हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।

केंद्रीय
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में सड़क सुरक्षा के
मुद्दे पर बोलते हुए बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों को देश में हो रहे सड़क हादसों
को रोकने की मुहिम में योगदान देने की अपील की। उन्होंने बीमा कंपनियों द्वारा
थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम के मुद्दे को उठाने पर गडकरी ने नाराजगी जताते हुए कहा
कि उन्हें ज्यादा प्रीमियम कमाने के बजाय सड़क सुरक्षा अभियान पर ध्यान देने की
जरूरत है। उन्होंने इस बात पर भी बीमा कंपनियों को फटकार लगाई कि वह बीमा कंपनियों
के प्रीमियम को लेकर उठाए जाने वाले मुद्दे से सहमत नहीं हैं, इससे ज्यादा सडक
हादसों में मर रहे लोगों की जान बचाना ज्यादा अहम है, इसलिए बीमा कंपनियों को भी
सड़क हादसों को रोकने के लिए चलाई जा रही मुहिम में अपना योगदान करने की जरूरत है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नसीहत देते हुए कहा कि बीमा कंपनियां, चाहे वह अमेरिका
हो, ब्रिटेन या यूरोप के अन्य देश, सड़क सुरक्षा कार्यक्रमों में सबसे जयादा योगदान
करती हैं, लेकिन भारत में बीमा कंपनियों को ज्यादा से ज्यादा प्रीमियम वसूलने का रवैया
बरकरार है। उन्होंने कहा कि सडक हादसों में कमी आने से बीमा कंपनियों को ज्यादा
लाभ होगा। उन्होंने दुर्घटनाएं कम होंगी तो सबसे फायदे में बीमा कंपनियां रहेंगी इसके
बाद भी वे सड़क सुरक्षा में योगदान नहीं देती हैं।
संवेदनशीलता की कमी
गडकरी ने
कहा कि मंत्रालय ने कई बार सड़क सुरक्षा अभियान में बीमा कंपनियों को भागीदारी
करने के लिए कहा गया है ,लेकिन इसके लिए किसी भी बीमा कंपनी ने गंभीरता से विचार
तक नहीं किया। जबकि देश में सड़क हादसों को लेकर अनेक संगठन और कंपनियां सहयोग कर
रही है। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि दुनिया के अन्य
देशों के मुकाबले भारत में बीमा कंपनियों और वाहन निमार्ताओं कंपनियों के बीच संवेदनशीलता
की भारी कमी दूर नहीं हो सकी है।
आरटीओ पर भी कसा शिकंजा
इस
कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि मंत्रालय ने एक ‘एम परिवहन’ मोबाइल एप लांच किया
था, जिस पर आम लोगों से सुरक्षा उपायों के बिना चल रहे ट्रकों तथा गलत डिजाइन के वाहनों
की फोटो भेजने की अपील की गई है, ताकि ऐसे वाहनों के परिचालन की अनुमति देने वाले आरटीओ
के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जा सके। उन्होंने आव्हान किया कि सुरक्षा के मामले
में कोई समझौता नहीं होगा और ऐसे असुरिक्षत वाहनों के दोषी आरटीओ के खिलाफ मुकदमें
भी दर्ज कराए जा सकते हैं।
08May-2018
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