रविवार, 16 मार्च 2014

ग्लैमर के तड़के ने गाढ़ा किया चुनावी रंग!

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में होगी दिलचस्प सियासी जंग
ओ.पी. पाल

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में राजनीतिक समीकरणों को हर कोई राजनीतिक दल अपने पक्ष में बदलने की जुगत में है। पिछले दिनों दंगों के कारण बिगड़े सियासी समीकरण में कांग्रेस ने जहां जाट आरक्षण का छोंक लगाकर अपने ओर अपने सहयोगी दल रालोद को संभालने का मौका दिया है, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस-रालोद ने इस सियासी समीकरण में ग्लैमर का रंगभर कर भाजपा के रथ को रोकने की मुहिम चलाई है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की दस लोकसभा सीटों पर दस अप्रैल को चुनाव होना है, जिसमें इस बार दिलचस्प मुकाबले की संभावना बनी हुई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दंगों के बाद हिंदु-मुस्लिम वोट बैंक समीकरण गड़बड़ाया था तो उसका सीधा फायदा भाजपा को जाता नजर आया, जिससे कांग्रेस और रालोद के साथ यूपी की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी और उसकी प्रतिद्वंद्वी बसपा भी चौकस नजर आई। भाजपा के प्रत्याशियों से पहले कांग्रेस-रालोद गठबंधन ने अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है, जिसमें दस सीटों में तीन सीटों पर इस गठबंधन ने मायानगरी के सितारों के सहारे लोकसभा चुनाव की लालिमा को आसमां तक ले जाने का प्रयास किया है। कांग्रेस ने मेरठ से अभिनेत्री नगमा और गाजियाबाद से राजबब्बर को तो उसके सहयोगी दल रालोद ने मेरठ से सटी बिजनौर लोकसभा सीट से जयाप्रदा को सियासी जंग में उतारकर ग्लैमर का तड़का लगाया है। दंगों के बाद जिस प्रकार के राजनीतिक समीकरणों के कयास लगाए जा रहे थे वे लोकसभा की तारीख नजदीक आते-आते सियासत के सुरों को बदलकर सुर्ख करने लगे हैं। गैर कांग्रेसी-रालोद दल इस ग्लैमर को बाहरी प्रत्याशी का प्रचार करके अपनी राजनीति साधने में जुट गये हैं तो भाजपा अपने मजबूत इरादों पर कायम है और उसे उम्मीद है कि उनका वोट बैंक छिटकने वाला नहीं है यानि भाजपा के सितारे बुलंदी पर रहेंगे। हालांकि यह तो भविष्य के गर्भ में है कि लोकसभा के नतीजे किसका सितारा बुलंद करते हैं।
मुस्लिम प्रत्याशियों पर भारी भाजपा
मेरठ लोकसभा सीट पर कांग्रेस की प्रत्याशी नगमा भी मुस्लिम प्रत्याशी के रूप में पैराशूट से उतारी गई है, जहां पहले ही बसपा प्रत्याशी हाजी शाहिद अखलाक और सपा प्रत्याशी शाहिद मंजूर अपनी सीधी टक्कर भाजपा से मानकर चल रहे हैं। कांग्रेस भी भाजपा को ही प्रमुख मुकाबले के तौर पर देख रही है। इन मुस्लिम प्रत्याशियों की बंदरबांट में भाजपा को फायदा होने से इंकार नहीं किया जा सकता। गाजियाबाद और बिजनौर सीट पर भी मायानगरी से जुड़े प्रत्याशी कांग्रेस-रालोद ने भाजपा से मुकाबला करने के इरादे से उतारे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को जाटलैंड माना जाता है इसलिए कांग्रेस-रालोद जाट आरक्षण को भुनाने का प्रयास करने में लगी है। लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश पिछले साल हुए दंगों के दर्द का भी इस सियासी महासंग्राम में अहसास कराने के लिए मतदाता जागरूक नजर आ रहे हैं।
16March-2014

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें