रविवार, 23 मार्च 2014

पन्द्रहवीं लोकसभा में सांसद बनी सर्वाधिक महिलाएं

पन्द्रहवीं लोकसभा में सांसद बनी सर्वाधिक महिलाएं
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।

देश में आजादी के बाद अभी तक चौदहवीं लोकसभा के चुनाव ऐसे रहे जिनमें ज्यादातर दलों ने महिलाओं को उम्मीदवार बनाया और इसी चुनाव में सबसेज्यादा 59 महिलाएं सांसद निर्वाचित होकर लोकसभा में दाखिल हुई।
वर्ष 2009 के आम चुनाव में पन्द्रहवीं लोकसभा के लिए 543 सीटों के लिए कुल 8070 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा, जिनमें 556 महिलाएं शामिल थी। राष्ट्रीय दलों समेत 134 दलों ने महिलाओं की उम्मीदवारी को तरजीह दी और महिलाओं को भी चुनाव मैदान में लाकर सियासी जंग लड़ी, लेकिन 556 में से लोकसभा में केवल 59 महिलाएं पहुंची, जो आजाद भारत में सर्वाधिक संख्या रही। जहां तक पिछले लोकसभा चुनाव में महिलाओं को टिकट देने का सवाल है उसमें 27 महिलाओं ने राज्य स्तरीय दलों से अपनी किस्मत आजमाई, जबकि 207 महिलाएं निर्दलीय रूप से चुनाव मैदान में थी। शेष महिलाएं अन्य दलों से थी। भाजपा ने 44 तो कांग्रेस ने 43 महिलाओं को टिकट दिया था। हालांकि कांग्रेस के टिकट पर 23 और भाजपा के टिकट पर 13 महिलाएं महिलाएं ही निर्वाचित हो सकी। इसके अलावा राष्ट्रीय दलों में बहुजन समाज पार्टी ने 28 महिलाओं को चुनाव लड़ाया जिसमें केवल 4 महिलाएं लोकसभा में दाखिल हो सकी। माकपा ने 6 और भाकपा ने 4 महिलाओं को टिकट दिए थे जिसमें माकपा के टिकट पर एक ही महिला निर्वाचित हो पाई। जबकि भाकपा को महिलाओं पर राजनीतिक दांव रास नहीं आ सका। वहीं शरद पवार की राकांपा ने 7 महिला उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाया और दो ने जीत
हासिल की, जिसमें पवार की बेटी सुप्रिया सुले भी शामिल थी। जहां तक राज्यवार महिलाओं के चुनाव लड़ने और निर्वाचित होने का सवाल है उसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 100 महिलाओं ने चुनाव लड़ा और उनमें से केवल 13 विजयी रहीं। महाराष्ट्र दूसरे पायदान पर रहा, जहां से 55 महिलाओं में से केवल तीन ही जीत सकी। इसके अलावा बिहार में 46 महिलाओं ने चुनाव लड़ा था जिनमें चार निर्वाचित होकर लोकसभा पहुंची।
ग्यारहवीं लोकसभा में रही भरमार
लोकसभा चुनाव के पिछले इतिहास को देखें तो वर्ष 1996 में ग्यारहवीं लोकसभा चुनाव में 543 सीटों के लिए सर्वाधिक 599 महिलाओं ने किस्मत आजमाई थी। लेकिन 40 महिलाओं को ही विजयश्री मिल सकी थी। यही चुनाव ऐसा था, जहां सर्वाधिक 13952 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। लेकिन 40 महिलाओं को ही विजयश्री मिल सकी थी। इसके अलावा वर्ष 2004 में 355 में से 45, 1999 में 284 में 49, 1998 में 274 में 43, 1996 में 599 में से ४०, 1991-92 में 330 में से 38, 1989 में 198 में से 29, 1984-85 में 171 में से 43, 1980 में 143 में से 28, 1977 में 70 में से 19, 1971 में 86 में से 21, 1967 में 67 में 29, 1962 में 66 में से 31 महिलाएं निर्वाचित हुई थी। वर्ष 1957 के चुनाव में केवल 4.45 प्रतिशत महिलाएं ही चुनाव जीत पाई।
23March-2014

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