पर लगाम लगाने की दिशा में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं
राज्य मंत्री नितिश गड़करी को मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों को निर्देश के
रूप में एक पत्र लिखकर पहले से ही तय मानदंडों का अनुपालन करने की नसीहत
दी। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार के राज्यों में होने वाले
काम का श्रेय राज्य के नेता लेते आ रहे हैं, जबकि खासकर केंद्रीय
परियोजनाओं के मामले में ऐसे मानक बने हैं जिसमें राज्य सरकारों को मानकों व
नियमों की सीमाएं लांघना नहीं चाहिए। इसलिए मंत्रालय ने ऐसे नियमों व
मानकों का पालन सुनिश्चित कराने वाले पत्र में राज्य एवं केंद्रशासित
प्रदेशों के लोकनिर्माण विभाग के प्रधान सचिव, सचिव, मुख्य अभियंताओं के
साथ एनएचएआई के अध्यक्ष राघव चन्द्रा और सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक को
पूर्ववर्ती यूपीए सरकार द्वारा दिसंबर 2001 में जारी सरकुलर का संज्ञान
लेने को भी कहा गया है। इस पत्र की प्रतियां एनएचएआई के सीजीएम वीके शर्मा व
एनएचएआई के सदस्य(वित्त) सतीश चन्द्रा को भी भेजी गई है।
क्या है सरकुलर के मानक
मंत्रालय
के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्गो की परियोजनाओं के बारे में पूर्ववर्ती
यूपीए सरकार ने 16 दिसंबर, 2011 को संबन्धित कार्य विधि का विस्तृत उल्लेख
एक सरकुलर जारी किया था। इसके मानकों और नियमों के मुताबिक राष्ट्रीय
राजमार्ग परियोजनाओं का क्रियान्वयन करने वाली एजेंसियों को तीन महीने पहले
केंद्र सरकार यह जानकारी देनी जरूरी है, कि कौन सी परियोजना कब शुरू होनी
है और कब पूरी होने वाली या हो चुकी है। इन मानकों के तहत इसका जिम्मा
खासकर राज्य का मुख्य अभियंता पर है जिसे अग्रिम रिपोर्ट तैयार करके
केंद्रीय मंत्रालय को भेजना जरूरी है। इसका मकसद यही है कि केंद्र सरकार
संबन्धित परियोजना के लिए भूमि पूजन, शिलान्यास या उद्घाटन की तिथि का
निर्णय लेगी। हालांकि ऐसे समारोह में केंद्रीय मंत्रालय के मुख्य अभियंता व
नोडल अधिकारी राज्य के मुखिया और संबन्धित मंत्रियों, सांसद व विधायकों के
साथ संबन्धित विभागों के अधिकारियों को भी समारोह में आमंत्रित किया जाता
है।, जिसकी जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्रालय के मुख्य अभियंता व नोडल अधिकारी
की है।
25Oct-2015
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