शुक्रवार, 18 मई 2018

फ्रेट गांव में विकसित होगा नांगल चौधरी!

हरियाणा से होकर गुजरेगा दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने हरियाणा को लॉजिस्टिक हब बनाने के सपने को आकार देने को महत्वपूर्ण फैसला किया है। मसलन हरियाणा के नांगल-चौधरी में लोजिस्टिक हब की स्थापना करने के लिए उसे फ्रेट गांव के रूप में विकसित करने की मंजूरी दे दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के बाद अब दिल्‍ली मुंबई औद्योगिक गलियारा परियोजना के तहत हरियाणा के नांगल चौधरी में ‘माल लदान गांव’ यानि फ्रेट गांव के रूप में समेकित मल्‍टीमॉडल लॉजिस्टिक्स केन्‍द्र के लिए ट्रंक आधारभूत संरचना का विकास किया जाएगा। इस प्रस्ताव के अनुसार हरियाणा के नांगल चौधरी में इस परियोजना विशेष उद्देश्य वाहन (एसपीवी) द्वारा 886.78 एकड़ जमीन पर माल लदान गांव (फ्रेट विलेज़)समेकित मल्‍टीमॉडल लॉजिस्टिक्स केंन्‍द्र (आईएमएलएच)का विकास दो चरणों में करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। इसके पहले चरण के विकास कार्य के लिए 1029.49 करोड़ रुपये की धनराशि को मंजूर किया गया है। पहले चरण के स्वीकृत खर्च में दूसरे चरण के विकास के लिए इस्‍तेमाल के लिए आवंटित की जाने वाली जमीन के मूल्य सहित जमीन का समूचा 266 करोड़ रुपये मूल्य शामिल है। पहला चरण वित्त वर्ष 2020-21 तक कार्यान्वित किया जाएगा। जबकि परियोजना के दूसरे चरण का काम वर्ष 2028 से पहले तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस परियोजना के बारे में बताया गया कि राष्‍ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास और कार्यान्वयन ट्रस्ट यानि एनआईसीडीआईटी द्वारा 763.49 करोड़ रुपये के निवेश में इक्विटी के रूप में 266 करोड़ रुपये और एसपीवी में ऋण के रूप में 497.49 करोड़ रुपये शामिल हैं।
क्या है गलियारे की परियोजना
केंद्र सरकार की एक वैश्विक निर्माण और निवेश स्थल के रूप में दिल्‍ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे को विकसित करने की महत्वकांक्षी परियोजना के आधार करीब 1504 किलोमीटर लंबे पश्चिमी समर्पित माल गलियारे (डीएफसी) को विकसित किया जा रहा है, जिसमें हरियाणा के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्‍ट्र, राजस्‍थान और उत्तर प्रदेश में फैले इस गलियारे के विकास के लिए निवेश क्षेत्रों और औद्योगिक इलाकों की पहचान की गई है। इसी के तहत हरियाणा में नांगल चौधरी को फ्रेट विलेज के रूप में विकसित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
यह होगा लाभ
प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष लाभों के मामले में परियोजना की असाधारण किफायती उपयोगिता है और इसका अर्थव्‍यवस्‍था पर कई प्रकार से असर होगा। परियोजना के आर्थिक फायदों में रोजगार सृजन, ईंधन की लागत में कमी, निर्यात को बढ़ावा, वाहन (ट्रकों) की परिचालन लागत में कमी, दुर्घटना से जुड़े खर्च में कमी, राज्य सरकारों द्वारा करों के संग्रह में बढ़ोत्‍तरी, प्रदूषण में कमी शामिल हैं। मल्‍टीमॉडल लॉजिस्टिक्स केन्‍द्र के रूप में माल लदान गांव के प्रस्‍तावित विकास से चार हजार प्रत्‍यक्ष और छह हजार अप्रत्‍यक्ष रोजगार सृजित होंगे। रोजगार सृजन मूलभूत लॉजिस्टिक्स सुविधाओं तक ही सीमित नहीं होगा, बल्कि समूची लॉजिस्टिक्स आपूर्ति श्रृंखला के लिए अवसर प्रदान करेगा।
हरियाणा सरकार की भूमिका
इस प्रस्‍तावित माल लदान गांव के क्रियान्वयन के लिए ‘डीएमआईसी मल्‍टीमॉडल लॉजिस्टिक केन्‍द्र प्रोजेक्ट लिमिटेड’ के नाम से एचएसआईडीसी के के साथ एनआईसीडीआईटी हरियाणा सरकार के जरिए सरकार के 50:50 संयुक्त उद्यम के रूप में एक एसपीवी को शामिल किया गया है। माल लदान गांव को डबला में पश्चिमी समर्पित भाड़ा गलियारे (डीएफसी) से जोड़ा जाएगा जिसकी दूरी करीब 10 किलोमीटर है। यह लॉजिस्टिक केन्‍द्र डीएफसी से जुड़ा हुआ है जिसमें  प्रमुख बंदरगाहों औद्योगिक केन्‍द्र के लिए उच्च गति कनेक्टिविटी को प्रमुखता दी गई है। 
17May-2018

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