रविवार, 9 मार्च 2014

लोकसभा चुनाव: मनी मीटर पर रहेगी चुनाव आयोग की नजर

बैंको से दस लाख से ज्यादा की नहीं हो सकेगी निकासी
ओ.पी.पाल

चुनाव सुधार की दिशा में उठाए गये कदमों के तहत भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक दलों पर शिकंजा कसते हुए धनबल के इस्तेमाल को रोकने के भी इंतजाम किये हैं। आयोग द्वारा दी गई व्यवस्था के तहत एक दिन में एक प्रत्याशी बैंक से केवल दस लाख रुपये की राशि निकाल सकता है।
भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव सुधार के लिए लगातार उपाय करने के लिए सभी राजनीतिक दलों से भी रायशुमारी की है, जिसमें दलों ने सहयोग के वायदे भी किये हैं। आयोग ने राजनीतिक दलों से समय-समय पर निष्पक्ष और स्वच्छ लोकतांत्रिक प्रणाली को बहाल करने की दिशा में धनबल और बाहुबल की प्रथा को खत्म करने के लिए लगातार अपने शिकंजे को मजबूत करने का प्रयास किया है। वहीं नए दिशा निर्देश जारी कर सभी राजनीतिक दलों को आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को भी अमलीजामा पहनाने की इन लोकसभा चुनाव में सख्ती बरतने का निर्णय लिया है। राजनीतिक दलों के चुनाव खर्च की सीमा बढ़ाने के बाद आयोग ने सभी दलों से इस दिशा में सहयोग की अपेक्षा की है, लेकिन राजनीतिक दलों में सुधार की गुंजाइश कम नजर आ रही है। मसलन सभी राजनीतिक दलों में अपराधी प्रवृत्ति और कुबेरों को टिकट देने की होड़ लगी है, तो आयोग भी इनसे कमतर नहीं है। ऐसी सभी स्थितियों से निपटने के लिए आयोग ने चुनाव आब्जर्वर, चुनाव खर्च की समीक्षा और अन्य मामलों से निपटने के लिए सभी विभागों के अधिकारियों को चुनाव प्रक्रिया को पूरा कराने के लिए टीमों में शामिल किया है। धनबल के इस्तेमाल को रोकने के लिए आयकर विभाग के अधिकारियों के उड़न दस्ते भी बनाए गये हैं जो कहीं भी और किसी भी स्थान पर संदिग्ध मामलों की जांच करने के लिए छापामारी करेंगे। सूत्रों ने बताया कि हवाई अड्डों पर विशेष  दल तैनात किए जा रहे हैं, जो नकदी लाने-ले जाने पर नजर रखेंगे। इसमें हवाई अड्डों पर तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल की भी मदद ली जाएगी। चौबीस घंटे निगरानी रखने के लिए नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किये गये हैं।
धन निकासी पर बैंक भी रहेंगे सतर्क
चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव में सभी बैंकों के अधिकारियों से कहा है कि वे रोज दस लाख से ज्यादा की रकम की निकासी की सूचना जिला निर्वाचन अधिकारी को दें। आयोग के इस कदम से आम लोगों और व्यवसायियों को राहत मिलेगी। इससे पहले निकासी पर नजर रखने की सीमा एक लाख रुपये थी। देशभर में विभिन्न मार्गो पर भी संदिग्ध वाहनों की चैंकिंग रखने के लिए भी जिला निर्वाचन अधिकारियों को जिला अधिकारियों व पुलिस प्रमुखों से तालमेल बनाए रखने की व्यवस्था की गई, जिसमें चुनाव के लिए जाने वाली धनराशि पर आयकर और अन्य वित्तीय अधिकारियों के दलों की नजरें लगी रहेंगी।
दस गुणा बढ़ी निकासी
इन चुनाव से पहले एक लाख रुपये से अधिक की निकासी को संदेहास्पद श्रेणी में रखा गया था। इस बार चुनावी खर्च बढ़ने के साथ बैंक से रकम की निकासी के लिए दस लाख तक की छूट दी गई है, जिसे कुछ लोगों ने असुविधा की शिकायत के बाद लागू किया गया। गौरतलब है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु सहित कई राज्यों में विधानसभा चुनावों के दौरान 200 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की गई है।
शराब स्टॉक पर तिरछी नजर
चुनाव में शराब के इस्तेमाल पर भी चुनाव आयोग की कड़ी नजर रहेगी। इसके लिए शराब कंपनियों के गोदामों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। वहीं रोजना हर ब्रांड की शराब के स्टॉक का रिकार्ड भी बनाया जाएगा। आयोग ने कई राज्यों में प्रशासन को उन क्षेत्रों पर कड़ी नजर रखने को कहा है, जहां शराब की बिक्री अधिक है। पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान काफी मात्र में शराब जब्त हुई थी।
09March-2014



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें