रविवार, 20 मई 2018

उजाला योजना से बची 15 हजार करोड़ की बिजली!


देशभर में वितरित किये गये 30 करोड एलईडी बल्ब

हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।


देश में बिजली संकट और ऊर्जा बचत की दिशा में मोदी सरकार की जारी ‘उजाला’ योजना के कार्यान्वयन से तीन साल में 15 हजार करोड़ रुपये की बिजली बचत का दावा किया गया है। इस योजना के तहत देशभर में 30 करोड़ एलईडी बल्बों का वितरण किया गया।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार एक मई 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पीएमओ में पहला एलईडी बल्ब लगाकर उजाला  योजना का शुभारंभ किया था। इस योजना का मकसद वर्ष 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को 33 से 35 फीसदी तक कम करने की प्रतिबद्धता और देश में ऊर्जा दक्षता के उपाय के तौर पर लागू करना है। इस योजना के तहत ऊर्जा मंत्रालय के अधीन चार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के संयुक्त उद्यम एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) ने ऊर्जा दक्षता को देश के विकास के साथ जोड़ते हुए अब तक यानि तीन साल में देशभर में  30 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किये हैं। मंत्रालय के अनुसार इस योजना के तहत बिजली बचत करने की दिशा में एलईडी बल्ब वितरित किये जा रहे हैं, जिसके तहत इस दौरान देश में 15 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा कीमत की 38,95 करोड़ किलोवाट ऊर्जा की बचत की जा चुकी है।  
एलईडी का दायरा बढ़
केंद्र सरकार द्वारा एलईडी के उत्पादन और वितरण को लेकर जारी सतत प्रयासों की वजह से भारत का एलईडी के विश्व बाजार में हिस्सा 0.1 फीसदी से बढ़कर 12 फीसदी तक हो गया है और घरेलू बाजार में भी एलईडी की हिस्सेदारी 0.4 फीसदी से बढ़कर 10 फीसदी हो गई है। उजाला योजना की वजह से आम लोगों के साथ ही बाजार को भी फायदा हुआ है और एलईडी का सालाना घरेलू उत्पादन 30 लाख बल्बों से बढ़कर 6 करोड़ बल्ब हो गया है जिससे लगभग 60 हजार नये रोजगार पैदा हुए हैं। उधर एलईडी बल्बों का वितरण कर रही एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) के प्रबंध निदेशक सौरभ कुमार ने कहा कि देशभर के घरों में बिजली की बचत वाले बल्बों को बड़े स्तर पर अपनाये जाने के साथ ही भारत ने जलवायु परिवर्तन को रोकने के वैश्विक अभियान का नेतृत्व करने की अपनी क्षमता को प्रदर्शित किया है। इन प्रयासों से बने अनूकूलवातावरण का लाभ उठाते हुए ऊर्जा दक्षता के भारतीय तथा वैश्विक बाजार में इसी तरह आगे बढ़ने की उम्मीद है। 
20May-2018


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