एयर इंडिया की खुलकर सामने आई लापरवाही
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
भारत की प्रमुख विमानन कंपनी एयर इंडिया की लापरवाही के कारण दिल्ली से जयपुर जाने वाले सैकड़ो यात्री करीब तीन घंटे खौफ के साये में सहमे सहमे एयर इंडिया के विमान में कैद रहे, जिनमें इस बात का खौफ था कहीं विमान को हाईजैक तो नहीं कर लिया गया? ऐसे में एयर इंडिया के कर्मचारी यात्रियों को सही स्थिति बताने के बजाए कभी कुछ तो कभी कुछ कहानी में उलझाते रहे और बाद में तीन घंटे बाद पता चला कि एयर इंडिया के पास कोई विशेषज्ञ पायलट ही नहीं था, जिसके आने के बाद विमान जयपुर के लिए उड़ान भर सका।
पिछले हफ्ते मलेशियाई विमान के लापता होने की खबर की आंच अभी दुनियाभर में रहस्य बनी हुई है कि बुधवार को देश की राजधानी स्थित दिल्ली एयर पोर्ट पर हवाई यात्रियों के सामने ऐसा खौफ सामने आया कि उन्हें घंटो तक पता नहीं चल सका कि वे विमान में किस लिए कैद हैं और उसकी उड़ान क्यों नहीं की जा रही है। दरअसल एयर इंडिया संख्या 610 विमान की उड़ान एक बजकर 10 मिनट पर थी, जिसमें करीब डेढ़ सौ यात्री सवार हो चुके थे और विमान ने उड़ान भरने के लिए रनवे पर दौड़ना भी शुरू कर दिया, लेकिन कुछ मिनटो बाद जब वह रनवे पर अंतिम छोर और एयरपोर्ट के बाहरी क्षेत्र में जाकर रूका तो हवाई यात्रियों के चेहरो से हवा ही उड़ गई। विमान के कर्मचारियों से जानकारी हासिल करने के उत्सुक यात्रियों ने जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि विमान का विशेषज्ञ पायलट नहीं पहुंच पाया है, जिसका इंतजार हो रहा है। इस विमान की यात्रा पूरी करने के बाद जयपुर से एक यात्री ने इस घटनाक्रम की जानकारी देते हुए हरिभूमि को बताया कि इस स्थिति के बावजूद विमान कर्मचारी यात्रियों को असली कारण बताने के बजाए इधर उधर की बाते बताकर कहानियों में ही उलझाते रहे। उन्होंने बताया कि कभी कहा कि पायलट अंदर से दरवाजा नहीं खोल रहे हैं तो इससे यात्रियों में खौफ नजर आने लगा और आशंका लगाई जाने लगी कि कहीं विमान को हाईजैक तो नहीं कर लिया गया। इस यात्री ने बताया कि जिस स्थान पर विमान करीब तीन घंटे खड़ा रहा, वहां घना जंगल था और आसपास कोई सुरक्षा प्रबंध तो दूर की बात मूलभूत सुविधाओं तक का भी इंतजाम नहीं था। एक बार यात्रियों को बताया कि जयपुर के सांगानेर हवाई अड्डे पर काम चल रहा है जिसके लिए विमान देर से उडान भरेगा। इदरीश गांधी यात्री ने बताया कि इस विमान ने मुंबई से आए विशेषज्ञ पायलट के पहुंचने के बाहद करीब साढ़े तीन बजे जयपुर के लिए उड़ान भरी। विमानन मंत्रालय के एक अधिकारी से बातचीत करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा कि वे एयर लाइंस के सीएमडी से बात करें।
इसलिए उठे सवाल
विमानन क्षेत्र में यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाने और तरक्की के पंख लगाने का दावा करने वाली सरकार की प्रमुख एयर लाइंस एयर इंडिया की उड़ानों की स्थिति ऐसी होगी, इसका अंदाजा बुधवार को इस उड़ान ने साबित कर दिया है। इस विमान के यात्री इदरीश गांधी की माने तो कर्मचारियों के यह कहने के बाद कि अंदर से पायलट दरवाजा नहीं खोल रहा है पर यात्रियों में यह समझकर खौफ सा छा गया कि कहीं विमान को हाईजैक तो नहीं कर लिया गया। एयर लाइंस और सरकार के दावों पर सवाल इसलिए भी उठाए गये कि यात्रियों को गुमराह करके विमान को सुनसान जगह ले जाकर खड़ा कर दिया गया, जहां एकदम जंगल था। इससे सवाल उठता है कि एयरलाइंस प्रबंधतंत्र ने समय से विमान को रनवे पर उतारकर अपनी इतिश्री कर दी, लेकिन यात्रियों को जिस परेशानी से गुजरना पड़ा है उसका न तो एयर इंडिया और न ही सरकार को कोई सरोकार है।
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
भारत की प्रमुख विमानन कंपनी एयर इंडिया की लापरवाही के कारण दिल्ली से जयपुर जाने वाले सैकड़ो यात्री करीब तीन घंटे खौफ के साये में सहमे सहमे एयर इंडिया के विमान में कैद रहे, जिनमें इस बात का खौफ था कहीं विमान को हाईजैक तो नहीं कर लिया गया? ऐसे में एयर इंडिया के कर्मचारी यात्रियों को सही स्थिति बताने के बजाए कभी कुछ तो कभी कुछ कहानी में उलझाते रहे और बाद में तीन घंटे बाद पता चला कि एयर इंडिया के पास कोई विशेषज्ञ पायलट ही नहीं था, जिसके आने के बाद विमान जयपुर के लिए उड़ान भर सका।
पिछले हफ्ते मलेशियाई विमान के लापता होने की खबर की आंच अभी दुनियाभर में रहस्य बनी हुई है कि बुधवार को देश की राजधानी स्थित दिल्ली एयर पोर्ट पर हवाई यात्रियों के सामने ऐसा खौफ सामने आया कि उन्हें घंटो तक पता नहीं चल सका कि वे विमान में किस लिए कैद हैं और उसकी उड़ान क्यों नहीं की जा रही है। दरअसल एयर इंडिया संख्या 610 विमान की उड़ान एक बजकर 10 मिनट पर थी, जिसमें करीब डेढ़ सौ यात्री सवार हो चुके थे और विमान ने उड़ान भरने के लिए रनवे पर दौड़ना भी शुरू कर दिया, लेकिन कुछ मिनटो बाद जब वह रनवे पर अंतिम छोर और एयरपोर्ट के बाहरी क्षेत्र में जाकर रूका तो हवाई यात्रियों के चेहरो से हवा ही उड़ गई। विमान के कर्मचारियों से जानकारी हासिल करने के उत्सुक यात्रियों ने जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि विमान का विशेषज्ञ पायलट नहीं पहुंच पाया है, जिसका इंतजार हो रहा है। इस विमान की यात्रा पूरी करने के बाद जयपुर से एक यात्री ने इस घटनाक्रम की जानकारी देते हुए हरिभूमि को बताया कि इस स्थिति के बावजूद विमान कर्मचारी यात्रियों को असली कारण बताने के बजाए इधर उधर की बाते बताकर कहानियों में ही उलझाते रहे। उन्होंने बताया कि कभी कहा कि पायलट अंदर से दरवाजा नहीं खोल रहे हैं तो इससे यात्रियों में खौफ नजर आने लगा और आशंका लगाई जाने लगी कि कहीं विमान को हाईजैक तो नहीं कर लिया गया। इस यात्री ने बताया कि जिस स्थान पर विमान करीब तीन घंटे खड़ा रहा, वहां घना जंगल था और आसपास कोई सुरक्षा प्रबंध तो दूर की बात मूलभूत सुविधाओं तक का भी इंतजाम नहीं था। एक बार यात्रियों को बताया कि जयपुर के सांगानेर हवाई अड्डे पर काम चल रहा है जिसके लिए विमान देर से उडान भरेगा। इदरीश गांधी यात्री ने बताया कि इस विमान ने मुंबई से आए विशेषज्ञ पायलट के पहुंचने के बाहद करीब साढ़े तीन बजे जयपुर के लिए उड़ान भरी। विमानन मंत्रालय के एक अधिकारी से बातचीत करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा कि वे एयर लाइंस के सीएमडी से बात करें।
इसलिए उठे सवाल
विमानन क्षेत्र में यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाने और तरक्की के पंख लगाने का दावा करने वाली सरकार की प्रमुख एयर लाइंस एयर इंडिया की उड़ानों की स्थिति ऐसी होगी, इसका अंदाजा बुधवार को इस उड़ान ने साबित कर दिया है। इस विमान के यात्री इदरीश गांधी की माने तो कर्मचारियों के यह कहने के बाद कि अंदर से पायलट दरवाजा नहीं खोल रहा है पर यात्रियों में यह समझकर खौफ सा छा गया कि कहीं विमान को हाईजैक तो नहीं कर लिया गया। एयर लाइंस और सरकार के दावों पर सवाल इसलिए भी उठाए गये कि यात्रियों को गुमराह करके विमान को सुनसान जगह ले जाकर खड़ा कर दिया गया, जहां एकदम जंगल था। इससे सवाल उठता है कि एयरलाइंस प्रबंधतंत्र ने समय से विमान को रनवे पर उतारकर अपनी इतिश्री कर दी, लेकिन यात्रियों को जिस परेशानी से गुजरना पड़ा है उसका न तो एयर इंडिया और न ही सरकार को कोई सरोकार है।
13March-2014
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