जल्द पूरी होगी सड़क परियोजनाओं के टेंडर प्रक्रिया
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
दिल्ली
में वाहनों के बोझ को कम करने के लिए सरकार की ईस्टर्न पेरीफेरल
एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा। इस
परियोजना के पूरा होते ही दिल्ली में घुसे बिना वाहन यूपी से हरियाणा और
अन्य रास्तों पर जा सकेंगे। इसी एक अन्य परियोजना में दिल्ली से मेरठ तक
बनाए जा रहे एक्सप्रेस वे के टेंडर जारी कर दिये गये हैं।
केंद्र
सरकार ने अगले छह महीनो में राष्ट्रीय राजमार्ग के नेटवर्क में करीब 50
हजार किलोमीटर सड़क का इजाफा करने का लक्ष्य रखा है। सड़क परिवहन एवं
राजमार्ग मंत्रालय का दावा है कि यूपीए के दस साल के कार्यकाल में कुल करीब
18 हजार किमी राजमार्ग का निर्माण हुआ है, जबकि राजग सरकार ने 15 सितंबर
के बाद अभी तक करीब 7.5 हजार किमी राजमार्ग का निर्माण पूरा किया है, जो
सरकार की सड़क निर्माण में तेजी दर्शाता है। ऐसी ही परियोजना में दिल्ली के
बाहर हरियाणा से होते हुए यूपी को जोड़ते हुए हरियाणा के सोनीपत तक बनने
वाले 135 किमी लंबे ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के निर्माण का कार्य भी
जल्दी शुरू कर दिया जाएगा, जिसके लिए इसी महीने टेंडर जारी करने की योजना
है। मंत्रालय के अनुसार इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने पिछले महीने ही
7558 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत को मंजूरी दी थी। इसी प्रकार दिल्ली से
गाजियाबाद के रास्ते हापुड़ और मेरठ के सफर को आसान बनाने के लिए नेशनल
हाइवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया ने निजामुद्दीन पुल से लेकर डासना तक एनएच-24 की
28 किमी. सड़क को 14 लेन का बनाने के लिए टेंडर जारी कर दिया है, जिसका
विस्तार पिछले सात साल से अधर में लटका हुआ था। इसके अलावा डासना से हापुड़
के बीच 22 किमी. सड़क को छह लेन करने के लिए भी टेंडर इसी महीने जारी किये
जाने हैं।
संसद में जल्द पेश होगा विधेयक
देश
में बुनियादी ढांचे के विकास को गति देने के मकसद से प्रतिदिन 30 किलोमीटर
सड़क बनाने के लक्ष्य को पार करने की उम्मीद जताते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन
एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का दावा है कि केंद्र सरकार के तैयार नए
मोटन वाहन विधेयक के पारित होते ही देश में 1.5 लाख करोड़ की सड़क परियोजनाओं
में आ रही बाधा को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस
विधेयक को संसद के अगले सत्र में पारित कराने का प्रयास किया जाएगा। सरकार
ने इस विधेयक को छह विकसित देशों के कानूनों का अध्ययन करने के बाद तैयार
किया गया है। विधेयक को पास कराने के लिए विभिन्न दलों और पक्षों से बातचीत
की जा रही है और इसके पारित होने की पूरी उम्मीद है। सरकार का मानना है कि
इस नए मोटर वाहन कानून के लागू होने से देश में सड़क हादसों पर भी अंकुश
लगाना आसान होगा। इस विधेयक के जरिए ही सरकार पिछले दो सालों से देश में
लंबित 350 रेल ओवर ब्रिज परियोजनाओं को जल्द पूरा करने का प्रयास करेगी।
08Oct-2015
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