शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2015

ओवरलोडिंग वाहनों पर ऐसे लगेगी लगाम!

टोल प्लाजा के निकट ‘वेट इन मोशन’ सिस्टम लगाने की तैयारी
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
भविष्य में राष्ट्रीय राजमार्गो पर क्षमता से अधिक वजन लेकर चलने वाले भारी वाहनों की खैर नहीं है। मसलन केंद्र सरकार ने सड़को पर सुरक्षित सफर को वरीयता देते हुए ओवरलोडिंग वाहनों पर शिकंजा कसने के लिए हाईवे पर टोल प्लाजा के निकट ‘वेट इन मोशन’ सिस्टम लगाने की तैयारी कर ली है, जिसके लिए सरकार ने स्टेंडर्ड स्पेसिफिकेशन का ड्राफ्ट जारी कर दिया है।
केंद्र सरकार की सड़क परियोजनाओं में सुरक्षित सफर बनाने की पहली प्राथमिकता है, जिसमें कई अलग योजनाओं का खाका तैयार किया गया है। सरकार के इन्हीं कदमों में क्षमता से ज्यादा वजन ले जाने वाले वाहनों पर शिकंजा कसने की तैयारी में एक मसौदा तैयार किया है, जिसमें ओवरलोड़िंग गाड़ियों पर लगाम लगाई जा सकेगी। मसलन सरकार ने हाईवे पर टोल प्लाजा के निकट दोनों ओर चलती गाड़ी का वजन तौलने वाले सिस्टम ‘वेट इन मोशन’ लगाने की तैयारी कर ली है। इस प्रणाली को लागू करने चलती गाड़ियों के वजन की जानकारी टोल प्लाजा के कर्मचारियों को स्वत: ही मिल जाएगी। मसौदे के अनुसार ऐसी ओवरलोडेड गाड़ियों को मौके पर ही न केवल खाली करवाया जाएगा, बल्कि ट्रांसपोर्टर्स से टोल दर से 10 गुणा अधिक राशि वसूली जाएगी। मंत्रालय ने इस सिस्टम को देशभर में अपनाने के मकसद से स्टेंडर्ड स्पेसिफिकेशन का ड्राफ्ट भी जारी किया है। इस मसौदे के अनुसार किस तरह से इक्यूपमेंट, डिवाइस, सॉफ्टवेयर और सिस्टम अपनाया जाएगा, जो पूरे देश में एक समान होगा।
क्या है वेट इन मोशन
सड़क पर चलती गाड़ी का वजन तोलने की तकनीक वाली प्रणाली को ‘वेट इन मोशन’ कहा जाता है। इस प्रणाली के तहत हाइवे की सड़क पर ऐसा इक्यूपमेंट लगाया जाता है, जिसके ऊपर से गुजरते ही वह गाड़ी का कुल लोड कंप्यूटर पर पता चल जाएगा जिसे एक सॉμटवेयर के माध्यम से रिकॉर्ड किया जाएगा। यह सिस्टम इस तकनीक के जरिए चंद दूरी पर पर स्थित टोल प्लाजा को भी ओवरलोडिंग यानि मानकता से ज्यादा वजन वाली गाड़ी की सूचना दे देगा।
एकत्र हो सकेगा डाटा
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी की माने तो इस प्रणाली को लागू करने से जहां टैक्स की चोरी रोकी जा सकेगी, वहीं सड़कों पर ओवरलाडेड गाड़ियों की वजह से हाइवे पर होने वाली दुर्घटनाओं पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट के भी ऐसे आदेश हैं कि सड़क पर ओवरलोडेड वाहन न चल पाएं। उनका कहना है कि इस सिस्टम से न केवल ओवरलोडिंग रोकी जा सकेगी, बल्कि इससे सड़क पर चल रहे वाहनों का डाटा भी एकत्र करने में मदद मिलेगी, जो सड़क अनुसंधान में कारगरसाबित होगा। मसलन यह आंकड़ा सरकार के सामने होगा कि देश भर में कितने-कितने लोडिंग भरने वाले वाहन चल रहे हैं। इस आंकड़े के आधार पर सरकार सड़क के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने की योजनाओं को अंजाम दे सकेगी। 
ट्रांस्पोर्टरों का नहीं आपत्ति
सरकार की इस परियोजना के बारे में आॅल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष भीम वाधवा का कहना है कि ओवरलोडिंग रोकने के लिए ‘वेट इन मोशन सिस्टम’ लागू होने से ट्रांसपोटर्स को कोई परेशानी नहीं है, क्योंकि ऐसा सिस्टम होने पर ट्रकों को रोकना नहीं पड़ेगा और ट्रक आॅपरेटर्स को ओवरलोडिंग के लिए मजबूर भी नहीं किया जाएगा। इससे पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होगा और ओवरलोडिंग गाड़ियां चलने से सड़क की हालत भी खराब नहीं होगी।


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