रविवार, 18 अक्टूबर 2015

एक माह में पूरा होगा विमानन कंपनियों का पुन: प्रमाण!

चौदह में दस कंपनियों ने पूरी कराई प्रक्रिया
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
सरकार द्वारा हवाई यात्रा को सुरक्षित बनाने की दिशा में उठाये जा रहे कदमों के तहत नियमित उड़ान सेवाए देने वाली विमानन कंपनियों की हर साल होने वाली पुन: प्रमाणन की प्रक्रिया एक माह में पूरी की जाएगी।
नागर विमानन महानिदेशालय यानि डीजीसीए की महानिदेशक श्रीमती एम.सतियावती ने यह दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि सभी नियमित विमानन कंपनियों के पुन: प्रमाणन का काम अगले महीने पूरा हो जाएगा। डीजीसीए के अनुसार नियमित उड़ान सेवाएं देने वाली विमानन कंपनियों के लिए पुन: प्रमाणन की प्रक्रिया इस साल की शुरूआत में प्रारंभ कर दी गई थी, जिसमें अभी तक 10 विमानन कंपनियों का ही पुन: प्रमाणन किया जा चुका है, जिन्हें अपनी सेवाएं जारी रखने की अनुमति को बरकरार रखा गया है। यहां 14 विमानन कंपनियों में से अब केवल चार कंपनियां बची हैं, जिन्हें एक माह के भीतर इस प्रक्रिया को पूरा करने को कहा गया है। गौरतलब है कि विमानन क्षेत्र में पुन: प्रमाणन की प्रक्रिया का काम यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि विमानन कंपनियां वैश्विक मानकों को पूरा कर रही हैं या नहीं। वहीं डीजीसीए का मकसद हवाई यात्राओं की सुरक्षा और यात्रियों की सुविधाओं पर खरा उतरना भी विनियामकों का प्रावधान है।
सुरक्षित हवाई यात्रा पर जोर
नागर विमानन सचिव आर.एन.चौबे का कहना है कि केंद्र सरकार ने विमानन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे और सुरक्षा मानकों से किसी प्रकार के समझौते को स्वीकार न करने की नीति अपनाई हुई। केंद्र सरकार ने सभी विमानन कंपनियों के लिए डीजीसीए के जरिए जारी नए दिशा निर्देशों में स्पष्ट आदेश दिये हैं कि हवाई यात्रा करने वाले किसी भी यात्रियों को कोई असुविधा न हो, बल्कि दिशा निर्देशों में यात्रियों की सुरक्षा और उनकी सुविधाओं को बेहतर से बेहतर बनाने पर बल दिया है। नागर विमानन मंत्रालय जल्द ही नई नागर विमानन नीति जारी करेगा, जिसका मसौदा लगभग तैयार हो चुका है। इन नई नीति में सरकार का मकसद विमान और हेलीकाप्टर सेवाओं को सरल विनियमों के तहत बेहतर बनाना है। नागर विमानन मंत्रालय के अनुसार सुरक्षा के मुद्दें पर पहले ही गगन उपग्रह से सहायता प्रदत्त नेविगेशन प्रणालियोंं को खासकर हेलीकॉप्टर सेवाओं के लिए लागू किया जा चुका है, जिनकी आवाजाही पर प्रभावी निगरानी करने और ट्रैकिंग के लिए इस प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। नेविगेशन प्रणालियां अनियंत्रित हवाई क्षेत्र में भी एक मीटर रेजलूशन यानि स्थिरता प्रदान करने में सहायक हैं।


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