बुधवार, 9 मई 2018

डेढ़ गुणा होगा खरीफ फसलों का एमएसपी!

मंत्री समूह जल्द करेगा प्रस्ताव पर फैसला
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार द्वारा किसानों की आय को दो गुना करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए खरीफ की फसलों के न्यनतम समर्थन मूल्य को डेढ़ गुणा करने का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव के तहत सरकार की गठित एक मंत्री समूह जल्द ही फैसला लेगी और अपनी सिफारिश केंद्रीय कैबिनेट को भेजेगी।
मोदी सरकार के देश में कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की आमदनी को दो गुणा करने का लक्ष्य के तहत किसानों की फसलों को उचित दाम देने की दिशा में योजनाएं शुरू की गई है। दरअसल इस दिशा में कृषि मंत्रालय और नीति आयोग ने खरीफ फसलों पर किसानों को डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मुहैया कराने के लिए कई फार्मूलों पर मंथन किया है। किसानों की आय को दो गुणा करने के लक्ष्य के रास्ते पर चलने के लिए सरकार ने किसानों को खरीफ की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य को डेढ़ गुणा बढ़ाने के लिए विचार किया है। इस दिशा में केंद्र सरकार जल्द फैसला लेगी, जिसके लिए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक मंत्री समूह का गठन किया है। यह मंत्री समूह जल्द ही बैठक करके खरीफ फसलों के एमएसपी को डेढ़ गुणा बढ़ाकर किसानों को मुहैया कराने की दिशा में मंथन करेगा। सूत्रों के अनुसार जल्द ही मंत्री समूह इस निर्णय पर अपना महत्वपूर्ण फैसला लेगा। मंत्री समूह खरीफ फसलों की एमएसपी डेढ़ गुना करने की सिफारिशों को केंद्रीय मंत्रिमंडल को भेजेगा, जहां इस फैसले पर अंतिम निर्णय होगा। गौरतलब है कि एमएसपी को डेढ़ गुना करने का ऐलान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट 2018-19 में भी किया था।
कैबिनेट में लगेगी फैसले पर मुहर
सूत्रों के अनुसार खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को डेढ गुणा करने के लिए फैसला करने के लिए मंत्री समूह जल्द ही बैठक करेगा और विचार विमर्श करने के बाद वह कैबिनेट नोट के रूप में अपनी सिफारिश तैयार करेगा, जिस पर केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मुहर लगने के बाद किसानों के हित में फैसला जारी हो जाएगा। गौरतलब है कि गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर भी केंद्र सरकार ने गडकरी के नेतृत्व में एक मंत्री समूह गठित किया था। मंत्री समूह के निर्णय के बाद चीनी मिल मालिकों पर शिकंजा कसते हुए समय सीमा के भीतर भुगतान की प्रक्रिया पूरी करने का निर्णय लिया गया है।
मध्य प्रदेश का फार्मूला भी संभव
कृषि और किसानों को प्रोत्साहन की दिशा में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही भावांतर योजना पर भी कृषि मंत्रालय और नीति आयोग ने विचार विमर्श किया है। एमपी सरकार की इस योजना को अपनाने से केंद्र पर खर्च का भार अन्य की तुलना में काफी कम है। इसे लागू करने पर सरकार को 10-13 प्रतिशत तक खर्च की बचत होगी। पहला फॉर्मूला बाजार आश्वासन योजना (एमएपी) है, जिसमें राज्य सरकारों को मूल्य समर्थन योजना के तहत अनाज खरीदना होता है। उसमें औसत खर्च 12-15 फीसदी होता है, जबकि तीसरा फॉर्मूला निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन देकर एमएसपी पर खरीद का है, जिसे व्यावहारिक नहीं माना जा रहा। किसानों को एमएसपी से बाजार भाव कम होने की स्थिति में दोनों के बीच के अंतर की राशि किसानों को मुहैया कराई जाएगी।

09May-2018

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