सोमवार, 26 अक्तूबर 2015

रेलवे क्रासिंगों पर दुर्घटना रोकने की कवायद!

सभी रेलवे फाटको पर लगेगी नई चेतावनी प्रणाली
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार की देश में सड़क व रेल मार्गो पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ठोस उपायों के साथ योजनाएं बनाई जा रही है। ऐसी ही योजना में फाटक रहित क्रासिंग पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे द्वारा विकसित की गई प्रणाणी को लागू किया जाएगा।
देश की सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय सड़क परिहवन एवं राजमार्ग मंत्रालय परियोजनाओं का खाका तैयार कर रहा है, तो उसी तर्ज पर रेल मंत्रालय ने भी खासकर मानव और फाटक रहित रेलवे क्रासिंग के अलावा देश में बढ़ रही रेल दुर्घटनाओं को रोकने की नई तकनीक वाली कई परियोजनाओं का रोड़मैप तैयार किया है। पिछले दिनों ही रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा था कि कमान, नियंत्रण और संचार प्रणाली में नई प्रगति भारतीय रेलवे में सुरक्षित और सुनिश्चित संचालन वातावरण विकसित करने की तैयारी हो रही है। इसके लिए रेलवे की अनुसंधान इकाई अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन यानि आरडीएसओ की मदद से भारतीय रेलवे के अनुकूल वैश्विक मानकों वाली सस्ती प्रणालियां घरेलू स्तर पर विकसित कर रहा है। रेल मंत्रालय के सूत्रों का दावा है कि कि इस प्रणाली की विशेषताओं को अंतिम रूप देने वाली रेलवे की अनुसंधान इकाई अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन ने सभी क्षेत्रीय रेलवे कार्यालयों से सिफारिश की है कि वे अपने-अपने संबंधित क्षेत्रों में दुर्घटनाओं को रोकने के प्रयास के तहत चेतावनी प्रणाली स्थापित करने के लिए कदम उठाएं। आरडीएसओ ने रेलवे बोर्ड को लिखे एक पत्र में यह भी सिफारिश की है कि बड़े पैमाने पर प्रणाली विकसित करने से पहले प्रत्येक रेलवे जोन को फील्ड परीक्षणों के लिए एक या दो प्रणाली स्थापित करने की सलाह दी जा सकती है।
मानको पर खरी उतरी तकनीक
रेलवे के सूत्रोें के मुताबिक देशभर में 30,348 लेवल क्रासिंगों में से 11,563 फाटक रहित रेलवे क्रासिंग हैं, जिन पर रेलवे ने संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के मकसद से सुरक्षा अभियान के तहत विकसित करने का निर्णय लिया है। दरअसल देश में लेवल क्रासिंगों की निगरानी करने या ओवरब्रिज रोड बनाने या भूमिगत मार्ग बनाने के कार्यो में विलंब होने के कारण ये क्रासिंग करीब 40 प्रतिशत रेल दुर्घटनाओं और ट्रेन दुर्घटनाओं में करीब 60 प्रतिशत मौतों के लिए जिम्मेदार हैं। रेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सुरक्षा अभियान की इस कवायद में तीन माह पहले रेलवे ने फाटक रहित क्रासिंगों के लिए इस तोड़फोड़ रोधी चेतावनी प्रणाली विकसित करके तत्त्काल इसे प्रयोगात्मक रूप से कोयंबटूर-मेतुपल्लायम खंड पर स्थापित किया था, जो संतोषजनक साबित हुई।
ऐसे काम करेगी प्रणाली
देशभर के सभी फाटक रहित रेलवे क्रासिंग पर स्थापित की जाने वाली इस नई प्रणाली में दो ब्लिंकर और एक सायरन लगा है, जो ट्रेन के एक किलोमीटर के दायरे में होने पर लोगों को सतर्क करेंगे। सौर पैनल से लैस इस प्रणाली में चोरी रोधी तंत्र भी लगा है। मसलन यदि प्रणाली में तोड़फोड़ के प्रयास होगा तो तो पहले से नियोजित मोबाइल नंबरों पर एसएमएस अलर्ट मिल जाएगा। इस प्रणाली के जरिये मार्ग से गुजरने वाली ट्रेनों के बारे में भी एसएमएस अलर्ट की व्यवस्था की गई है। प्रणाली में दो सेंसर मॉड्यूल और एक नियंत्रण मॉड्यूल है, जिनमें ट्रेन की क्रासिंग के एक किमी दायरे में गतिविधि होते ही सायरन तथा ब्लिंकर अलर्ट उत्पन्न करते हैं। सेंसर मॉड्यूल पटरी पर ट्रेन की गतिविधि को पकड़ने के लिए लेवल क्रासिंग के एक किलोमीटर के दायरे में लगे होते हैं।
26Oct-2015


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