शुक्रवार, 16 अक्तूबर 2015

जल्द घट जाएगा दिल्ली-जयपुर का सफर!

राजस्थान में शुरू होंगी 20 हजार करोड़ की परियोजनाएं
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने दिल्ली-जयपुर के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग के विकास कार्य की बाधाएं दूर करने का दावा किया है। केंद्र सरकार ने अधूरे पड़े राजमार्ग के काम को जल्द से जल्द पूरा करके जयपुर से दिल्ली के सफर को बेहद आसान बनाने की योजना को अंतिम रूप दे दिया है। मसलन मार्च तक इन दोनों शहरों का सफर मात्र तीन घंटे का रह जाएगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार राजस्थान में 20 हजार करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं को हरी झंडी देने के बाद गुरुवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बस में सवार होकर दिल्ली से जयपुर राजमार्ग का जायजा लिया। गड़करी ने स्थलीय निरीक्षण के बाद कहा कि राजस्थान की राजधानी जयपुर और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग का फिलहाल चल रहा चार घंटे का सफर आगामी मार्च 2016 तक तीन घंटे का ही रह जाएगा। इस राजमार्ग के खराब होने के कारण बढ़ रही दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए गडकरी ने इसके लिए पूर्ववर्ती सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने तर्क दिया कि यह परियोजना वर्ष 2011 में पूरी हो जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने विवाद में फंसे राजमार्ग के काम की सभी बाधाओं को दूर कर लिया है और इस महत्वपूर्ण राजमार्ग परियोजना में तीन कामों को छोड़कर फ्लाई ओवरों सहित 57 ढांचों का निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। उस समय जब इस परियोजना का उद्घाटन होगा। केंद्र सरकार के लिए पिंक सिटी एक्सप्रेसवे परियोजना पूरी करना प्राथमिकता में रही है।
इन परियोजनाओं का तोहफा
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को सरकार द्वारा राजस्थान को तोहफे में दी 20 हजार करोड़ की सड़क परियोजनाओं का भी ऐलान कर दिया है। सरकार द्वारा हरी झंडी मिलने वाली इस मेगा सड़क परियोजनाओ के तहत राजस्थान के सीमावर्ती इलाके की करीब 1200 किलोमीटर सड़क समेत 9 राजमार्गों को चिन्हित किया गया है, जिनके पुनर्निर्माण का प्रस्ताव इन योजनाओं में शामिल है। इन योजनाओं में प्रधाानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत भी सड़कों का निर्माण शामिल है, जिनपर करीब 450 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। अन्य योजनाओं में सड़कों का चौड़ीकरण और उन्हें मुख्य हाईवे से जोड़ना शामिल है। सार्वजनिक-निजी साझेदारी-पीपीपी मॉडल के तहत भी करीब एक दर्जन सड़कों को निर्माण के लिए चिन्हित किया गया है।
विवाद के कारण बढ़ी लागत
नितिन गडकरी ने कहा कि 14 बैंकों ने परियोजना का वित्त पोषण किया है। पिछले एक साल में मंत्रालय के अधिकारियों ने बैंकों के साथ कई दौर की बैठकें कर उनसे पुनर्वित्त के लिए अनुरोध किया है। यदि बैंक से वित्त उपलब्ध नहीं हो पाता है तो ऐसी स्थिति में केंद्र करीब 400 करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगा। गौरतलब है कि भूमि अधिग्रहण एवं ठेका संबंध मुद्दों सहित कई कारणों के चलते दिल्ली-जयपुर राजमार्ग परियोजना लंबे समय से अटकी रही है। इस 260 किलोमीटर की राजमार्ग परियोजना की लागत 1,896 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,000 करोड़ रुपये पहुंच गई है।
16Oct-2015

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