रविवार, 2 मार्च 2014

चुनावी सर्वे पर सख्त चुनाव आयोग!


सरकार को कार्यवाही करने को चेताया
केंद्र सरकार के साथ दिल्ली पुलिस आयुक्त को भी लिखा पत्र
ओ.पी.पाल

पिछले साल अक्टूबर में एक स्टिंग में ओपिनियन पोल के नतीजों को मनचाहे ढंग से प्रचारित करने पर जब चुनाव आयोग के कार्यवाही करने के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की तो उसी नतीजे में हाल ही में चुनावी सर्वे करने वाली कुछ एजेंसियों के स्टिंग आपरेशन में सर्वे के नतीजों से छेड़छाड़ करने का खुलासा होने पर चुनाव आयोग गंभीर हुआ और केंद्र सरकार को कार्यवाही करने के लिए चेताया है।
दिलचस्प बात है कि एक न्यूज चैनल पर 25 फरवरी को प्रसारित स्टिंग में चुनाव सर्वेक्षण करने वाली कुछ एजेंसियों का स्टिंग दिखाया गया, जिसमें एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने माना है कि चुनावी सर्वेक्षणों से किस तरह छेड़छाड़ करके उन्हें जनता के सामने परोसा जाता है। ऐसी शिकायत स्वयं कांग्रेस पार्टी के लीगल एवं मानव संसाधन विभाग के सचिव केसी मित्तल ने भारत निर्वाचन आयोग को कुछ सर्वेक्षण एजेंसियों के स्टिंग की प्रतियां देते हुए इस पर कदम उठाने की मांग करते हुए शिकायत दी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त व दोनों चुनाव आयुक्तों को संबोधित शिकायती पत्र में कांग्रेस नेता की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग की और से भारतीय निर्वाचन आयोग के प्रधान सचिव के अजय कुमार ने केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय में सचिव, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव, कारपोरेट मामलों के मंत्रालय में सचिव के अलावा भारतीय प्रेस परिषद के चेयरमैन, न्यूज ब्रोडकास्टिंग एसोसिएशन के चेयरमैन तथा दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी को भी पत्र लिखकर ऐसी संस्थाओं द्वारा ओपिनियन पोल (चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों) के नतीजों में कथित छेड़छाड़ के मामले में ठोस कार्यवाही करने का अनुरोध किया है। गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने इसी प्रकार चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों के नतीजों से छेडछाड़ करने के मामले में केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय में सचिव को 12 नवंबर 2013 को भी एक पत्र लिखा था, लेकिन केंद्र सरकार ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके कारण फिर कांग्रेस नेता की शिकायत पर चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को चेताते हुए इस मामले में कार्यवाही करने को कहा है।
इनका हुआ स्टिंग
हाल में चुनाव पूर्व सर्वेक्षण करने वाली न्यूट स्ट्रीट डिजीटल, सी वोटर न्यूज सर्विस, एमएमआर, डीआरएस, क्यूआरएस जैसी एसेंसियों का स्टिंग सामने आया है, जिनके बड़े अधिकारियों से चुनावी सर्वेक्षण कराने के बाद नतीजों को किसी भी पार्टी के हक में प्रकाशित करने का खुलासा हुआ है। इसके लिए ये कंपनियां बड़ी रकम वसूलती है, जिसे चुनाव आयोग ने आपराधिक कृत्य की श्रेणी में रखा है।
पुलिस रिपोर्ट भी संभव
मुख्य चुनाव आयुक्त वी एस संपत और अन्य चुनाव आयुक्तों को लिखे पत्र में मित्तल ने आयोग के तत्काल हस्तक्षेप की और इस तरह के ओपिनियन पोल के प्रकाशन को रोकने के लिए उचित दिशानिर्देश जारी करने की मांग की थी। इसके अलावा पार्टी ने प्राथमिकी दर्ज करने और कथित घपले में शामिल लोगों पर रोक लगाने की भी मांग की थी। इस तथ्य को देखते हुए आयोग ने पुलिस आयुक्त को भी पत्र लिखा है। ताकि ऐसे मामलों में मुकदमे दर्ज कराए जा सकें।
02March-2014

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