सोमवार, 5 अक्तूबर 2015

विदेशियों को नहीं मिलेगी किराये की कोख!

सरकार सख्त कानून बनाने के लिए लाएगी विधेयक
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
भविष्य में विदेशियों के लिए भारत में किराये की कोख लेना बेहद मुश्किल हो जाएगा। मसलन केंद्र सरकार देश में किराये की कोख यानि सरोगेसी के कानूनी नियमों को सख्त बनाकर ऐसे प्रावधान लागू करने के लिए जल्द ही एक विधेयक लाने की तैयारी में है। जिसके बाद भारत में कोई भी विदेशी किसी महिला को सरोगेट मदर बनने की पेशकश नहीं कर सकेगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार का सरोगेसी के लिए कानूनी नियमों को सख्त करने का मकसद किराये की कोख के दुरुपयोग रोकना है। सरकार ने ऐसे कानून के लिए संसद में एक नया विधयेक लाने के लिए मसौदा भी तैयार करा लिया है, ताकि सरोगेसी को ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सके। यानि इस काननू के लागू होने पर किसी भी विदेशी नागरिक का भारत में किराये की कोख लेना नामुमकिन ही नहीं, बल्कि असंभव हो जाएगा। सूत्रों के अनुसार नये ‘असिस्टेड रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी रेगुलेशन बिल’ में ऐसे प्रावधान किए जा रहे हैं जिससे सरोगेसी के मामलों में बहुत हद दुरुपयोग को रोका जा सकेगा। दरअसल सरकार का पूरा ध्यान सरोगेसी के कानूनी पहलू को दुरुस्त करने के अलावा इसे सुरक्षित बनाने पर है। क्योंकि भारत में नियम-कानून को ताक पर रखकर कई जगहों पर ऐसे क्लिनिक चलाए जाने की शिकायते रही हैं, जहां सरोगेसी को लेकर उत्पीड़न होता है। वहीं किराये की कोख लेने के लिए विदेशियों को मोटी राशि चुकानी पड़ती है। सूत्रों के अनुसार 2.5 से 6 लाख रुपये तक या उससे भी अधिक रकम किराये की कोख के लिए वसूलने के मामले सामने आए हैं। हालांकि विदेशी नागरिकों का भारत से किराये की कोख लेना कोई नई बात नहीं है। एक अनुमान के मुताबिक करीब 10 हजार विदेशी प्रत्येक साल भारत का दौरा किराये की कोख के लिए करते हैं। इनमें से 30 फीसदी सिंगल या होमोसेक्सुअल होते हैं।
विधेयक में यह भी होगा प्रावधान
सूत्रों के अनुसार सरकार ने इस नए विधेयक में कुछ लोगों को इस तरह की सरोगेसी के लिए छूट देने का भी विकल्प रखा है। मसलन ओवरसीज सिटिजंस आॅफ इंडिया, भारतीय मूल के लोग, नॉन रेजिडेंट इंडियंस और भारतीय नागरिक से विवाह करने वाले किसी भी विदेशी को पहले की तरह यह सुविधा तो रहेगी, लेकिन उसके लिए कानूनी प्रक्रिया पहले से कहीं ज्यादा जटिल हो जाएगी। इसी प्रकार भारतीय महिला से शादी रचाने वाले विदेशी नागरिक को शादी के दो साल बाद ही सरोगेट मदर का लाभ उठाने का मौका मिल सकेगा, लेकिन इसके लिए उन्हें अपने देश की आथॉरिटी से लिखित में यह देना होगा कि उनकी पत्नी मां नहीं बन सकती। वहीं कानूनी प्रावधान के अनुसार गोद लिये बच्चे की पूरी जिम्मेदारी भी ठीक से उठाने का हल्फनामा देना होगा।
कई देशों में है प्रतिबन्ध
भारत में किराये की कोख पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी से पहले इसी साल फरवरी में थाईलैंड संसद में कानून पास करके विदेशियों को किराये पर कोख देने पर प्रतिबंध लगा दिया था। जबििक जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों में पहले से ही सरोगेसी पर प्रतिबंध लगा हुआ है। गौरतलब है कि भारत में वर्ष 2002 में किराये की कोख यानि सरोगेसी को मान्यता दी गई थी।
05Oct-2015

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें