सोमवार, 24 मार्च 2014

हारते-हारते लोकसभा पहुंचे 114 सांसद!

फ्लैशबैक: 120 निर्वाचित सांसदों को मिले थे 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट
ओ.पी. पाल
पिछले आम चुनाव की राजनीति में जहां 29 सांसद तीस फिसदी वोट लेकर भी लोकसभा में दाखिल हुए थे, वहीं 114 सांसद अपने प्रतिद्वंद्वी से हारते-हारते निर्वाचित होकर लोकसभा तक पहुंचे थे। जबकि 120 सांसदों ने 50 प्रतिशत से ज्यादा मत लेकर जीत हासिल की थी।
पन्द्रहवीं लोकसभा के चुनाव की नतीजे भी कई तरह के राजनीतिक इतिहास रचने के लिए चर्चा में रहे, जिसमें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल रहे बेनी प्रसाद वर्मा, सलमान खुर्शीद और प्रदीप जैन समेत 29 सांसदों को महज तीस प्रतिशत से कम वोट मिलने पर ही जीत मिल गई थी। ऐसा ही रोचक तथ्य उन ११४ सांसदों के लिए सटीक होता है जो तीन प्रतिशत के अंतर से जीत हासिल कर निर्वाचित हुए। मसलन इन सांसदों के लिए यह कहा जा सकता है कि ये हारते-हारते निर्वाचित होकर लोकसभा में दाखिल हुए, इनमें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल रहे पी. चिदंबरम, जयपाल रेड्डी, सुबोधकांत सहाय,दीनशा पटेल, कुमारी सैलजा, मलिकार्जुन खरगे, वीरभद्र सिंह, प्रो. केवी थॉमस जैसे सरीखे नेता भी शामिल रहे। चिदंबरम को निर्वाचित करने का मामला तो अभी तक अदालत में विचाराधीन है। तीन प्रतिशत से कम के अंतर से जीत हासिल करने वाले सांसदों में सर्वाधिक 19 सांसद उत्तर प्रदेश के हैं। जबकि छत्तीसगढ़ के चार, मध्य प्रदेश के आठ और हरियाणा के दो सांसदों के नाम इस फेहरिस्त में शामिल हैं। इनके अलावा आंध्र प्रदेश से 11, गुजरात, महाराष्ट्र  व कर्नाटक के नौ-नौ, बिहार, झारखंड व पंजाब के चार-चार सांसद ऐसी स्थिति में निर्वाचित हुए थे। तमिलनाडु से पी. चिदंबरम समेत सात, राजस्थान व पश्चिम बंगाल से तीन-तीन, केरला से छह, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के अलावा गोवा, अरूणाचल व अंडमान निकोबार द्वीप समूह से एक-एक सांसदलोकसभा में पहुंचे।
छत्तीसगढ़ राज्य की बिलासपुर लोकसभा सीट से भाजपा के दिलीप सिंह जूदेव को रेणु जोगी से केवल 2.62 प्रतिशत वोटों से ही जीत मिली थी। इसी प्रकार दुर्ग से भाजपा की सरोज पांडे ने कांग्रेस के प्रदीप चौबे के मुकाबले 1.10 प्रतिशत वोट ज्यादा लेकर लोकसभा में दस्तक दी, तो कांकेर सीट से कांग्रेस की फूलोदेवी नेताम को भाजपा ने 2.60 प्रतिशत से मात दी थी। इसके अलावा कोरबा सीट से भाजपा की करूणा शुक्ला कांग्रेस के डा. चरणदास महंत से मात्र 2.78 प्रतिशत वोट के अंतर से पराजित हो गई थी। दिलीप सिंह जूदेव का पिछले साल निधन हो गया है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सज्जन कुमार वर्मा ने देवास सीट से भाजपा के थांवरचंद गहलोत को 1.97 फिसदी मतों से हराया था, जबकि धार सीट से कांग्रेस के गजेन्द्र सिंह राजूखेडी मात्र 0.41 वोटों से भाजपा प्रत्याशी मुकम सिंह किरदे को हराने में कामयाब रहे थे। हौसंगाबाद में कांग्रेस के उदयप्रताप सिंह 2.71 प्रतिशत, इंदौर से भाजपा की सुमित्रा महाजन 1.44 प्रतिशत, रीवा से बसपा के देवराज सिंह पटेल 0.67 प्रतिशत, सतना से भाजपा के गणेश सिंह 0.67 प्रतिशत, शहडोल से कांग्रेस की राजेश नंदिनी सिंह 2.13 प्रतिशत तथा उज्जैन से कांग्रेस के गुड्डु प्रेमचंद 2.37 प्रतिशत के अंतर से जीतकर लोकसभापहुंचे थे। हरियाणा की अंबाला सुरक्षित सीट से कांग्रेस की कुमारी सैलजा ने भाजपा के रतनलाल कटारियों को महज 1.68 फिसदी वोटों के अंतर से हराया था। जबकि हिसार लोकसभा सीट से हजकां के भजनलाल ने इनेलो के संपत सिंह को महज 0.84 प्रतिशत वोटों के अंतर से मात देकर जीत हासिल की थी।
इन्हें मिले थे 50 फिसदी से ज्यादा मत
15वीं लोकसभा के चुनाव में 543 सीटों 120 सांसद यानि 22.09 प्रतिशत ऐसे भी थे, जिन्हें कुल मतदान का 50 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा मिला था। ऐसे सांसदों में छत्तीसगढ़ के दो, मध्य प्रदेश के सात, हरियाणा का एक सांसद शामिल है। इसके अलावा पश्चिमी बंगाल के 21, महाराष्ट्र के 10, उत्तर प्रदेश के नौ, गुजरात व केरल के आठ-आठ, दिल्ली के छह, कर्नाटक व ओडिसा के पांच-पांच, बिहार, के चार, पंजाब व तमिलनाडु के तीन-तीन, हिमाचल प्रदेश व त्रिपुरा के दो-दो तथा अन्य राज्यों के एक-एक सांसद शामिल रहे हैं।
24mARCH-2014

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