सड़क हादसों पर जल्द अंकुश न लगा तो बढ़ेंगी मौतें!
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
भले
ही केंद्र सरकार ने सड़कों पर होने वाले हादसों पर काबू पाने के मकसद से
सड़क सुरक्षा योजना में कई कदम उठाने का दावा किया है, लेकिन यदि जल्द ही
सडक हादसों पर अंकुश न लगा तो आने वाले पांच सालों में हर तीन मिनट में एक
मौत सामने होगी, जो फिलहाल चार मिनट में एक मौत का आंकड़ा है।
देश
में सड़क सुरक्षा पर काम करने वाली एक गैर सरकारी संगठन इंडियन फॉर रोड सेफ्टी की जारी ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश में होने वाले सड़क हादसों में हर
चार मिनट में एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। संस्था ने ऐसी दुर्घटनाओं पर
3.8 लाख करोड़ रुपए या जीडीपी का तीन प्रतिशत खर्च होने का अनुमान भी लगाया
है। वहीं यह भी आशंका जताई है कि यदि देश में सड़क हादसों और इनके कारण होने
वाली मौतों पर जल्द ही अंकुश नहीं लगया गया तो वर्ष 2020 तक हर तीन मिनट
में एक व्यक्ति की मौत हो सकती है। मसलन ऐसे में दुर्घटनाओं पर होने वाले
खर्च का बढ़ना भी स्वाभाविक है। संस्था ने इस चौंकाने वाले आंकड़ों का खुलासा
यहां ‘टैकलिंग द चैलेंजेज आॅफ अनसेफ वेहिकिल आॅन इंडियन रोड्स’ विषय पर
आयोजित एक सेमिनार में किया है। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि देश में
'कैसे रुकेंगे सड़क हादसे? जबकि भारत में हर मिनट एक सड़क दुर्घटना होती है
और उसके कारण हर चार मिनट में एक जान गंवानी पड़ रही है। यह तथ्य भी सामने
आए हैं कि सड़कों पर मरने वालों में एक तिहाई 15 से 25 साल की उम्र के
नौजवान होते हैं। इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (इंडिया चैप्टर) से जुड़े एनके
सिन्हा की माने तो सड़कों पर स्पीड कॉमिंग मैजर (गतिशमन उपाय) लगे होने
चाहिए, ताकि लोग अपनी गाड़ी की रफ़्तार कम करने को मजबूर हों। स्पीड ब्रेकर,
उठे हुए जेबरा क्रासिंग और राउंड अबाउट जैसे उपाय हादसों को कम करने में
काफी कारगर हो सकते है। यातायात क्षेत्र में सजा व जुमार्ना बढ़ाने,या
ट्रैफिक एजुकेशन देने अथवा बोर्ड लगाने से खास फर्क पड़ता नहीं दिख रहा है।
देश
में सड़क दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण तेज रफ़्तार और नशे में वाहन चलाना पाया
गया है। इन हादसों में शिकार लोगों में 25 प्रतिशत दोपहिया सवार हैं। ऐसे
में मौत की एक बड़ी वजह त्वरीत या समय पर इलाज ना मिलना भी सामने आया है।
मसलन पलभर में हवा से बात करते वाहनों की बढ़ती संख्या, निगरानी के
अपर्याप्त साधन और सड़क नियमों व सुरक्षा उपायों की अवहेलना इन हादसों की
वजह में शुमार हैं। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय की रोड एक्सीडेंट इन
इंडिया की एक रिपोर्ट पर गौर की जाए तो ड्राइवर की गलती से होने वाले सड़क
हादसों में 55.6 फीसदी तय सीमा से ज्यादा रफ़्तार के चलते होते हैं और ऐसी ही
गलती से होने वाले हादसों में मारे गए लोगों में 56.2 फीसदी लोगों की मौत
की वजह ओवरस्पीडिंग रही है।
11Oct-2015
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